पटना: बिहार में विशेष भूमि सर्वेक्षण के लिए अमीन की बहाली में बड़ी धांधली (Big fraud in reinstatement of Amin in Bihar) सामने आई है. बताया जा रहा है कि फर्जी सर्टिफिकेट पर अमीनों की बहाली की गई. राजस्व और भूमि सुधार विभाग ने सर्वे कार्य में तेजी लाने के लिए संविदा के आधार पर अमीन और कानूनगो की बहाली की थी. जब गलत सर्टिफिकेट की बात सामने आई, तब सभी अमीन और दूसरे पदधारकों के सर्टिफिकेट की जांच का आदेश दिया गया है. जांच के बाद अब गड़बड़ी सामने आई है.
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बताया जाता है कि फर्जी सर्टिफिकेट पाए गए लोगों को बर्खास्त किया गया तो कई ने त्यागपत्र दे दिए. कई लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. हालांकि सूत्रों की माने तो जब बहाली में फर्जी सर्टिफिकेट से जुड़े मामले सामने आने लगे तो तकरीबन 350 अमीन और कानूनगो ने इस्तीफा दे दिया. लेकिन इन लोगों से विभाग ने इस शर्त के साथ इस्तीफा लिया कि पूरे कार्यकाल का वेतन वसूला जाएगा. इस्तीफा देने वाले लोगों का प्रमाण पत्र फर्जी पाए गया उनपर एफआईआर दर्ज की गई है.
इनमें से लगभग 250 से ज्यादा अमीन ऐसे हैं, जो बीच में ही नौकरी छोड़ कर फरार हो गए. विभाग इन सभी पर अलग से जांच करा रहा है. फर्जीवाड़े का सबसे बड़ा मामला नालंदा से सामने आया है. यहां 35 फर्जी मामले सामने आ चुके हैं. इसके बाद बेतिया में 23 और किशनगंज में 19 बेगूसराय में 17 और अरवल जिले में 17 मामले फर्जीवाड़े के पाए गए हैं.
विभाग के सूत्रों का कहना है कि अमीन बहाल कई लोगों ने ऐसे संस्थानों से सिविल इंजिनियरिंग में डिप्लोमा के प्रमाणपत्र लाकर दे दिए, जहां पढ़ाई ही नहीं होती. बताया जा रहा है कि सबसे ज्यादा फर्जी प्रमाण पत्र बुंदेलखंड विश्वविद्यालय और मेघालय विश्वविद्यालय से बनाए गए हैं. करीब 200 मामलों में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.
अब वसूली की तैयारी में विभाग: अधिकारी बताते हैं कि अभी जांच चल रही है. अधिकारी हालांकि यह कहते हैं कि अमीन के कार्य से बाहर हो जाने की वजह से सर्वे का कार्य प्रभावित हुआ है. जिन लोगों ने फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी पाकर वेतन उठाया है, अब विभाग उनसे वसूली की तैयारी कर रहा है.