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गोभी की फसल पर हल चलाने वाले किसान को मिला 10 गुना भाव, रविशंकर प्रसाद ने की मदद - Ravi Shankar Prasad

रविशंकर ने कहा कि मैंने अपने विभाग के कॉमन सर्विस सेण्टर को निर्देश दिया कि इस किसान से संपर्क कर इनकी फसल को बाजार में उचित मूल्य पर बेचने का प्रबंध किया जाए. इसके बाद सीएसी के डिजिटल प्लेटफॉर्म ई-किसान मार्ट पर इस किसान को दिल्ली के एक खरीदार ने दस रूपये प्रति किलो का मूल्य ऑफर किया.

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Published : Dec 17, 2020, 6:43 AM IST

पटना: देश में एक तरफ नए कृषि कानून का विरोध हो रहा है. तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी की ओर से देशभर में कृषि चौपाल और प्रेसवार्ता कर इस कानून के फायदे को बता रही है. इसी क्रम में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बिहार के समस्तीपुर जिले का एक उदहारण देकर कृषि कानून के फायदे को बताया है.

कुछ दिनों पहले बिहार के समस्तीपुर जिले के मुक्तापुर में किसान ओम प्रकाश यादव ने गोभी की खेती की थी और पैदावार भी अच्छी हुई. लेकिन मंडी में सही दाम नहीं मिलने के कारण किसान ने अपनी पूरी हरी-भरी गोभी के खेत में ट्रैक्टर चलाकर उसे नष्ट कर रहा था.

गोभी की फसल किया नष्ट
बाजार में सही दाम नहीं मिलने पर किसान खेतों में ट्रैक्टर चला रहा था. खबर मीडिया की सुर्खियां बनी तो केंद्रीय मंत्री को इसकी खबर हुई. जिसके बाद रविशंकर प्रसाद ने किसान की मदद की. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा कि मीडिया के द्वारा मुझे खबर मिली थी कि बिहार के समस्तीपुर के मुक्तापुर गांव के किसान ओम प्रकाश यादव को अपने खेत में उगाई गोभी की फसल का स्थानीय बजारों में मात्र 1 रुपये प्रति किलो बिक रहा था. इससे निराश होकर किसान ने अपने खेत के कुछ हिस्से पर ट्रैक्टर चलवा कर फसल को नष्ट कर दिया.

  • किसान और खरीदार की आपसी सहमति कुछ ही घंटों में किसान के बैंक खाते में आधी राशि एडवांस के रूप में पहुँच गई। आज मुझे पता चला है कि न सिर्फ ट्रांसपोर्ट उपलब्ध करवाया गया बल्कि बची हुई राशि भी किसान के बैंक खाते में जमा हो गई है और समस्तीपुर की गोभी दिल्ली के लिए रवाना हो गई है। pic.twitter.com/QZzUfr7MrW

    — Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) December 16, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

दस रूपये प्रति किलो का मूल्य का मिला ऑफर
रविशंकर ने कहा कि मैंने अपने विभाग के कॉमन सर्विस सेण्टर को निर्देश दिया कि इस किसान से संपर्क कर इनकी फसल को बाजार में उचित मूल्य पर बेचने का प्रबंध किया जाए. इसके बाद सीएसी के डिजिटल प्लेटफॉर्म ई-किसान मार्ट पर इस किसान को दिल्ली के एक खरीदार ने दस रूपये प्रति किलो का मूल्य ऑफर किया.

ये भी पढ़ें: एक रुपये किलो बिक रही थी गोभी, किसान ने हरे-भरे खेत पर चलवा दी ट्रैक्टर

उन्होंने कहा कि किसान और खरीदार की आपसी सहमति के बाद कुछ ही घंटों में किसान के बैंक खाते में आधी राशि एडवांस के रूप में पहुंच गई. आज मुझे पता चला है कि न सिर्फ ट्रांसपोर्ट उपलब्ध करवाया पगया, बल्कि बची हुई राशि भी किसान के बैंक खाते में जमा हो गई है और समस्तीपुर की गोभी दिल्ली के लिए रवाना हो गई.

