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अंबाला की यादें: बचपन में दोस्तों से कहतीं थी सुषमा- नीचे बैठो और मेरा भाषण सुनो

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Published : Aug 7, 2019, 12:43 PM IST

Updated : Aug 7, 2019, 1:21 PM IST

सुषमा स्वराज पूरे देश में अपने व्यक्तित्व के लिए जानी जाती थी. सुषमा स्वराज के निधन से पूरा देश शोक में डूब गय़ा है. सुषमा स्वराज के मायके वाले रक्षा बंधन में उनका इंतजार कर रहे थे.

सुषमा स्वराज

अंबाला/ पटना: देश की महान नेता और बेहतरीन वक्ता पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन वो हमेशा हमारे दिलों में याद बनकर रहेंगी. सुषमा स्वराज अंबाला की रहने वाली थीं. अंबाला में उनका मायका है. जहां उनके भईया और भाभी रहते हैं. जब से सुषमा स्वराज के निधन की खबर लोगों को मिली है, तभी से उनके अंबाला वाले घर में भी लोग जुटने शुरू हो गए हैं.

'बचपन में दूसरे बच्चों से अलग थीं सुषमा'
जिस उम्र में लड़कियां गुड्डे-गुड़ियों से खेला करती हैं. उस छोटी सी उम्र में भी सुषमा को डिबेट करने का शौक था. बचपन में सुषमा के साथ पढ़ने वाले एक शख्स ने बताया कि सुषमा को डिबेट में हिस्सा लेने का बड़ा शौक था. वो बचपन में भी अपने साथियों के साथ डिबेट किया करती थीं. वो दूसरे बच्चों को जमीन पर बैठा देती, फिर उन्हें कुछ ना कुछ कह कर सुनाती.

अंबाला से सुषमा स्वराज पर एक रिपोर्ट

देशभक्ति के गानों से था खास लगाव
सुषमा जब खेलने जाती तो वो अपने दोस्तों को देशभक्ति के गाने सुनाने को कहती थीं. उन्हें 'ए मेरे वतन के लोगों' गीत बहुत पसंद था. सुषमा बार-बार इस गीत को सुना करती थीं.

जिंदगी भर महिलाओं और गरीबों के लिए किया काम
स्थानीय लोगों ने बताया कि सुषमा बचपन से ही दूसरे बच्चों से अलग थीं. उनमें बचपन से ही देश के लिए कुछ करने का जज्बा था. जब से सुषमा ने होश संभाला, तब से उन्होंने गरीबों और महिलाओं के लिए काम करना शुरू कर दिया. उन्होंने ना जाने कितने गरीबों और महिलाओं की नौकरी लगवाने में मदद की.

हर साल रक्षाबंधन और भाई दूज पर आती थीं अंबाला
सुषमा स्वराज रक्षा बंधन और भैय्या दूज पर अपने भईया से मिलने जरूर आया करती थीं. इस बार भी उन्हें अपने भईया के घर आना था, लेकिन इससे पहले ही उनका निधन हो गया.

अंबाला/ पटना: देश की महान नेता और बेहतरीन वक्ता पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन वो हमेशा हमारे दिलों में याद बनकर रहेंगी. सुषमा स्वराज अंबाला की रहने वाली थीं. अंबाला में उनका मायका है. जहां उनके भईया और भाभी रहते हैं. जब से सुषमा स्वराज के निधन की खबर लोगों को मिली है, तभी से उनके अंबाला वाले घर में भी लोग जुटने शुरू हो गए हैं.

'बचपन में दूसरे बच्चों से अलग थीं सुषमा'
जिस उम्र में लड़कियां गुड्डे-गुड़ियों से खेला करती हैं. उस छोटी सी उम्र में भी सुषमा को डिबेट करने का शौक था. बचपन में सुषमा के साथ पढ़ने वाले एक शख्स ने बताया कि सुषमा को डिबेट में हिस्सा लेने का बड़ा शौक था. वो बचपन में भी अपने साथियों के साथ डिबेट किया करती थीं. वो दूसरे बच्चों को जमीन पर बैठा देती, फिर उन्हें कुछ ना कुछ कह कर सुनाती.

अंबाला से सुषमा स्वराज पर एक रिपोर्ट

देशभक्ति के गानों से था खास लगाव
सुषमा जब खेलने जाती तो वो अपने दोस्तों को देशभक्ति के गाने सुनाने को कहती थीं. उन्हें 'ए मेरे वतन के लोगों' गीत बहुत पसंद था. सुषमा बार-बार इस गीत को सुना करती थीं.

जिंदगी भर महिलाओं और गरीबों के लिए किया काम
स्थानीय लोगों ने बताया कि सुषमा बचपन से ही दूसरे बच्चों से अलग थीं. उनमें बचपन से ही देश के लिए कुछ करने का जज्बा था. जब से सुषमा ने होश संभाला, तब से उन्होंने गरीबों और महिलाओं के लिए काम करना शुरू कर दिया. उन्होंने ना जाने कितने गरीबों और महिलाओं की नौकरी लगवाने में मदद की.

हर साल रक्षाबंधन और भाई दूज पर आती थीं अंबाला
सुषमा स्वराज रक्षा बंधन और भैय्या दूज पर अपने भईया से मिलने जरूर आया करती थीं. इस बार भी उन्हें अपने भईया के घर आना था, लेकिन इससे पहले ही उनका निधन हो गया.

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Last Updated : Aug 7, 2019, 1:21 PM IST
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