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Super-30 में 30 बच्चे ही क्यों? आनंद कुमार ने बताई ये वजह

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Published : Jul 24, 2021, 3:19 PM IST

Updated : Jul 24, 2021, 4:40 PM IST

देखिए देश-विदेश में प्रसिद्ध संस्थान 'सुपर-30' के संस्थापक आनंद कुमार से विशेष बातचीत. यह बातचीत की ईटीवी भारत के रीजनल न्यूज को-ऑर्डिनेटर सचिन शर्मा ने. आनंद के साथ यह बातचीत काफी रोचक रही, कभी वो इस बातचीत में काफी खुश नजर आए और अपने बचपन को याद करते दिखे, तो कभी वो अपना पसीना पोंछते भी नजर आए. 'सुपर-30' पर हाल ही में इसी नाम से फिल्म भी रीलीज हुई थी जिसमें आनंद कुमार की भूमिका ऋतिक रोशन ने निभाई थी. आप भी इस रोचक इंटरव्यू को देखिए.

exclusive interview of anand kumar
exclusive interview of anand kumar

हैदराबाद: ईटीवी भारत के रीजनल न्यूज को-ऑर्डिनेटर सचिन शर्मा से एक्सक्लूसिव बातचीत (Exclusive Interview Of Anand kumar) के दौरान सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार (Anand Kumar) अपने जीवन के शुरुआती संघर्ष को साझा करते हुए भावुक हो गए. आनंद बताते हैं 'पिता की मौत के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था. रोज यही चिंता होती थी कि अगर पापड़ नहीं बिकेंगे तो घर कैसे चलेगा. पर मैंने हिम्मत नहीं हारी. मेरी परिस्थिति बहुत खराब थी. कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में आर्थिक तंगी के कारण पढ़ने के लिए जा नहीं सका. मेरे पिता का सपना था कि मैं शिक्षक बनू. मैंने अपने पिता के सपने को जीवित रखा. मेरे मन में विश्वास था कि मेहनत करेंगे तो सब अच्छा होगा. मेरे पिता का भी यही मानना था.'

यह भी पढ़ें- कोरोना से मौत के आंकड़ों पर ईटीवी भारत से मंगल पांडेय ने झूठ बोला था? अब सच आया सामने

ईटीवी भारत के रीजनल न्यूज को-ऑर्डिनेटर सचिन शर्मा ने पूछा कि सुपर 30 ही क्यों सुपर 40 या सुपर 50 क्यों नहीं? इसका जवाब देते हुए आनंद कुमार बताते हैं 'सुपर 30 फिल्म देखने के बाद लोगों की उम्मीदें काफी बढ़ गई हैं. ऐसे में मैंने सोचा कि सुपर 30 को बड़ा कर दिया जाए. इस पर मैंने काफी काम भी किया, लेकिन कोरोना के कारण काम पर ब्रेक लग गया. आने वाले 2 3 महीने में मैं वर्चुअली ज्यादा से ज्यादा बच्चों को पढ़ा सकूं इसका प्रयास करूंगा.

आनंद कुमार बताते हैं कि कैसे उन्होंने आर्थिक तंगी के बावजूद 30 बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी ली. आनंद कुमार ने बताया '30 गरीब बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी मैंने ली. उनको पढ़ाने में मेरे परिवार ने भी मेरा साथ दिया. मेरी मां उनके खाने पीने का प्रबंध करती थी. भाई ने भी काफी मदद की.'

सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार से खास बातचीत

आनंद कुमार ने अपनी बचपन की शरारतों को भी ईटीवी भारत के साथ साझा किया. आनंद बताते हैं 'गोरियामठ के पास एक छोटे से डेढ़ कमरे के मकान में मेरा परिवार रहता था. जहां पास में रेलवे स्टेशन था जब भी वहां से ट्रेन जाती थी तो लगता था कि भूकंप आ गया. एक घटना बताता हूं, जब में छठी क्लास में था तब मैंने बल्ब बत्ती को बहुत अच्छे से बनाया सजाया और जैसे ही बिजली का कनेक्शन दिया पूरे मोहल्ले की बिजली गुल हो गई. मैं डर गया और तुरंत वहां से भाग गया. ऐसी कई घटनाएं मेरे जीवन में हुई. मुझे हमेशा बिजली से जुड़ी चीजें, विज्ञान से जुड़ी बातें और गणित से जुड़ी बातें जानने की उत्सुकता रहती थी. मेरा इन्हीं बातों में फोकस रहता था.