इस प्रक्रिया को उदाहरण पेश करते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर ने कहा कि अब नरेंद्र मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों ने किसान को अपनी फसल कहीं भी बेचने की आज़ादी दे दी है. बिहार का ये किसान जिसे स्थानीय मंडी में मिल रहे दाम से निराश हो कर अपनी फसल नष्ट करने पर मजबूर होना पड़ा था, अब स्थानीय दाम से दस गुना अधिक दाम पर दिल्ली में अपनी फसल बेच पाएगें.

पटना: देश में एक तरफ नए कृषि कानून का विरोध हो रहा है. तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी की ओर से देशभर में कृषि चौपाल और प्रेसवार्ता कर इस कानून के फायदे को बता रही है. इसी क्रम में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बिहार के समस्तीपुर जिले का एक उदहारण देकर कृषि कानून के फायदे को बताया है.

कुछ दिनों पहले बिहार के समस्तीपुर जिले के मुक्तापुर में किसान ओम प्रकाश यादव ने गोभी की खेती की थी और पैदावार भी अच्छी हुई. लेकिन मंडी में सही दाम नहीं मिलने के कारण किसान ने अपनी पूरी हरी-भरी गोभी के खेत में ट्रैक्टर चलाकर उसे नष्ट कर रहा था.

गोभी की फसल किया नष्ट
बाजार में सही दाम नहीं मिलने पर किसान खेतों में ट्रैक्टर चला रहा था. खबर मीडिया की सुर्खियां बनी तो केंद्रीय मंत्री को इसकी खबर हुई. जिसके बाद रविशंकर प्रसाद ने किसान की मदद की. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा कि मीडिया के द्वारा मुझे खबर मिली थी कि बिहार के समस्तीपुर के मुक्तापुर गांव के किसान ओम प्रकाश यादव को अपने खेत में उगाई गोभी की फसल का स्थानीय बजारों में मात्र 1 रुपये प्रति किलो बिक रहा था. इससे निराश होकर किसान ने अपने खेत के कुछ हिस्से पर ट्रैक्टर चलवा कर फसल को नष्ट कर दिया.

  • किसान और खरीदार की आपसी सहमति कुछ ही घंटों में किसान के बैंक खाते में आधी राशि एडवांस के रूप में पहुँच गई। आज मुझे पता चला है कि न सिर्फ ट्रांसपोर्ट उपलब्ध करवाया गया बल्कि बची हुई राशि भी किसान के बैंक खाते में जमा हो गई है और समस्तीपुर की गोभी दिल्ली के लिए रवाना हो गई है। pic.twitter.com/QZzUfr7MrW

    — Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) December 16, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

दस रूपये प्रति किलो का मूल्य का मिला ऑफर
रविशंकर ने कहा कि मैंने अपने विभाग के कॉमन सर्विस सेण्टर को निर्देश दिया कि इस किसान से संपर्क कर इनकी फसल को बाजार में उचित मूल्य पर बेचने का प्रबंध किया जाए. इसके बाद सीएसी के डिजिटल प्लेटफॉर्म ई-किसान मार्ट पर इस किसान को दिल्ली के एक खरीदार ने दस रूपये प्रति किलो का मूल्य ऑफर किया.

ये भी पढ़ें: एक रुपये किलो बिक रही थी गोभी, किसान ने हरे-भरे खेत पर चलवा दी ट्रैक्टर

उन्होंने कहा कि किसान और खरीदार की आपसी सहमति के बाद कुछ ही घंटों में किसान के बैंक खाते में आधी राशि एडवांस के रूप में पहुंच गई. आज मुझे पता चला है कि न सिर्फ ट्रांसपोर्ट उपलब्ध करवाया पगया, बल्कि बची हुई राशि भी किसान के बैंक खाते में जमा हो गई है और समस्तीपुर की गोभी दिल्ली के लिए रवाना हो गई.

इस प्रक्रिया को उदाहरण पेश करते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर ने कहा कि अब नरेंद्र मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों ने किसान को अपनी फसल कहीं भी बेचने की आज़ादी दे दी है. बिहार का ये किसान जिसे स्थानीय मंडी में मिल रहे दाम से निराश हो कर अपनी फसल नष्ट करने पर मजबूर होना पड़ा था, अब स्थानीय दाम से दस गुना अधिक दाम पर दिल्ली में अपनी फसल बेच पाएगें.

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