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अगले दो हफ्ते में बिहार में गिरेगा कोरोना का ग्राफ, जानें क्या है सरकार का 'प्लान'

बिहार में कोरोना महामारी के इस दौर में सरकार ने किस एक्शन प्लान के तहत काम किया और कर रही है. क्या कुछ ब्लू प्रिंट के साथ सरकार कदम उठा रही है. इसके बारे में मुख्य सचिव दीपक कुमार ने ईटीवी भारत के साथ विस्तार से चर्चा की. पढ़ें और देखें पूरा इंटरव्यू...

मुख्य सचिव दीपक कुमार
मुख्य सचिव दीपक कुमार
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Published : Jun 10, 2020, 3:03 PM IST

Updated : Jun 10, 2020, 5:55 PM IST

पटना: बड़ा राज्य होने के बावजूद बिहार में कम संसधान के चलते कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए सरकार ने बेहतरीन काम किया है. बिहार में अन्य बड़े राज्यों की अपेक्षा कोरोना के मामले कम हैं. बिहार सरकार के नौकरशाहों पर लगते आरोपों के बीच उन्होंने इतना बेहतरीन काम करते हुए कोरोना की रोकथाम के लिए क्या कुछ कदम उठाए. इसको लेकर ईटीवी भारत बिहार के ब्यूरो चीफ प्रवीण बागी ने बिहार सरकार के मुख्य सचिव दीपक कुमार से बात की.

मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि कोरोना महामारी की फैलने की संभावना बाहरी लोगों से ज्यादा रहती है. बिहार में बाहर से दो चरणों में लोग आए हैं. पहले चरण में विदेशी लोग थे, तो दूसरे चरण में देश के अन्य राज्यों के लोग. दीपक कुमार ने कहा कि पहले फेज में हमने घर-घर जाकर ऐसे लोगों की जानकारी जुटाई, जो विदेशों से आए थे. उन्हें क्वारंटीन किया. इस तरह विदेशों से आने वाले कोरोना वायरस से हम जीते.

बिहार में गिरेगा कोरोना ग्राफ- मुख्य सचिव (पार्ट-1)

दूसरे फेज में स्क्रीनिंग जबरदस्त
मुख्य सचिव ने बताया कि दूसरे फेज में अन्य राज्यों से लगभग 20 से 30 लाख लोग आए. यह हमारे लिए चैलेंजिंग था. इसको लेकर हम अलर्ट रहे. इसको दो तरह से हैंडल किया. उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में बीमारी ज्यादा फैली थी. वहां से आ रहे लोगों को हमने क्वारंटीन करने का फैसला लिया. यह टफ टास्क था. ऐसे में कोरोना वायरस को लेकर कर्मचारी भी डरे हुए थे. लेकिन हमने इसे पूरा किया. अब लोगों का क्वारंटीन पीरियड खत्म हो गया है.

नीचे जाएगा कोरोना का ग्राफ- दीपक कुमार
मुख्य सचिव ने कहा कि अब बिहार में कोरोना का ग्राफ नीचे जाएगा. गांव की बात करें, तो ग्रामीण बेहद जागरूक हैं. कोरोना को लेकर सतर्क है. उन्होंने कहा कि 20 लाख लोगों को क्वारंटीन करना बहुत बड़ा चैलेंज था. जिनके लिए हम सेवा कर रहे थे. वो लोग क्वारंटीन सेंटर में आने को मना कर रहे थे. हम चाहे कितनी भी अच्छी व्यवस्था कर रहे हो. लोग डरवश मना कर रहे थे. फिर भी हमने लोगों की प्रॉपर जांच करवायी.

रोजगार को लेकर क्या बोले मुख्य सचिव (पार्ट-2)

कोरोना सेंटर से मिल रही शिकायतों का क्या?
ब्यूरो चीफ प्रवीण बागी ने जब मुख्य सचिव से कहा कि बिहार के कई क्वारंटीन सेंटर से शिकायतें मिली. क्या वहां भ्रष्टाचार हुआ? इस बाबत, मुख्य सचिव ने कहा कि कुछ जगह से शिकायतें मिली हैं. लेकिन हमारी व्यवस्था इतनी पारदर्शी है कि करप्शन का सवाल ही नहीं उठता. उन्होंने कहा कि सभी क्वारंटीन सेंटर पर सीसीटीवी कैमरे लगे थे. टॉयलेट की व्यवस्था थी. खाने-पीने के लिए अच्छा खाना दिया जा रहा था. दीपक कुमार ने कहा कि दिक्कते थीं. कुछ जगह से गलत शिकायतें भी आईं.

