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राजा से कम नहीं मंत्रियों के ठाठ-बाट, सिर्फ मोबाइल बिल के लिए मिलते हैं 1 लाख रुपए - केबिनेट मंत्री पर खर्च

बिहार में मंत्री पद पर पहुंचने के बाद विधायकों की सुख-सुविधा जानकर आप हैरान रह जाएंगे. इन्हें प्रति माह वेतन भी औसतन ही मिलता है. क्योंकि हैं तो ये जनता के सेवक. लेकिन सेवकों पर होनेवाला खर्च आपके सोच से भी परे है. आईये जानते हैं 'सेवकों' पर होनेवाला 'शाही' खर्च.

सेवकों पर शाही खर्च
सेवकों पर शाही खर्च
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Published : Mar 2, 2021, 4:56 PM IST

Updated : Mar 2, 2021, 9:12 PM IST

पटना: राज्य में मंत्री पद पर काबिज विधायकों की सुख-सुविधा में बढ़ोतरी के बाद कई गुना बजट बढ़ जाता है. माननीयों की सुख-सुविधा को लेकर कई बार सवाल तो उठते हैं. लेकिन जब सवाल उठाने वाले भी माननीयों के पद तक पहुंचते हैं, तो वह भी इस सुख-सुविधा के लालच में फंसकर चुप्पी साध लेते हैं. बिहार के लोगों की औसत आमदनी सालाना तकरीबन 15 हजार अनुमान्य है. बावजूद इसके माननीयों के ठाठ-बाट में कभी-कमी नहीं देखी जाती. एक मंत्री की सुख-सुविधा के पीछे तकरीबन 1 महीने में 3 से 4 लाख खर्च किए जाते हैं. इस लिहाज से सालाना 40 से 50 लाख एक मंत्री के ठाठ-बाट पर खर्च होते हैं.

ये भी पढ़ें- बहुते महंगाई है! सिर पर छोटा सिलेंडर, गले में प्याज की माला, अब तो कुछ बोलिए सरकार


मंत्रिमंडल में शामिल सभी सदस्यों को यह सुख-सुविधाएं दी जाती हैं.

मुख्यमंत्री के साथ
2 आप्त सचिव, 2 निजी सहायक, 2 निम्न वर्गीय लिपिक और 4 आदेश पालक तैनात रहते हैं.

मंत्री के साथ
2 आप्त सचिव, 2 निजी सहायक, 1 निम्न वर्गीय लिपिक और 3 आदेश पालक तैनात रहते हैं.

पूर्व मुख्यमंत्रियों के साथ
1 आप्त सचिव, 1 निजी सहायक, 2 निम्न वर्गीय लिपिक, 3 आदेश पालक और 1 चालक तैनात रहते हैं.

मंत्रियों का मूल वेतन
मुख्यमंत्री का मूल वेतन 25000 प्रति माह.
कैबिनेट मंत्री का मूल वेतन 24500
राज्यमंत्री का मूल वेतन 24000
उप मुख्यमंत्री का 23500 प्रतिमाह निर्धारित है.

स्कॉट, गाड़ी और ईंधन सुविधा
पुलिस एस्कॉर्ट हेतु पुलिस परिवहन मुख्यालय से उपलब्ध कराई जाती है गाड़ियां व ईंधन.

कैबिनेट मंत्री-राज्य मंत्री और उप मंत्री के निजी कर्मियों का यात्रा भत्ता
बिहार सरकार राज्य के मंत्री के निजी कर्मी यात्रा के लिए साल में 3 लाख खर्च कर सकते हैं. नियम में संशोधन करते हुए हवाई यात्रा के इकोनॉमी क्लास की टिकट की कोई अधिसीमा नहीं है. मंत्री अपने साथ देश में कहीं भी हवाई या रेल यात्रा के दौरान एक आप्त या निजी सहायक साथ ले जा सकते हैं.

ये भी पढ़ें- पटना: 1000 से अधिक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ FIR

चार पहिया वाहन सुविधा
एंबेसडर कार का ग्रैंड मॉडल बंद होने के बाद नियम में संशोधन करते हुए मंत्री 25 लाख तक की गाड़ी खरीद सकते हैं. इसका भुगतान सरकार करती है. मोबाइल फोन हैंडसेट की सुविधा.

मोबाइल फोन की सुविधा
राज्य के मंत्री 40000 तक सरकारी राशि से मोबाइल फोन हैंडसेट खरीद सकते हैं. पहले यह राशि 8000 थी.

