पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर जदयू के वर्चुअल सम्मेलन के पांचवें दिन 4 टीमों ने 16 विधानसभा क्षेत्रों को संबोधित किया. इसका नेतृत्व पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह, प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, मंत्री विजेंद्र यादव और सांसद ललन सिंह ने किया. इस दौरान नेताओं ने लोगों से विकास के नाम पर वोट करने की अपील की.
नीतीश सरकार के कामों का गुणगान
विधानसभावार वर्चुअल सम्मेलन के पांचवें दिन राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) व राज्यसभा में दल के नेता आरसीपी सिंह के नेतृत्व में दरभंगा जिले के बेनीपुर, मुजफ्फरपुर जिले के मीनापुर, सकरा एवं बरूराज विधानसभा क्षेत्र में सम्मेलन का आयोजन हुआ. उनकी टीम में सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार, परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला, सांसद चन्देश्वर प्रसाद चन्द्रवंशी, विधायक अभय कुशवाहा और प्रदेश प्रवक्ता अंजुम आरा शामिल रहीं.
आरसीपी सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र को लें तो 1990 से 2005 तक स्वास्थ्य विभाग का 15 वर्षों का कुल बजट, जबकि झारखंड भी तब बिहार का हिस्सा था, मात्र 1 हजार 16 करोड़ था. आज स्वास्थ्य विभाग का केवल एक साल का बजट 10 हजार 900 करोड़ से अधिक का है. इसी तरह 2005 में जो मातृ मृत्यु दर (प्रति एक लाख) 315 थी, वो आज 149 है. शिशु मृत्यु दर भी 2005 के (प्रति एक हजार) 65 से घटकर 38 हो गई है. संस्थागत प्रसव की ही बात करें तो 2005 में यह मात्र 4% था, जो आज बढ़कर 80% हो गया है.
आरसीपी सिंह ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार ने बिहार की बेहतरी के लिए हर संभावना पर काम किया है. उन्हीं के प्रयासों से मैथिली भाषा संविधान की आठवीं अनुसूचि में शामिल हो पाई. इस बार यूपीएससी की परीक्षा में 27 अभ्यर्थियों ने मैथिली विषय से सफलता हासिल की. क्या यह पहले संभव था? इसी तरह उन्होंने गन्ने के रस से एथेनॉल के उत्पादन को सुगम बनाने, लीची को बिहार के उत्पाद के तौर पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने और मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में बिहार के लगभग आत्मनिर्भर होने में उनकी दूरदर्शिता की विस्तार से चर्चा की.
विपक्ष पर साधा निशाना
वहीं, सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि हमारी राजनीति सेवा के लिए है, जबकि विपक्ष की राजनीति सम्पत्ति सृजन के लिए है. कोरोना से लड़ने के लिए हमारी सरकार ने 8538 करोड़ रुपये खर्च किए. वहीं पंजाब ने मात्र 106 करोड़, पश्चिम बंगाल ने 200 करोड़ और राजस्थान ने 2000 करोड़ रुपये खर्च किए. यही नहीं, दूसरे राज्यों से लौटे लोगों के लिए बिहार में 15 हजार से ज्यादा क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए और उनके रोजगार के लिए भी तमाम प्रयास किए जा रहे हैं.
'CM का नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित होगा'
सांसद राजीव रंजन सिंह, योजना एवं विकास मंत्री महेश्वर हजारी, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री मदन सहनी एवं पूर्व सांसद कहकशां परवीन ने तरैया, लालगंज, पातेपुर एवं सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. ललन सिंह ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए बताया कि पिछले 15 वर्षों में किये गये कार्यों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास गाथा को लिखा जाएगा. यही नहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित किया जाएगा. सीएम नीतीश ने लगभग सभी क्षेत्रों में काम किया है अगर उन सभी कार्यों की चर्चा की जाए तो करीब 2 दिनों का समय लगेगा.
बेहतर सड़कों का निर्माण
पिछले 15 वर्षों में राज्य सरकार ने लगभग सभी टोला एवं गांव की सड़क को मुख्य सड़क से जोड़ने का काम किया है. बेहतर सड़कों के निर्माण तथा राज्य की सभी नदियों पर पुल-पुलिया के निर्माण के कारण आज आम जनता को राज्य के सभी कोनों से 5 घंटों में राजधानी पटना पहुंचने का लक्ष्य राज्य सरकार ने निर्धारित किया है. ललन सिंह ने राज्य में बिजली के मामले में हुए बदलाव लेकर कहा कि नीतीश कुमार ने बिजली की खपत को 600 मेगावाट से बढ़ाकर 6200 मेगावाट की आपूर्ति पूरे राज्य में सुनिश्चित कराकर हर घर बिजली उपलब्ध करा रहे है.
विकास कार्यों से बदल रहा बिहार
रफीगंज, गयाटाउन, बाराचट्टी एवं बोधगया विधानसभा क्षेत्रों में आयोजित वर्चूअल सम्मेलनों को सम्बोधित करते हुए बिहार प्रदेश जदयू अध्यक्ष एवं सांसद बशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि सात निश्चय ने विकसित बिहार के सपने को साकार करना आरम्भ कर दिया है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दूरदर्शिता एवं ओजस्विता के साथ जिस तरह से बिहार को सजाया और संवारा है, उसकी दूसरी मिसाल नहीं हो सकती.
