पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के पहले फेज का चुनाव 28 अक्टूबर को होने जा रहा है. इसको लेकर चुनाव प्रचार भी जोर पकड़ चुका है. 1,066 प्रत्याशियों के भाग का फैसला 71 सीटों के लिए होगा. ऐसे इस चुनाव में 8 मंत्रियों की साख दांव पर लगा हुआ है. सबसे दिलचस्प मुकाबला दिनारा विधानसभा क्षेत्र में जेडीयू के मंत्री जय कुमार सिंह का हो गया है, क्योंकि यहां से राजेंद्र सिंह मुकाबले में हैं, जो लोजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं.
दरअसल, विधानसभा चुनाव के पहले फेज में जेडीयू और बीजेपी के 8 मंत्रियों की किस्मत ईवीएम में बंद होने वाली है.
- दिनारा से जय कुमार सिंह
- जहानाबाद से शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा
- गया टाउन से कृषि मंत्री प्रेम कुमार
- जमालपुर से ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार
- राजपुर सुरक्षित सीट से परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला
- बांका से राजस्व मंत्री रामनारायण मंडल
- लखीसराय से श्रम मंत्री विजय कुमार सिन्हा
- चैनपुर से अनुसूचित जाति और जनजाति कल्याण मंत्री बृजकिशोर बिंद की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है.
28 अक्टूबर को 8 मंत्रियों की किस्मत ईवीएम में होगी बंद
गया टाउन से कृषि मंत्री प्रेम कुमार का मुकाबला दिलचस्प इसलिए बन गया है, क्योंकि यहां से पहले फेज में सबसे अधिक 27 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. ऐसे तो प्रेम कुमार लगातार चुनाव जीतते रहे हैं और इस बार भी उनकी स्थिति मजबूत है. बीजेपी के ही श्रम संसाधन मंत्री विजय सिन्हा का काफी विरोध हुआ है. बावजूद पार्टी ने उनको लखीसराय से टिकट देकर फिर से उनपर विश्वास किया है. बांका से बीजेपी मंत्री रामनारायण मंडल का मुकाबला भी कांटे का है. 2010 में एनडीए की लहर में भी रामनारायण मंडल हार गए थे, लेकिन 2015 के महागठबंधन लहर के बावजूद जीत गए.
वहीं जेडीयू मंत्री कृष्णनंदन वर्मा को इस बार जहानाबाद से चुनाव मैदान में हैं. स्थान बदलने से खुश तो नहीं हैं. क्षेत्र में कई स्थानों पर विरोध भी हुआ है. लोजपा ने जेडीयू के अधिकांश उम्मीदवारों के खिलाफ उम्मीदवार उतार दिया है और इसके कारण भी जेडीयू उम्मीदवारों की मुश्किलें बढ़ी हुई है. महागठबंधन के साथ लोजपा उम्मीदवारों को भी टक्कर देना पड़ रहा है.
पहले चरण में 23 सीटों पर 15 से अधिक उम्मीदवार चुनौती दे रहे हैं और इसके कारण चुनाव आयोग की परेशानी की बढ़ी हुई है. चुनाव आयोग इन सीटों पर दो बैलट यूनिट ईवीएम का प्रयोग करेगा. इसमें...
गया टाउन से 27
टेकारी से 23
वजीरगंज से 22
रजौली से 22
गुरुआ से 23
अरवल से 23
पालीगंज से 25
शाहपुर से 23
सासाराम से 20
करगहर से 20
बांका से 19
जमालपुर से 19
सूर्यगढ़ा से 19
दिनारा से 19
चैनपुर से 19
कुर्था से 19
डुमरांव से 18
लखीसराय से 18
बाढ़ से 18
जगदीशपुर से 18
बोधगया सुरक्षित से 17 प्रमुख हैं. ऐसे सबसे कम उम्मीदवार कटोरिया विधानसभा क्षेत्र से हैं. वहां केवल 5 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. इसके अलावा मोकामा 8, हिसुआ में 8, औरंगाबाद में 9 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं.
बागियों की वजह से लड़ाई दिलचस्प
मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्र के अलावा कई सीट ऐसे हैं. जिस पर टिकट कटने के कारण विधायक बागी हो गए हैं और चुनाव मैदान में हैं. डुमरांव का सीट भी उसमें से एक है. जेडीयू ने इस बार ददन यादव का टिकट काट दिया है और इसके कारण वो बागी हो गए हैं. जेडीयू ने महिला प्रवक्ता अंजुम आरा को मैदान में उतारा है. इस सीट पर भी मुकाबला दिलचस्प है.
पालीगंज विधानसभा सीट से जेडीयू ने आरजेडी से आए विधायक जयवर्धन यादव को मौका दिया है और इसके कारण बीजेपी की उषा विद्यार्थी बागी होकर लोजपा के टिकट पर यहां से चुनाव लड़ रही हैं. वहीं सासाराम से बीजेपी के बागी रामेश्वर चौरसिया लोजपा के टिकट पर आरजेडी से जेडीयू में आए अशोक कुमार को चुनौती दे रहे हैं. कई अन्य बागी भी चुनाव मैदान में उतर कर चुनाव को रोचक बना दिया है. बागियों ने न केवल जेडीयू बल्कि बीजेपी और आरजेडी के लिए भी मुश्किल कई सीटों पर खड़ी कर दी है.