पटना: राजधानी पटना के मसौढ़ी में इन दिनों नीलगाय का आतंक देखने को मिल रहा है. जंगली नीलगाय के आतंक से किसानों ने खेत में लगे चना और मसूर के फसल को नीलगाय बर्बाद कर रहे हैं. किसान फसल को भगवान भरोसे छोड़ दिया है. दरअसल, मसौढ़ी प्रखंड के खराट, तुलसीचक, भगवानगंज क्षेत्र जगदीशपुर समेत तीन दर्जन से अधिक गांव में नीलगाय के आतंक से किसान परेशान हो चुके हैं.
मसौढ़ी में नीलगाय का आतंक: नीलगाय झुंड में तेजी से दौड़ती हैं, जिसके कारण फसल टूटकर नीचे गिर जाती है और फसल बर्बाद हो जाती है. जंगली नीलगाय के प्रकोप से किसान परेशान हैं. जंगली जानवरों के द्वारा फसल बर्बाद होने पर भी किसानों को सही से क्षतिपूर्ति भी नहीं मिलती है. लगातार वन विभाग से इन सभी नीलगाय से छुटकारा दिलाने का गुहार लगा रहे हैं.
नीलगाय से किसान परेशान : बता दें कि मसौढ़ी के पश्चिमी इलाके में चना और मसूर की खेती व्यापक रूप से की जाती है. पूरा इलाका दलहनी और तिलहनी क्षेत्र माना जाता है. ऐसे में उस क्षेत्र में दर्जनों की संख्या में नीलगाय खेतों में लगे हुए चना और मसूर की खेती को रौंद रहे हैं. जिससे अभी चना और मसूर के फसल में फूल उगने ही वाले हैं कि वह नष्ट हो जा रहे हैं.
"जंगली नीलगाय हमारी फसल खा जाती है, जिससे हम लोगों को क्षति होती है. वन विभाग के लोग भी कह रहे हैं कि हमारे पास इसे पकड़ने के ऑर्डर नहीं हैं. बताएं कि हम लोग क्या करें, कहां जाएं. हमारी क्षति का मुआवजा कौन देगा.''- अक्षय कुमार, दौलतपुर, भगवानगंज
वन विभाग उदासीन: नीलगाय के किसान परेशान और हताश हो चुके हैं. लगातार उसे भगाने की कोशिश की जद्दोजहद में किसान भी चोटिल हो जा रहे हैं. किसान की माने तो वन विभाग से लगातार गुजारिश की जा रही है कि इन सभी आए हुए नीलगायों से हमें छुटकारा दिलाए, लेकिन वन विभाग के पदाधिकारी भी उदासीन बने हुए हैं. ऐसे में सभी नील गाय को भगाना जरूरी है नहीं तो सभी खेतों में लगे फसलों को वह बर्बाद कर देगा.
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