कैम्ब्रिज (University of Cambridge) के लेटर को लेकर भी आनंद कुमार ने ईटीवी भारत में अपनी बात रखी उन्होंने बताया कि 'मुझे कैम्ब्रिज से 1993 में लेटर प्राप्त हुआ था लेकिन 1994 में मुझे जाना था. इसे लेकर लोगों को बहुत कंफ्यूजन भी है. फिल्म के दौरान भी इस तरह के कई सवाल उठाए गए थे. मैंने लेटर को सार्वजनिक भी किया था.

आनंद कुमार ने अपनी शादी को लेकर उठ रहे सवाल पर भी ईटीवी भारत के जरिये जवाब दिया. उन्होंने कहा कि सभी शादी और कास्ट को लेकर सवाल करते हैं. मेरा मानना है कि इस सवाल का कोई मतलब नहीं है. अपर कास्ट और लोअर कास्ट की बात नहीं होनी चाहिए.' बता दें कि आनंद कुमार की पत्नी का नाम ऋतु रश्मि है.

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान गणितज्ञ आनंद कुमार ने संगीत के महत्व को भी बताया. आनंद कुमार ने कहा 'संगीत से हर किसी को जुड़ना चाहिए. सारी परेशानियों का इसमें समाधान होता है. आजकल बच्चे मोबाइल में व्यस्त रहते हैं. इसलिए उनमें चिड़चिड़ापन ज्यादा देखने को मिल रहा है. मैं सभी को यही कहूंगा कि संगीत से जरूर जुड़े. संगीत से मन शांत होता है और नई ऊर्जा भी मिलती है.'

आनंद कुमार सुपर 30 के सस्थांपक हैं. सुपर 30 के नाम से एक इंस्टीट्यूट चलाते हैं, जिसमे गरीब छात्रों को आईआईटी की फ्री में कोचिंग क्लास दी जाती है. आनंद कुमार एक गणितज्ञ होने के साथ–साथ एक अच्छे शिक्षक भी हैं. इनका मुख्य उद्देश्य है कि गरीब छात्रो को आईआईटी (IIT) जेईई (JEE) में प्रवेश के लिए तैयारी करना. आईआईटी में हर छात्र प्रवेश पाने के लिए सपने देखता है. कुछ छात्र होनहार होने के बावजूद भी इसमें प्रवेश नहीं ले पाते क्योंकि उनके पास इतने पैसे नहीं होते हैं कि वह एक अच्छी कोचिंग कर सके इसलिए उनके सपने को पूरा करने के लिए आनंद कुमार सुपर 30 के छात्रो को मुफ्त में शिक्षा देते हैं.

हैदराबाद: ईटीवी भारत के रीजनल न्यूज को-ऑर्डिनेटर सचिन शर्मा से एक्सक्लूसिव बातचीत (Exclusive Interview Of Anand kumar) के दौरान सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार (Anand Kumar) अपने जीवन के शुरुआती संघर्ष को साझा करते हुए भावुक हो गए. आनंद बताते हैं 'पिता की मौत के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था. रोज यही चिंता होती थी कि अगर पापड़ नहीं बिकेंगे तो घर कैसे चलेगा. पर मैंने हिम्मत नहीं हारी. मेरी परिस्थिति बहुत खराब थी. कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में आर्थिक तंगी के कारण पढ़ने के लिए जा नहीं सका. मेरे पिता का सपना था कि मैं शिक्षक बनू. मैंने अपने पिता के सपने को जीवित रखा. मेरे मन में विश्वास था कि मेहनत करेंगे तो सब अच्छा होगा. मेरे पिता का भी यही मानना था.'

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ईटीवी भारत के रीजनल न्यूज को-ऑर्डिनेटर सचिन शर्मा ने पूछा कि सुपर 30 ही क्यों सुपर 40 या सुपर 50 क्यों नहीं? इसका जवाब देते हुए आनंद कुमार बताते हैं 'सुपर 30 फिल्म देखने के बाद लोगों की उम्मीदें काफी बढ़ गई हैं. ऐसे में मैंने सोचा कि सुपर 30 को बड़ा कर दिया जाए. इस पर मैंने काफी काम भी किया, लेकिन कोरोना के कारण काम पर ब्रेक लग गया. आने वाले 2 3 महीने में मैं वर्चुअली ज्यादा से ज्यादा बच्चों को पढ़ा सकूं इसका प्रयास करूंगा.

