पटना: नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी. 5 जुलाई को पेश होने वाले इस बजट से बिहार के उद्योगपतियों को खासी उम्मीद है. केंद्रीय बजट में वह कारोबार के लिए सुलभ प्रावधानों को शामिल करने की आस रख रहे हैं. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलने से निवेश और रोजगार की संभावना बढ़ेगी. बजट से लोगों की अपेक्षाएं और सुझाव पर विशेष रिपोर्ट:
स्पेशल स्टेटस से मिलेगा छूट
बजट को लेकर बिहार चैम्बर ऑफ कॉमर्स के कई उद्योगपतियों में उत्साह का माहौल शामिल है. उद्योगपति अरुण अग्रवाल का मानना है कि बिहार में केंद्र सरकार खुद निवेश करवाएं ताकि बिहार आगे बढ़ सके. साथ ही बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलेगा तो बिहार में 10 सालों तक टैक्स छूट मिलेगा, जिसके कारण उद्योगपतियों का झुकाव बिहार की तरफ हो सकता है.
पारदर्शिता लाने की जरूरत
बिहार चैम्बर ऑफ कॉमर्स एमएसई के अध्यक्ष निशित जायसवाल कहते हैं कि उन्हें सरकार से काफी अपेक्षा है. उन्होंने सुझाव दिया कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में और पारदर्शिता लाने की जरूरत है ताकि छोटे व्यापारियों की जिंदगी बदलने में कारगर साबित हो सकें. साथ ही सरकार उद्यमियों को ऋण मुहैया कराने में तेजी लाए. थोक व्यापारियों को राहत पहुंचाने के उपाय भी किए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि व्यापार सरकार के ऊपर निर्भर है. यदि मार्केट खराब हो जाता है तो व्यापार करने में बहुत कठिनाई होती है.
लोन की समस्या का समाधान चाह रहे लोग
बिहार चैम्बर ऑफ कॉमर्स के वाइस प्रेसिडेंट भरत लाल गुप्ता चाहते हैं कि सरकार को लघु, मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देना चाहिए. जब तक सरकार ध्यान नहीं देगी तब तक रोजगार में परेशानियां होती रहेंगी. इसके अलावा उद्योग के लिए बैंक कर्ज देने में आनाकानी करते रहते हैं. इधर, सरकार घोषणा करती है कि 59 मिनट में उद्योग के लिए 1 करोड़ रुपए ले सकते हैं. लेकिन, बैंक के रवैये के कारण 59 दिनों में 10 लाख रुपए भी नहीं मिल पाता है. इसके अलावा उन्होंने महिला की भी भागीदारी बढ़ाने की दिशा में काम करने की हिदायत दी.
बिहार चैम्बर ऑफ कॉमर्स के कोषाध्यक्ष महावीर प्रसाद केसरिया का मानना है कि बिहार में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार बिहार को स्पेशल स्टेटस दे. ताकि यहां रोजगार मुहैया हो सके और यहां उद्योग-धंधों का विस्तार हो.