एक लाख तक का कॉल
मंत्रियों के पास पोस्टपेड सिम कार्ड होता है. जिसके जरिए वे प्रतिमाह 1 लाख तक का कॉल कर सकते हैं. मंत्री अपने विवेकानुसार किसी महीने में उक्त सीमा तक या उससे अधिक या कम कॉल कर सकते हैं.

मंत्री आवास में फर्नीचर सुविधा
राज्य के मंत्री अपने सरकारी आवास में फर्नीचर एवं अन्य उपकरणों के लिए 6 लाख तक खर्च कर सकते है.

मंत्रियों का मूल वेतन
मंत्रियों का मूल वेतन

ये भी पढ़ें- बेगूसराय: यूको बैंक से करीब 6 लाख रुपये की लूट, जांच में जुटी पुलिस

मंत्रियों की विदेश यात्रा सुविधा
मंत्री सरकारी कार्य के लिए विदेश यात्रा पर जा सकते हैं. विदेश यात्रा के खर्च की कोई सीमा नहीं है. बाद के दिनों में नियम में संशोधन कर मंत्रियों की विदेश यात्रा में ख्याति प्राप्त संस्थान और संस्थानों में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में शोध पत्र प्रस्तुत करने एवं व्याख्यान देने के लिए भी यात्रा का प्रावधान जोड़ा गया है.

सुरक्षाकर्मी पर खर्च
सुरक्षाकर्मी पर खर्च

सुरक्षा कर्मी
राज्य के मंत्री, सांसद, विधायक और विधान पार्षदों के लिए न्यूनतम 3 सुरक्षाकर्मी उपलब्ध कराए जाते हैं. ये 8 घंटे की पाली के अनुसार काम करते हैं.
मंत्री के साथ 3 सुरक्षाकर्मी के अतिरिक्त 1 सुरक्षाकर्मी स्पेशल ब्रांच और 3 सिपाही तैनात रहते हैं.
हाउस गार्ड के रूप में मंत्रियों के आवास पर 1-4 बल तैनात होते हैं.

आयकर मुक्त होता है क्षेत्रीय व अन्य भत्ता
राज्य के मंत्रियों एवं विधान मंडल के सदस्यों के क्षेत्रीय और अन्य भत्ते को भी आयकर क्षेत्र से मुक्त रखा गया है.

अखबार पत्रिकाएं एवं टीवी की सुविधा
मंत्री के आवास एवं कार्यालय में समाचार पत्र, पत्रिकाएं और टीवी केबल की व्यवस्था की जाती है.

मंत्री के कार्यालय कक्ष की सुसज्जा
मंत्री के कार्यालय कक्ष को सुरक्षित रखने के लिए 3 लाख प्रतिवर्ष खर्च करने की सीमा निर्धारित है. इसके अलावा मंत्री के कार्यालय में 1 कंप्यूटर, 1 प्रिंटर 1 फैक्स मशीन रखा जाता है.

पटना: राज्य में मंत्री पद पर काबिज विधायकों की सुख-सुविधा में बढ़ोतरी के बाद कई गुना बजट बढ़ जाता है. माननीयों की सुख-सुविधा को लेकर कई बार सवाल तो उठते हैं. लेकिन जब सवाल उठाने वाले भी माननीयों के पद तक पहुंचते हैं, तो वह भी इस सुख-सुविधा के लालच में फंसकर चुप्पी साध लेते हैं. बिहार के लोगों की औसत आमदनी सालाना तकरीबन 15 हजार अनुमान्य है. बावजूद इसके माननीयों के ठाठ-बाट में कभी-कमी नहीं देखी जाती. एक मंत्री की सुख-सुविधा के पीछे तकरीबन 1 महीने में 3 से 4 लाख खर्च किए जाते हैं. इस लिहाज से सालाना 40 से 50 लाख एक मंत्री के ठाठ-बाट पर खर्च होते हैं.

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मंत्रिमंडल में शामिल सभी सदस्यों को यह सुख-सुविधाएं दी जाती हैं.

मुख्यमंत्री के साथ
2 आप्त सचिव, 2 निजी सहायक, 2 निम्न वर्गीय लिपिक और 4 आदेश पालक तैनात रहते हैं.

मंत्री के साथ
2 आप्त सचिव, 2 निजी सहायक, 1 निम्न वर्गीय लिपिक और 3 आदेश पालक तैनात रहते हैं.

पूर्व मुख्यमंत्रियों के साथ
1 आप्त सचिव, 1 निजी सहायक, 2 निम्न वर्गीय लिपिक, 3 आदेश पालक और 1 चालक तैनात रहते हैं.