आनंद कुमार बताते हैं कि कैसे उन्होंने आर्थिक तंगी के बावजूद 30 बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी ली. आनंद कुमार ने बताया '30 गरीब बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी मैंने ली. उनको पढ़ाने में मेरे परिवार ने भी मेरा साथ दिया. मेरी मां उनके खाने पीने का प्रबंध करती थी. भाई ने भी काफी मदद की.'

सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार से खास बातचीत

आनंद कुमार ने अपनी बचपन की शरारतों को भी ईटीवी भारत के साथ साझा किया. आनंद बताते हैं 'गोरियामठ के पास एक छोटे से डेढ़ कमरे के मकान में मेरा परिवार रहता था. जहां पास में रेलवे स्टेशन था जब भी वहां से ट्रेन जाती थी तो लगता था कि भूकंप आ गया. एक घटना बताता हूं, जब में छठी क्लास में था तब मैंने बल्ब बत्ती को बहुत अच्छे से बनाया सजाया और जैसे ही बिजली का कनेक्शन दिया पूरे मोहल्ले की बिजली गुल हो गई. मैं डर गया और तुरंत वहां से भाग गया. ऐसी कई घटनाएं मेरे जीवन में हुई. मुझे हमेशा बिजली से जुड़ी चीजें, विज्ञान से जुड़ी बातें और गणित से जुड़ी बातें जानने की उत्सुकता रहती थी. मेरा इन्हीं बातों में फोकस रहता था.

कैम्ब्रिज (University of Cambridge) के लेटर को लेकर भी आनंद कुमार ने ईटीवी भारत में अपनी बात रखी उन्होंने बताया कि 'मुझे कैम्ब्रिज से 1993 में लेटर प्राप्त हुआ था लेकिन 1994 में मुझे जाना था. इसे लेकर लोगों को बहुत कंफ्यूजन भी है. फिल्म के दौरान भी इस तरह के कई सवाल उठाए गए थे. मैंने लेटर को सार्वजनिक भी किया था.

आनंद कुमार ने अपनी शादी को लेकर उठ रहे सवाल पर भी ईटीवी भारत के जरिये जवाब दिया. उन्होंने कहा कि सभी शादी और कास्ट को लेकर सवाल करते हैं. मेरा मानना है कि इस सवाल का कोई मतलब नहीं है. अपर कास्ट और लोअर कास्ट की बात नहीं होनी चाहिए.' बता दें कि आनंद कुमार की पत्नी का नाम ऋतु रश्मि है.

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान गणितज्ञ आनंद कुमार ने संगीत के महत्व को भी बताया. आनंद कुमार ने कहा 'संगीत से हर किसी को जुड़ना चाहिए. सारी परेशानियों का इसमें समाधान होता है. आजकल बच्चे मोबाइल में व्यस्त रहते हैं. इसलिए उनमें चिड़चिड़ापन ज्यादा देखने को मिल रहा है. मैं सभी को यही कहूंगा कि संगीत से जरूर जुड़े. संगीत से मन शांत होता है और नई ऊर्जा भी मिलती है.'

आनंद कुमार सुपर 30 के सस्थांपक हैं. सुपर 30 के नाम से एक इंस्टीट्यूट चलाते हैं, जिसमे गरीब छात्रों को आईआईटी की फ्री में कोचिंग क्लास दी जाती है. आनंद कुमार एक गणितज्ञ होने के साथ–साथ एक अच्छे शिक्षक भी हैं. इनका मुख्य उद्देश्य है कि गरीब छात्रो को आईआईटी (IIT) जेईई (JEE) में प्रवेश के लिए तैयारी करना. आईआईटी में हर छात्र प्रवेश पाने के लिए सपने देखता है. कुछ छात्र होनहार होने के बावजूद भी इसमें प्रवेश नहीं ले पाते क्योंकि उनके पास इतने पैसे नहीं होते हैं कि वह एक अच्छी कोचिंग कर सके इसलिए उनके सपने को पूरा करने के लिए आनंद कुमार सुपर 30 के छात्रो को मुफ्त में शिक्षा देते हैं.

Last Updated : Jul 24, 2021, 4:40 PM IST
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