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मधुबनी की रहने वाली अर्चना की आवाज में है जादू, मधुर संगीत से बिखेर रहीं परंपरा की खुशबू - पटना लेटेस्ट न्यूज

बिहार में मैथिली और भोजपुरी गीतों को पसंद करने वाले लोगों की बड़ी तादाद है. मधुबनी जिले की रहने वाली अर्चना दास के मैथिली, भोजपुरी और हिंदी गानों को लोग खूब पसंद (Madhubani Resident Singer Archana Das) करते हैं. ईटीवी भारत से उन्होंने खास बातचीत की है. देखें एक्सक्लुसिव इंटरव्यू...

लोक गायिका अर्चना दास से खास बातचीत
लोक गायिका अर्चना दास से खास बातचीत
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Published : Dec 20, 2021, 7:33 AM IST

पटनाः बिहार के मधुबनी जिले की रहने वाली अर्चना दास (Folk Singer Archana Das) इन दिनों गायकी के क्षेत्र में खूब नाम कमा रही हैं. बचपन में पिताजी से साथ शुरू हुआ संगीत का सफर अर्चना को आज एक नई मुकाम पर खड़ा कर दी है. चूंकि अपना बिहार परंपराओं और विविधताओं का प्रदेश है. लिहाजा अर्चना हिंदी के अलावा भोजपुरी और मैथिली में भी गाती हैं. उनकी मधुर आवाज को लोग भी खूब पसंद करते हैं.

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अर्चना दास ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि उनके पिताजी भी लोकगीत गायक थे. घर में अपने बच्चों को गाने की शिक्षा देते थे. इसी कड़ी में अर्चना भी सीखती गईं. अर्चना दास अभी तक लगभग 200 से 300 गीत गा चुकी हैं. ये गाने यूट्यूब पर मौजूद हैं. मैथिली, सोहर, हिंदी, भाषा में गीत गाने वाली अर्चना खुद अपने गाने को लिखती हैं और खुद गाती हैं.

लोक गायिका अर्चना दास से खास बातचीत

भोजपुरी में अश्लीलता को लेकर भी अर्चना ने कहा कि चमकने के चक्कर में लोग फूहड़ गीत रहे हैं. गाने का कोई अर्थ हो या नहीं है लोग भी खूब पसंद करते हैं. अर्चना ने बताया कि वो बिहार और मध्य प्रदेश में भी बड़े कार्यक्रम की हैं. दूसरे प्रदेशों वे मैथिली गीत गाती हैं और लोगों का मनोरंजन करती हैं.

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ईटीवी भारत के दर्शकों के लिए इन्होंने मैथिली में बेकल बेबसे नैना हमारे श्याम सुंदर के बाट निहारे. इसके बाद उन्होंने 'रंग में छई चांदनी आहा पीलीयन पिया किंजल', 'ढेरों वक्त गुजारा तेरे साथ में बात करने में हम थोड़ा पीछे रहें.' जैसे गाने को सुनाया. अर्चना भोजपुरी में अश्लीलता को लेकर सख्त हैं.

अर्चना बताती हैं कि वो मैथिली और भोजपुरी में सोहर भी गाती हैं. उन्होंने बताया कि सफर में थोड़ी कठिनाई तब आने लगी जब उनकी शादी हो गई. बाद में उनके ससुराल वालों ने इसे गंभीरता से लिया और फिर सबकुछ सामान्य हो गया. उन्हें भरोसा है कि कम लोग भी अगर सुनेंगे फिर भी वो भोजपुरी, मैथिली का मान बढ़ाने वाले गाने को ही गाएंगी.

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पटनाः बिहार के मधुबनी जिले की रहने वाली अर्चना दास (Folk Singer Archana Das) इन दिनों गायकी के क्षेत्र में खूब नाम कमा रही हैं. बचपन में पिताजी से साथ शुरू हुआ संगीत का सफर अर्चना को आज एक नई मुकाम पर खड़ा कर दी है. चूंकि अपना बिहार परंपराओं और विविधताओं का प्रदेश है. लिहाजा अर्चना हिंदी के अलावा भोजपुरी और मैथिली में भी गाती हैं. उनकी मधुर आवाज को लोग भी खूब पसंद करते हैं.

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अर्चना दास ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि उनके पिताजी भी लोकगीत गायक थे. घर में अपने बच्चों को गाने की शिक्षा देते थे. इसी कड़ी में अर्चना भी सीखती गईं. अर्चना दास अभी तक लगभग 200 से 300 गीत गा चुकी हैं. ये गाने यूट्यूब पर मौजूद हैं. मैथिली, सोहर, हिंदी, भाषा में गीत गाने वाली अर्चना खुद अपने गाने को लिखती हैं और खुद गाती हैं.

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भोजपुरी में अश्लीलता को लेकर भी अर्चना ने कहा कि चमकने के चक्कर में लोग फूहड़ गीत रहे हैं. गाने का कोई अर्थ हो या नहीं है लोग भी खूब पसंद करते हैं. अर्चना ने बताया कि वो बिहार और मध्य प्रदेश में भी बड़े कार्यक्रम की हैं. दूसरे प्रदेशों वे मैथिली गीत गाती हैं और लोगों का मनोरंजन करती हैं.

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ईटीवी भारत के दर्शकों के लिए इन्होंने मैथिली में बेकल बेबसे नैना हमारे श्याम सुंदर के बाट निहारे. इसके बाद उन्होंने 'रंग में छई चांदनी आहा पीलीयन पिया किंजल', 'ढेरों वक्त गुजारा तेरे साथ में बात करने में हम थोड़ा पीछे रहें.' जैसे गाने को सुनाया. अर्चना भोजपुरी में अश्लीलता को लेकर सख्त हैं.

अर्चना बताती हैं कि वो मैथिली और भोजपुरी में सोहर भी गाती हैं. उन्होंने बताया कि सफर में थोड़ी कठिनाई तब आने लगी जब उनकी शादी हो गई. बाद में उनके ससुराल वालों ने इसे गंभीरता से लिया और फिर सबकुछ सामान्य हो गया. उन्हें भरोसा है कि कम लोग भी अगर सुनेंगे फिर भी वो भोजपुरी, मैथिली का मान बढ़ाने वाले गाने को ही गाएंगी.

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