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सुशील मोदी बोले- बिहार के जमालपुर रेल संस्थान को शिफ्ट करने की खबर भ्रामक - Sanjay Jha's request to Piyush Goyal

बिहार के जमालपुर में मौजूद रेलवे प्रशिक्षण संस्थान को बिहार से लखनऊ स्थानांतरित करने के मुद्दे पर केंद्र और राज्य सरकार के बीच तकरार बढ़ती जा रही है.

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Published : May 6, 2020, 10:57 PM IST

पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने बिहार के जमालपुर के रेलवे संस्थान को कहीं और शिफ्ट करने की खबर को भ्रामक बताया है. सुशील मोदी ने कहा कि देश के सबसे पुराने जमालपुर (मुंगेर) स्थित 1888 में स्थापित इंडियन रेलवे इंस्टीच्यूट ऑफ मैकेनिकल एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, जहां रेलवे के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाता है, को लखनऊ शिफ्ट करने की खबर भ्रामक व बेबुनियाद है.

मोदी ने एक बयान जारी कर कहा कि रेलमंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि सरकार के पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस संबंध में पत्र लिखा है जिसका वे अविलम्ब जवाब देकर वस्तुस्थिति स्पष्ट करेंगे.

बड़ौदा कैम्पस के रूप में विकसित करने का निर्णय
गोयल ने कहा कि भारत सरकार ने तो जमालपुर इंस्टीच्यूट को रेलवे व ट्रांसपोर्ट विश्वविद्यालय, बड़ौदा के कैम्पस के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है, जहां रेलवे से जुड़े मैकेनिकल व इंजीनियरिंग के छात्रों को प्रशिक्षण दिया जायेगा.

जेडीयू का विरोध, पुनर्विचार करने का अग्रह
बता दें कि इससे पहले बिहार के वरिष्ठ मंत्री संजय कुमार झा ने ट्वीट कर इसका विरोध किया था. बिहार सरकार के मंत्री और जदयू नेता संजय झा ने बुधवार को एक के बाद एक ट्वीट कर केंद्र के इस फैसले का विरोध किया. इसपर पुनर्विचार करने का आग्रह भी किया.

'रेलमंत्री से तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध'
संजय झा ने बुधवार को ट्वीट कर लिखा, 'जमालपुर स्थित इंडियन रेलवे के इस सबसे पुराने केन्द्रीय संस्थान से न सिर्फ बिहार के लोगों का बल्कि भारतीय रेल के हजारों लोगों व अधिकारीयों का भावनात्मक जुड़ाव रहा है. नीतीश कुमार जी के 1 मई को लिखे पत्र के आलोक में रेलमंत्री पीयूष गोयल जी से तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध है.'

'93 साल पुराना आईआरआईएमईई जमालपुर'
एक अन्य ट्वीट में मंत्री झा ने लिखा, '93 साल पुराना आईआरआईएमईई जमालपुर, बिहार और रेलवे के गौरवपूर्ण इतिहास का अभिन्न हिस्सा रहा है. 1927 से ही यह रेलवे के शीर्षस्थ अधिकारियों को प्रशिक्षित करता रहा है. इसे बिहार से बाहर ले जाने के रेल मंत्री के आदेश पर नीतीश कुमार जी ने पुनर्विचार का आग्रह किया है .'

'93 साल की विरासत को कैसे मिटाया जा सकता है?'
संजय झा ने आगे लिखा- 'देश का यह सबसे पुराना केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थान एक प्रतिष्ठित संस्थान है और बिहार का गौरव रहा है. इसकी स्थापना 1888 में हुई. आईआरआईएमईई जमालपुर 1927 से भारतीय रेलवे के शीर्ष प्रतिभाओं को प्रशिक्षित करने के लिए सबसे प्रतिष्ठित केंद्र रहा है. 93 साल की विरासत को इतने ढिठाई से कैसे मिटाया जा सकता है?'

पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने बिहार के जमालपुर के रेलवे संस्थान को कहीं और शिफ्ट करने की खबर को भ्रामक बताया है. सुशील मोदी ने कहा कि देश के सबसे पुराने जमालपुर (मुंगेर) स्थित 1888 में स्थापित इंडियन रेलवे इंस्टीच्यूट ऑफ मैकेनिकल एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, जहां रेलवे के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाता है, को लखनऊ शिफ्ट करने की खबर भ्रामक व बेबुनियाद है.

मोदी ने एक बयान जारी कर कहा कि रेलमंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि सरकार के पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस संबंध में पत्र लिखा है जिसका वे अविलम्ब जवाब देकर वस्तुस्थिति स्पष्ट करेंगे.

बड़ौदा कैम्पस के रूप में विकसित करने का निर्णय
गोयल ने कहा कि भारत सरकार ने तो जमालपुर इंस्टीच्यूट को रेलवे व ट्रांसपोर्ट विश्वविद्यालय, बड़ौदा के कैम्पस के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है, जहां रेलवे से जुड़े मैकेनिकल व इंजीनियरिंग के छात्रों को प्रशिक्षण दिया जायेगा.

जेडीयू का विरोध, पुनर्विचार करने का अग्रह
बता दें कि इससे पहले बिहार के वरिष्ठ मंत्री संजय कुमार झा ने ट्वीट कर इसका विरोध किया था. बिहार सरकार के मंत्री और जदयू नेता संजय झा ने बुधवार को एक के बाद एक ट्वीट कर केंद्र के इस फैसले का विरोध किया. इसपर पुनर्विचार करने का आग्रह भी किया.

'रेलमंत्री से तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध'
संजय झा ने बुधवार को ट्वीट कर लिखा, 'जमालपुर स्थित इंडियन रेलवे के इस सबसे पुराने केन्द्रीय संस्थान से न सिर्फ बिहार के लोगों का बल्कि भारतीय रेल के हजारों लोगों व अधिकारीयों का भावनात्मक जुड़ाव रहा है. नीतीश कुमार जी के 1 मई को लिखे पत्र के आलोक में रेलमंत्री पीयूष गोयल जी से तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध है.'

'93 साल पुराना आईआरआईएमईई जमालपुर'
एक अन्य ट्वीट में मंत्री झा ने लिखा, '93 साल पुराना आईआरआईएमईई जमालपुर, बिहार और रेलवे के गौरवपूर्ण इतिहास का अभिन्न हिस्सा रहा है. 1927 से ही यह रेलवे के शीर्षस्थ अधिकारियों को प्रशिक्षित करता रहा है. इसे बिहार से बाहर ले जाने के रेल मंत्री के आदेश पर नीतीश कुमार जी ने पुनर्विचार का आग्रह किया है .'

'93 साल की विरासत को कैसे मिटाया जा सकता है?'
संजय झा ने आगे लिखा- 'देश का यह सबसे पुराना केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थान एक प्रतिष्ठित संस्थान है और बिहार का गौरव रहा है. इसकी स्थापना 1888 में हुई. आईआरआईएमईई जमालपुर 1927 से भारतीय रेलवे के शीर्ष प्रतिभाओं को प्रशिक्षित करने के लिए सबसे प्रतिष्ठित केंद्र रहा है. 93 साल की विरासत को इतने ढिठाई से कैसे मिटाया जा सकता है?'

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