पटना: कोरोना काल में संक्रमण के दूसरी लहर के दौरान आईजीआईएमएस (IGIMS) प्रबंधन द्वारा अस्पताल में मरीजों की संख्या कम करने के उद्देश्य से एम्स प्रबंधन की तर्ज पर टेलीमेडिसिन सुविधा शुरू की गई. इस दौरान बहुत से मरीजों ने इसका लाभ लिया. इसकी सफलता को देखते हुए अब आईजीआईएमएस प्रबंधन टेलीमेडिसिन की सुविधा को विस्तार देने पर विचार कर रहा है.
यह भी पढ़ें- स्वास्थ्य सुविधा को लेकर CM ने की कई एप की शुरुआत, जीविका दीदियों को मिली बड़ी जिम्मेदारी
टेलीमेडिसिन की सुविधा
आईजीआईएमएस के आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक छोटी कीमत पर रोगियों को ऑनलाइन टेलीमेडिसिन परामर्श प्रदान करने के लिए आईजीआईएमएस प्रबंधन की तैयारी की जा रही है. इस बाबत एक ऐप डेवलप किया जा रहा है.
आईजीआईएमएस का होगा अपना ऐप
आईजीआईएमएस का बहुत जल्द अपना ऐप होगा और प्ले स्टोर के माध्यम से इसे डाउनलोड किया जा सकेगा. ऐप के माध्यम से डॉक्टर के पर्चे ऑनलाइन तैयार किए जाएंगे और जांच रिपोर्ट भी मोबाइल ऐप या ईमेल के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी. डॉक्टर मरीजों को देखने के लिए ऐप के जरिए ही एक्सेस कर सकते हैं.
1 मिनट का शुल्क 6 रुपए
आईजीआईएमएस द्वारा टेलीमेडिसिन की सुविधा के लिए 50 रुपये का पंजीकरण कराना होगा और 6 रुपये प्रति मिनट की दर से 10 मिनट का स्लॉट बुक किया जाएगा. इसको लेकर अभी तैयारी चल रही है.
'टेलीमेडिसिन दूरदराज के मरीजों के लिए काफी अच्छी चीज है. इससे मरीजों को काफी सहूलियत हुई है. इसकी सफलता को देखते हुए इसके विस्तार पर विचार किया जा रहा है. फिलहाल अभी जो टेलीमेडिसिन चल रहा है वह निशुल्क है लेकिन आगे टेलीमेडिसिन की सेवा एक बेहतर प्लेटफार्म के माध्यम से दिया जा सके इसको लेकर काम चल रहा है.'- डॉक्टर एन आर विश्वास, निदेशक, आईजीआईएमएस
प्रिसक्रिप्शन ऐप पर रहेगा सेव
डॉक्टर से दिखाने के बाद जो प्रिसक्रिप्शन होगा वह ऐप पर सेव रहेगा और आईजीआईएमएस के सर्वर पर कम से कम 2 वर्षों तक संग्रहित रहेगा. हालांकि अभी इस योजना पर काम चल रहा है.
दूर-दराज के मरीजों को फायदा
टेलीमेडिसिन की सुविधा आईजीआईएमएस में शुरू होने के बाद से मरीजों को इसका लाभ मिल रहा है. खासकर गांव में रहने वाले लोगों को इससे ज्यादा फायदा पहुंचा है. लोगो को काफी आराम भी हुआ है. घर बैठे डॉक्टर से संपर्क कर बीमारी का इलाज कराया जा रहा है. संस्थान ने इसको लेकर अपनी वेबसाइट पर नंबर भी जारी किया है.
अब इसके विस्तार से मरीजों को और फायदा पहुंचने की उम्मीद की जा रही है. लेकिन भविष्य में यह नि:शुल्क नहीं होगा.