पटना: बिहार सरकार ट्रांसजेंडरों के लिए पुलिस बटालियन तैयार करने वाली है. इसको लेकर राष्ट्रीय ट्रांसजेंडर परिषद के सदस्यों ने खुशी जाहिर की है. बिहार देश का पहला ऐसा राज्य होगा जहां ट्रंसजेंडर पुलिस बटालियन होंगे.
बता दें कि इस मामले को लेकर पटना हाईकोर्ट ने जनहित याचिका दायर की गई थी, जिस पर कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. बताया जा रहा है कि राज्य में चल रही कॉन्स्टेबल भर्ती प्रक्रिया में संविधान के प्रावधान का पालन नहीं किया गया है. इसमें ट्रांसजेंडर श्रेणी के लिए आवेदन का कोई प्रावधान नहीं किया गया था. इसी वजह से जनहित याचिका दायर की गई थी.
अंतिम सूची तैयार करने की प्रक्रिया स्थगित करने के निर्देश
ये जनहित याचिका मीरा यादव की ओर से हाईकोर्ट में दायर की गई थी. इसी पर 14 दिसंबर को चीफी जस्टिस्ट संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की और सरकार से जवाब मांगा. हालांकि सरकार को 22 दिसंबर तक जवाब देने को कहा गया था. लेकिन छुट्टी होने की वजह से सुनवाई टल गई थी. हालांकि कोर्ट ने राज्य सरकार को तुरंत इस मामले को देखने और कुछ भी कार्रवाई करने के साथ अगल आदेश तक अभ्यर्थियों की अंतिम सूची तैयार करने प्रक्रिया स्थगित करने का निर्देश दिया है.
विचार-विमर्श जारी
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि राज्य में सिपाही बहाली में ट्रांसजेंडर के लिए आवेदन का प्रावधान नहीं किया गया है. इस कारण वो लोग आवेदन करने से वंचित रह गए. हालांकि राज्य सरकार के अधिवक्ता अजय ने दलील दी कि राज्य सरकार का यह नीतिगत मामला है. इसलिए सरकार को जवाब देने की मोहलत दी जाए. इस मामले में मिल रही जानकारी के अनुसार राज्य सरकार विचार विमर्श कर रही है. हालांकि इस मामले में गृह विभाग और पुलिस डिपार्टमेंट का कहना है कि सरकार के लेवल पर विचार-विमर्श जारी है. इस पर कुछ भी कहना अभी जल्दबाजी होगी.
40 हजार ट्रांसजेंडरों को मिलेगा लाभ
बिहार में 18 साल की उम्र पार कर चुके 40 हजार ट्रांसजेंडरों को नीतीश कुमार की सरकार के इस फैसले से लाभ मिलेगा. इस तरह से बिहार पुलिस भर्ती में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत सीट आरक्षित करने के बाद नीतीश सरकार का यह बहुत बड़ा फैसला हो जाएगा.