पटना: राजधानी के ज्ञान भवन में तीन दिवसीय तरकारी महोत्सव के समापन के मौके पर सब्जियों की प्रदर्शनी में उत्तम सब्जी उत्पादक किसानों को पुरस्कार और प्रमाण पत्र देकर प्रोत्साहित किया गया. इस दौरान कई किसानों ने पुरस्कार वितरण को लेकर कृषि विभाग के अधिकारियों पर अनियमितता का आरोप लगाया. किसानों का कहना था कि आयोजन में प्रदर्शनी लगाने की जो मानदंड रखी गई थी, वह तय मानकों के अनुरूप नहीं थी. उन किसानों को सम्मानित किया गया है जो इसके हकदार नहीं थे.
मिर्च की प्रदर्शनी में मिला प्रथम पुरस्कार
मधेपुरा जिले के किसान शिव शंकर मेहता ने विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदर्शनी लगाने के लिए उन्हें जो नियम और नियमावली दी गई थी. उसमें मिर्च की प्रदर्शनी में पौधा और डंठल सहित लगाना था. लेकिन प्रदर्शनी में उस किसान को प्रथम पुरस्कार मिला. जिसकी प्रदर्शनी में पौधा और डंठल का कहीं अता-पता नहीं था. मिर्च देखने में बाजार के सामान्य मिर्ची जैसी लग रही थी. उन्होंने कहा कि ऐसा लगभग सभी फलों की श्रेणी में हुआ है.
'मधेपुरा से तोड़ कर लाए थे मिर्च'
वहीं, किसान देवनंदन मंडल ने बताया कि कृषि विभाग की ओर से निर्देश मिला था कि मिर्च की प्रदर्शनी में मिर्च गुच्छा सहित पौधा के साथ होना चाहिए और वह इस निर्देश के अनुसार इतने दूर से पटना में वह पौधे को लेकर पहुंचे थे. लेकिन उन्हें पुरस्कार से सम्मानित नहीं किया गया. पुरस्कार वितरण में विभाग की देखरेख में अनियमितता बरती गई.
प्रमंडल स्तर पर होगा एग्जीबिशन
किसानों के आरोप पर कृषि विभाग के सचिव एन श्रवण कुमार ने कहा कि सब्जियों की प्रदर्शनी में उत्पाद को जड़ सहित उखाड़कर लाने को कहा गया था. लेकिन कुछ किसानों ने इस नियम के अनुरूप अपनी प्रदर्शनी नहीं लगाई थी. उन्होंने कहा कि आगे से तरकारी महोत्सव के आयोजन के पहले प्रमंडल स्तर पर होगा. जिसके बाद उसमें चयनित किसानों को पटना में प्रदर्शनी लगाने की अनुमति होगी.