पटना: मंगलवार को पटना के मीठापुर स्थित आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी (Aryabhatta Knowledge University) के परिसर में प्रदेश के 38 इंजीनियरिंग कॉलेज से आए फर्स्ट ईयर के छात्रों (First Year Medical Students) ने प्रमोशन की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया. छात्रों का कहना था कि एक सितंबर को जब वह यूनिवर्सिटी पहुंचे थे तो यूनिवर्सिटी प्रबंधन से उन्हें जानकारी दी कि उनके प्रमोशन को लेकर 5 सितंबर तक निर्णय हो जाएगा. लेकिन अभी तक नोटिस नहीं आया है.
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6 सितंबर को प्रमोशन का नोटिस देने का आश्वासन दिया गया था. लेकिन जब छात्रों को 6 सितंबर को नोटिस नहीं मिला तो ऐसे में सभी छात्र एक बार फिर से अपनी मांगों को लेकर यूनिवर्सिटी कैंपस पहुंच गए. नाराज छात्रों को विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ पुष्पेंद्र कुमार वर्मा ने समझाया बुझाया. 10 तारीख तक छात्रों की मांगे पूरी किए जाने का आश्वासन दिया गया है तब जाकर छात्र शांत हुए.
जमुई विश्वविद्यालय से आए बीटेक फर्स्ट ईयर के छात्र कुणाल देव ने कहा कि 1 सितंबर को वह फर्स्ट ईयर में प्रमोशन की मांग को लेकर जब विश्वविद्यालय के अधिकारियों से मिलने पहुंचे तो उन्हें आश्वासन दिया गया कि 5 सितंबर तक उनके प्रमोशन पर निर्णय लेकर 6 सितंबर को उन्हें कॉलेज के माध्यम से सूचित कर दिया जाएगा. मगर इस पर फैसला अब तक नहीं हुआ है.
छात्रों ने कहा कि सेशन पहले से काफी लेट हो चुका है ऐसे में वह फिर से एक बार विश्वविद्यालय में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करने पहुंचे थे. जहां रजिस्ट्रार ने उन्हें 10 सितंबर तक प्रमोशन के बारे में फैसला लिए जाने की बात कही है. इस दौरान नाराज छात्रों ने कहा कि अगर 10 सितंबर को भी उनकी मांग पर कोई निर्णय नहीं होता है तो वह आगे फिर से विश्व विद्यालय कैंपस पहुंचकर आंदोलन करेंगे और भूख हड़ताल पर बैठेंगे.
भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र शैलेंद्र कुमार ने बताया कि आईसीटीसी और यूजीसी नेट फर्स्ट ईयर के छात्रों के प्रमोशन का रास्ता साफ कर दिया है. मगर आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी इस बारे में अब तक कोई निर्णय नहीं लिया है. इस वजह से छात्रों का भविष्य बर्बाद हो रहा है. छात्रों का आरोप है कि फर्स्ट ईयर में पढ़ाई नहीं कराई गई और अब विश्वविद्यालय द्वारा 22 सितंबर से फर्स्ट ईयर के एग्जामिनेशन का डेट निकाल दिया गया है.
छात्रों की मांग सही है. सेकंड ईयर थर्ड ईयर के छात्रों को प्रमोट करने के लिए हमारे पास बेस है कि पिछले रिजल्ट के आधार पर छात्रों को प्रमोट कर सकते हैं. लेकिन फर्स्ट ईयर के लिए कोई बेस नहीं है. फर्स्ट ईयर के छात्रों के मसले पर विश्वविद्यालय के वीसी की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों की बैठक हुई और इसमें निर्णय लिया गया कि इंटरनल मार्क्स के आधार पर छात्रों को प्रमोट किया जाए.-डॉ पुष्पेंद्र कुमार वर्मा, विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार
प्रदेश के सभी प्राइवेट और सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों को निर्देश दिया गया कि इंटरनल के आधार पर छात्रों का मार्क्स तैयार कर यूनिवर्सिटी को भेजें. छात्रों को आश्वासन दिया गया था कि 6 सितंबर तक उनके प्रमोशन को लेकर निर्णय ले लिया जाएगा मगर कई कॉलेज द्वारा अब तक इंटरनल का मार्क्स नहीं भेजा गया है. इस वजह से प्रमोशन के निर्णय को लेकर विलंब हो रहा है. अब छात्रों को आश्वासन दिया है कि 10 सितंबर तक प्रमोशन को लेकर फैसला ले लिया जाएगा और इसके बारे में जानकारी छात्रों को उनके मेल पर और कॉलेज के माध्यम से दे दिया जाएगा. विश्वविद्यालय से जुड़े 38 इंजीनियरिंग कॉलेज के करीब आठ हजार बीटेक फर्स्ट ईयर के छात्रों को अब 10 सितंबर का बेसब्री से इंतजार है.
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