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पटना में सड़क पर खड़ी एंबुलेंस में हुआ नेत्रदान, स्वास्थ्य विभाग ने गठित की जांच टीम - ETV BHARAT NEWS

राजधानी पटना में बुजुर्ग महिला की मौत के बाद परिवारवालों द्वारा नेत्रदान की इच्छा जतायी गई, लेकिन निजी अस्पताल की मनमानी की वजह से IGIMS की टीम को अस्पताल के बाहर सड़क पर एम्बुलेंस में कॉर्निया निकालने पर मजबूर होना पड़ा है. मामले की PM से लेकर CM तक शिकायत की गई है. पढ़ें पूरी खबर...

पटना में सड़क पर 'नेत्रदान'
पटना में सड़क पर 'नेत्रदान'
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Published : Dec 18, 2021, 11:02 PM IST

पटना : राजधानी पटना में एक बुजुर्ग महिला मौत के बाद एक परिवारवालों ने नेत्रदान की इच्छा जताई, लेकिन अशोका अस्पताल ने नेत्रदान करवाने आई टीम को अस्पताल में घुसने नहीं दिया. इसके बाद IGIMS से आई टीम ने अस्पताल के बाहर सड़क पर खड़ी एक एंबुलेंस के (Eye Donation On Road In Patna) अंदर कार्निया निकाला गया. अशोका हॉस्पिटल की मनमानी की शिकायत प्रधानमंत्री से लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से की गई. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने जांच के लिए कमेटी गठित (Committee For Investigation) कर दी है.

इसे भी पढ़ें : पटना के ज्लेवरी शॉप में बच्चे को बंधक बनाकर लूट, गोलियों की तड़तड़ाहट से थर्राया गर्दनीबाग

दरअसल, गुरुवार को 74 साल की महिला हरजीत कोर का पटना के राजेंद्र नगर के अशोका हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. जिसके बाद परिवार वालों ने नेत्रदान कराने की इच्छा जताई लेकिन अस्पताल ने (Ashoka Hospital Creates Problems For Eye Donation) नेत्रदान करवाने IGIMS की टीम को अंदर नहीं आने दिया. जिसके बाद अस्पताल के बाहर खड़े एंबुलेंस में सड़क पर महिला का नेत्रदान किया गया. इस बात को लेकर परिवार वालों ने हॉस्पिटल की मनमानी की शिकायत प्रधानमंत्री से लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग तक की है.

देखें वीडियो

मामला के संज्ञान में आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है. एडीएम लॉ एंड ऑर्डर केके सिंह और एसीएमओ पटना के साथ टीम जांच में जुट गई है. बताते चलें कि महिला की मौत के बाद परिवार वालों ने नेत्रदान की इच्छा जताई और इसके लिए उन्होंने दधिचि देहदान समिति व भारत विकास परिषद के अध्यक्ष विवेक माथुर की पहल पर नेत्रदान कराने का निर्णय लिया.

वहीं, जब इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान की टीम नेत्रदान कराने के लिए अशोका हॉस्पिटल पहुंची, लेकिन जब टीम ने वहां पहुंचकर हरजीत कौर की आंखों से कार्निया निकालने का प्रयास किया तो अस्पताल की चिकित्सक और स्टाफ द्वारा ऐसा करने से रोक दिया गया. परिजनों ने आरोप लगाया है कि आई बैंक की टीम अस्पताल को लगातार समझाती रही लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ. जिसके बाद उन लोगों ने शव को अस्पताल से बाहर निकाला और सड़क पर ले जाया गया. जहां एंबुलेंस में आईजीआईएमएस की टीम ने नेत्रदान की प्रक्रिया पूरी की. दधीचि देहदान समिति के साथ अन्य सामाजिक कार्यकर्ता ने इस घटना की निंदा की है.

ये भी पढ़ें : 18 नहीं..अब 21 साल में होगी लड़कियों की शादी, पटनावासियों ने कही ये बात

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पटना : राजधानी पटना में एक बुजुर्ग महिला मौत के बाद एक परिवारवालों ने नेत्रदान की इच्छा जताई, लेकिन अशोका अस्पताल ने नेत्रदान करवाने आई टीम को अस्पताल में घुसने नहीं दिया. इसके बाद IGIMS से आई टीम ने अस्पताल के बाहर सड़क पर खड़ी एक एंबुलेंस के (Eye Donation On Road In Patna) अंदर कार्निया निकाला गया. अशोका हॉस्पिटल की मनमानी की शिकायत प्रधानमंत्री से लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से की गई. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने जांच के लिए कमेटी गठित (Committee For Investigation) कर दी है.

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दरअसल, गुरुवार को 74 साल की महिला हरजीत कोर का पटना के राजेंद्र नगर के अशोका हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. जिसके बाद परिवार वालों ने नेत्रदान कराने की इच्छा जताई लेकिन अस्पताल ने (Ashoka Hospital Creates Problems For Eye Donation) नेत्रदान करवाने IGIMS की टीम को अंदर नहीं आने दिया. जिसके बाद अस्पताल के बाहर खड़े एंबुलेंस में सड़क पर महिला का नेत्रदान किया गया. इस बात को लेकर परिवार वालों ने हॉस्पिटल की मनमानी की शिकायत प्रधानमंत्री से लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग तक की है.

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मामला के संज्ञान में आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है. एडीएम लॉ एंड ऑर्डर केके सिंह और एसीएमओ पटना के साथ टीम जांच में जुट गई है. बताते चलें कि महिला की मौत के बाद परिवार वालों ने नेत्रदान की इच्छा जताई और इसके लिए उन्होंने दधिचि देहदान समिति व भारत विकास परिषद के अध्यक्ष विवेक माथुर की पहल पर नेत्रदान कराने का निर्णय लिया.

वहीं, जब इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान की टीम नेत्रदान कराने के लिए अशोका हॉस्पिटल पहुंची, लेकिन जब टीम ने वहां पहुंचकर हरजीत कौर की आंखों से कार्निया निकालने का प्रयास किया तो अस्पताल की चिकित्सक और स्टाफ द्वारा ऐसा करने से रोक दिया गया. परिजनों ने आरोप लगाया है कि आई बैंक की टीम अस्पताल को लगातार समझाती रही लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ. जिसके बाद उन लोगों ने शव को अस्पताल से बाहर निकाला और सड़क पर ले जाया गया. जहां एंबुलेंस में आईजीआईएमएस की टीम ने नेत्रदान की प्रक्रिया पूरी की. दधीचि देहदान समिति के साथ अन्य सामाजिक कार्यकर्ता ने इस घटना की निंदा की है.

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