उन्होंने कहा कि1990 से 2005 के बिहार के मुकाबले पिछले पंद्रह वर्षों में बिहार में हुए विकास कार्यों से बिहार बदल रहा है. कानून व्यवस्था बेहतरीन है, वर्तमान बिहार से आगे का बिहार और बेहतर बने, यह संकल्प नीतीश जी ने लेकर जल जीवन हरियाली जैसे महत्वकांक्षी कार्यक्रम के माध्यम से पर्यावरण एवं परिस्थितिकि की चुनौतियों से निपटने के रोडमैप पर भी कार्य आरम्भ कर दिया. उन्होंने कार्यकर्ताओं से जन-जन तक राज्य सरकार की उपलब्धियों को पहुंचाने की अपील करते हुए कहा कि विपक्ष के दुष्प्रचार को निष्प्रभावी भी बनाना है, साथ ही अपने नेता नीतीश जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर भी मुखर होकर जनता से संवाद भी करना ह.
CM नीतीश और लालू के शासन की तुलना
इधर, भवन निर्माण मंत्री अशोक चैधरी ने लालू-राबड़ी शासन एवं नीतीश के शासन की तुलना करते हुए इसे अंधकार बनाम उजाला, अराजकता बनाम कार्यसंस्कृति एवं भ्रष्टाचार बनाम सदाचार का संघर्ष बताया. बिहार में सड़क, बिजली, आधारभूत संरचना एवं महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में बेमिसाल उपलब्धियों का श्रेय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ही मिलेगा.
विकास की मिसाल
इस सम्मेलन के तहत कटिहार जिले के कदवा, बरारी, कोढ़ा और मधेपुरा जिले के आलमनगर विधानसभा क्षेत्रों के पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के साथ संवाद में ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार ने पिछले 15 वर्षों में न्याय के साथ विकास की मिसाल पेश की है. उनसे पहले जो मुख्यमंत्री हुए, उन्होंने ‘माल कमाओ, जेल जाओ’ की नीति पर अमल करते हुए बिहार को और पीछे धकेला, लेकिन 15 साल पहले बिहार को नीतीश कुमार के रूप में एक ईमानदार मुख्यमंत्री मिला, जिन्होंने सड़क, बिजली, शिक्षा, कृषि रोडमैप, सामाजिक कल्याण की अनेकानेक नीतियों आदि के जरिये सभी क्षेत्रों में बिहार का चैतरफा विकास किया है. इस दौरान विकास की योजनाएं बिहार के गांवों तक ही नहीं, टोलों और गलियों तक भी पहुंची.
कृषि प्रधान राज्य में बिहार में बड़े पैमाने पर सड़कों, पुलों के निर्माण से कृषि उत्पादों को दूर-दूर तक व्यापक बाजार मिला है, जिससे किसानों को बेहतर मूल्य मिल रहे हैं. बिहार के मक्के की मांग अब सिर्फ अपने देश में नहीं कई दूसरे देशों में हो रही है. राज्य में कृषि संबंधी अनुसंधान को काफी बढ़ावा मिला है. बिहार पहला राज्य है, जिसने महिलाओं को पंचायती राज में आरक्षण देने का फैसला किया. उन्होंने लोगों जात-पात से ऊपर उठ कर वोट करने का आह्वान करते हुए लोगों को आगाह किया कि विकास के काम को तरजीह नहीं दीजिएगा तो बिहार में कोई भी राजनेता काम नहीं करना चाहेगा.
बाढ़ को लेकर दी जानकारी
सम्मेलन का संचालन करते हुए जदयू के राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्य के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने विभिन्न नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में पिछले दो दिनों में हुई भारी बारिश से उत्पन्न हालात की विस्तार से जानकारी दी और लोगों को जागरूक किया. उन्होंने बताया कि कटिहार के ढेंगरा घाट गेज स्टेशन पर महानंदा का लेवल आज सुबह खतरे के निशान मामूली ऊपर है. पूर्णिया के तैयबपुर स्टेशन पर लेवल पिछले 24 घंटे में कम हुआ है. कटिहार में भी जल्द स्थिति सामान्य होने की संभावना है. संजय झा ने बताया कि महानंदा, रतवा और नागर नदी पर बांध बनाने को मंजूरी मिल चुकी है। इसके लिए कुल 1999 एकड़ से अधिक भूमि के भू-अर्जन की प्रक्रिया चल रही है. यह पूरा प्रोजेक्ट 882 करोड़ रुपये का है, जिसमें से 342 करोड़ रुपये सरकार द्वारा दिये जा चुके हैं.
इस कार्य के लिए दोबारा टेंडर शीघ्र जारी किया जायेगा. उन्होंने बताया कि जल संसाधन विभाग के अधिकारी एवं इंजीनियर पूरे राज्य में अलर्ट मोड में है. विभाग ने इस वर्ष बाढ़ से सुरक्षा के उपायों में जनसहभागिता के लिए कई नई पहल भी की है. एक टाॅल फ्री नंबर 18003456145 जारी किया गया है और इस पर आने वाली सूचनाओं पर त्वरित कार्रवाई के लिए पटना में ‘केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कोषांग सह सहायता केंद्र’ का गठन किया गया है. ट्विटर पर भी विशेष हैशटैग जारी किया गया है. इनके जरिये आम लोगों से मिलने वाली जरूरी सूचनाओं पर भी विभाग ने वहां तुरंत काम करवाया.