मंत्रियों का मूल वेतन
मुख्यमंत्री का मूल वेतन 25000 प्रति माह.
कैबिनेट मंत्री का मूल वेतन 24500
राज्यमंत्री का मूल वेतन 24000
उप मुख्यमंत्री का 23500 प्रतिमाह निर्धारित है.

स्कॉट, गाड़ी और ईंधन सुविधा
पुलिस एस्कॉर्ट हेतु पुलिस परिवहन मुख्यालय से उपलब्ध कराई जाती है गाड़ियां व ईंधन.

कैबिनेट मंत्री-राज्य मंत्री और उप मंत्री के निजी कर्मियों का यात्रा भत्ता
बिहार सरकार राज्य के मंत्री के निजी कर्मी यात्रा के लिए साल में 3 लाख खर्च कर सकते हैं. नियम में संशोधन करते हुए हवाई यात्रा के इकोनॉमी क्लास की टिकट की कोई अधिसीमा नहीं है. मंत्री अपने साथ देश में कहीं भी हवाई या रेल यात्रा के दौरान एक आप्त या निजी सहायक साथ ले जा सकते हैं.

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चार पहिया वाहन सुविधा
एंबेसडर कार का ग्रैंड मॉडल बंद होने के बाद नियम में संशोधन करते हुए मंत्री 25 लाख तक की गाड़ी खरीद सकते हैं. इसका भुगतान सरकार करती है. मोबाइल फोन हैंडसेट की सुविधा.

मोबाइल फोन की सुविधा
राज्य के मंत्री 40000 तक सरकारी राशि से मोबाइल फोन हैंडसेट खरीद सकते हैं. पहले यह राशि 8000 थी.

एक लाख तक का कॉल
मंत्रियों के पास पोस्टपेड सिम कार्ड होता है. जिसके जरिए वे प्रतिमाह 1 लाख तक का कॉल कर सकते हैं. मंत्री अपने विवेकानुसार किसी महीने में उक्त सीमा तक या उससे अधिक या कम कॉल कर सकते हैं.

मंत्री आवास में फर्नीचर सुविधा
राज्य के मंत्री अपने सरकारी आवास में फर्नीचर एवं अन्य उपकरणों के लिए 6 लाख तक खर्च कर सकते है.

मंत्रियों का मूल वेतन
मंत्रियों का मूल वेतन

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मंत्रियों की विदेश यात्रा सुविधा
मंत्री सरकारी कार्य के लिए विदेश यात्रा पर जा सकते हैं. विदेश यात्रा के खर्च की कोई सीमा नहीं है. बाद के दिनों में नियम में संशोधन कर मंत्रियों की विदेश यात्रा में ख्याति प्राप्त संस्थान और संस्थानों में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में शोध पत्र प्रस्तुत करने एवं व्याख्यान देने के लिए भी यात्रा का प्रावधान जोड़ा गया है.

सुरक्षाकर्मी पर खर्च
सुरक्षाकर्मी पर खर्च

सुरक्षा कर्मी
राज्य के मंत्री, सांसद, विधायक और विधान पार्षदों के लिए न्यूनतम 3 सुरक्षाकर्मी उपलब्ध कराए जाते हैं. ये 8 घंटे की पाली के अनुसार काम करते हैं.
मंत्री के साथ 3 सुरक्षाकर्मी के अतिरिक्त 1 सुरक्षाकर्मी स्पेशल ब्रांच और 3 सिपाही तैनात रहते हैं.
हाउस गार्ड के रूप में मंत्रियों के आवास पर 1-4 बल तैनात होते हैं.

आयकर मुक्त होता है क्षेत्रीय व अन्य भत्ता
राज्य के मंत्रियों एवं विधान मंडल के सदस्यों के क्षेत्रीय और अन्य भत्ते को भी आयकर क्षेत्र से मुक्त रखा गया है.

अखबार पत्रिकाएं एवं टीवी की सुविधा
मंत्री के आवास एवं कार्यालय में समाचार पत्र, पत्रिकाएं और टीवी केबल की व्यवस्था की जाती है.

मंत्री के कार्यालय कक्ष की सुसज्जा
मंत्री के कार्यालय कक्ष को सुरक्षित रखने के लिए 3 लाख प्रतिवर्ष खर्च करने की सीमा निर्धारित है. इसके अलावा मंत्री के कार्यालय में 1 कंप्यूटर, 1 प्रिंटर 1 फैक्स मशीन रखा जाता है.

Last Updated : Mar 2, 2021, 9:12 PM IST
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