पटना: धनरूआ में विश्व मृदा दिवस के मौके पर प्रखंड कृषि कार्यालय में किसानों के बीच जागरुकता कार्यक्रम किया गया. वहीं इस मौके पर मिट्टी से संबंधित जागरुकता एवं प्रशिक्षण भी दिया गया. इस मौके पर जिन किसानों की मिट्टी जांच की गई थी. उन्हें मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण किया गया. किसानों को मिट्टी की जांच से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी भी दी गई.
मिट्टी की जांच से ही पता चलता है कि किस मिट्टी में किस उर्वरक तथा सूक्ष्म पोषक तत्व की कमी है और इसका उपचार क्या है. मिट्टी जांच से उर्वरा शक्ति का सही आंकलन किया जाता है. किसान वर्षों के अनुभव के बावजूद भी अपने खेत की उर्वरा शक्ति का सही आंकलन नहीं कर पाते हैं. धीरे-धीरे पोषक तत्वों की कमी मिट्टी में होने लगती है, इसका लक्षण पौधों में देर से दिखाई देता है. इससे उत्पादन पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. ऐसा भी हो सकता है कि किसी पोषक तत्व के पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होने के बावजूद भी निरंतर सामान्य मात्रा में पोषक तत्व को मिट्टी में डाल देते हैं. ऐसा करना आर्थिक तथा मिट्टी के स्वास्थ्य दोनों ही दृष्टिकोण से हानिकारक है. मिट्टी के स्वास्थ्य को बनाए रखना आवश्यक है. जिससे आने वाली पीढ़ी को भोजन प्राप्त हो सके. स्वस्थ मिट्टी से ही स्वस्थ अन्न प्राप्त होता है.- राजेश कुमार, प्रखंड कृषि पदाधिकारी
किसानों के बीच मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण
मिट्टी के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए मिट्टी की जांच के आधार पर मिट्टी का पोषण प्रबंधन आवश्यक है. इसी को ध्यान में रखकर हर वर्ष 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस मनाया जाता है. किसान खेतों में रसायनिक खाद का कम उपयोग करें. इसके जगह पर जैविक खाद का उपयोग अधिक लाभकारी होगा. इस मौके पर प्रखंड के सभी किसान सलाहकार, कृषि समन्वयक और काफी संख्या में किसान उपस्थित थें. किसानों के बीच मृदा स्वास्थ्य कार्ड का भी वितरण किया गया.