पटना: मंगलवार को वज्रपात की चपेट में आने से प्रदेश में 5 लोगों की मौत हो गई. बारिश और ठनके की बढ़ती आशंका को देखते हुए सूबे में 18 जून तक के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है. कैमूर में बरगद के पेड़ पर ठनका गिरने से उसके नीचे छिपे करीब डेढ़ दर्जन लोग झुलस गये. इनमे से एक युवक की मौत हो गयी.
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अलग-अलग क्षेत्रों में 5 लोगों की मौत
कैमूर के रामगढ़ थाना क्षेत्र में पेड़ के नीचे खेल रही किशोरी पर ठनका गिरने से उसकी मौत हो गयी. मधेपुरा के कुमारखंड में घास काट घर लौट रही महिला ठनका की चपेट में आ गयी, जिससे उसकी मौत हो गई. वहीं, बांका जिले के धुसरी बहियारी में मवेशी चरा रहे वृद्ध की ठनका से मौत हो गई और सारण के परसा स्थित प्रसादी गांव में वज्रपात की चपेट में आने से 55 साल के एक व्यक्ति की मौत हो गई है.
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ठनका से हर साल होती हैं कई मौतें
आपदा विभाग द्वारा लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल प्रचार-प्रसार कराया जाता है. लेकिन लोग बारिश के दौरान पेड़ के नीचे छुप जाते हैं. जिससे आकाशीय बिजली के चपेट में आ जाते हैं. अगर आकाशीय बिजली, बिजली के खंभों के संपर्क में आती है तो वह उसके लिए कंडक्टर (संचालक) का काम करता है लेकिन उस समय कोई व्यक्ति इसकी परिधि में आ जाता है तो वह उस चार्ज के लिए सबसे बढ़िया कंडक्टर का काम करता है. यह मनुष्य के सिर, गले और कंधों को सबसे अधिक प्रभावित करती है.
बिजली गिरने पर इन बातों का रखें ध्यान
- अगर बादल गरज रहे हों, तो ये इस बात का संकेत है कि वज्रपात हो सकता है
- पानी, बिजली के तारों, खंभों, हरे पेड़ों और मोबाइल टॉवर आदि से दूर रहें
- नीचे दुबक कर पैरों के बल बैठ जाएं. यानि अपनी दोनों एड़ियों को जोड़कर उकड़ू होकर बैठ जाएं
- एक से ज्यादा लोग हैं तो एक दूसरे से दूरी बनाकर खड़े हो
- छतरी या मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करें.
- छतरी या सरिया जैसी कोई चीज हैं तो अपने से दूर रखें
- पुआल आदि के ढेर से दूर रहें, उसमें आग लग सकती है
- अगर किसी पर बिजली गिर जाए, तो तुरंत डॉक्टर की मदद लें.
- किसी पर बिजली गिरी हो तो उनकी नब्ज जांचे और अगर आप प्रथम उपचार देना जानते हैं तो दें