रोजगार देने के लिए क्या है ब्लू प्रिंट?
इस सवाल के जवाब में मुख्य सचिव ने कहा कि जो लोग बाहर से आ रहे हैं. उनमें से बहुत से स्किल्ड हैं और बहुत अनस्किल्ड. उसी हिसाब से उन्हें रोजगार मिलेगा. औद्योगिकरण में तेजी ला रहे हैं. इसके लिए पॉलिसी में बदलाव हो रहा है. ऐसे में हम लोगों का ब्लू प्रिंट तैयार है. हम नहीं चाहते कि लोगों को मजबूरन बाहर जाना पड़े. इसके चलते इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा. बिहार के लोगों को रोजगार मिलेगा. चाहे वो मनरेगा के तहत हो या वो इंडस्ट्री के तहत हो.

क्या नौकरशाहों की वजह से नहीं हुआ बिहार का विकास?
इसपर मुख्य सचिव ने कहा कि बिहार का बहुत बदलाव हुआ है. ऐसा नहीं है कि बिहार में विकास नहीं हुआ. आज से 10 से 15 साल पहले जब हम गांव में विजिट करते थे, तो बहुत शिकायतें मिलती थीं. अब ये शिकायतें नहीं मिल रही हैं. लोग काम गिनाते हैं. लोग ये नहीं कहते कि काम नहीं होते. लोग ये कहते हैं कि ये पाइप, जो लगा है ये खराब है. तो इसे पॉजिटिव लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि चीजें लगती हैं और खराब होती हैं. इसका मतलब ये नहीं कि काम नहीं हुआ.

नौकरशाहों की वजह से नहीं हुआ बिहार का विकास?

कृषि आधारित उद्योगों पर सरकार क्या कदम उठा रही है?
प्रवीण बागी के इस सवाल पर मुख्य सचिव ने कहा कि लीची, मखाना, आम, शहद आदि के पोस्ट हार्वेस्ट का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा इसपर जो लोग उद्योग लगाना चाहेंगे. उन्हें हम प्रदेश में जमीन भी देंगे और पूरी मदद करेंगे. फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाई जा रही हैं.

फिर शुरू हुआ पलायन
जो मजदूर वापस आए थे, वो फिर वापस जा रहे हैं. इसपर जब मुख्य सचिव से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे अपनी मर्जी से जा रहे हैं. देश एक हैं लोगों को पूरा अधिकार है कहीं भी जाने का. उन्हें लगता होगा कि बिहार के बाहर वो उन्हें अच्छी इनकम होगी. इसलिए वो जा रहे हैं. लेकिन हम यहां व्यवस्था कर रहे हैं.

बंद उद्योगों को पुर्नजीवित करने के लिए क्या कदम?
बिहार में बंद पड़ी शुगर मिल, पेपर मिल, काटन मिल आदि के बारे में मुख्य सचिव ने कहा कि हमारे उत्पादन को लेकर हम कदम उठा रहे हैं. इसके तहत औद्योगिक पार्कों की शुरूआत कर रहे हैं. फूड, टेक्सटाइल और आईटी पार्क खोलेंगे.

चुनाव आते ही ठप हो जाएंगे काम?
प्रवीण बागी ने कहा कि चुनाव आने वाले हैं. इसके चलते सरकारी कामों पर रोक लग जाती है. इसपर दीपक कुमार ने कहा कि औद्योगिक काम चलते रहते हैं. इन्वस्टेमेंट होगा, जमीन मिले जाएगी. तो काम चलते रहेंगे. वो काम नहीं रुकने चाहिए.

नया बिहार देखने को मिलेगा?
दीपक कुमार ने कहा कि बिहार में बहुत काम हुए हैं. वर्तमान समय में बिहार में हुनरमंद लोग आए हैं. ये हमारे लिए एसेट हैं. बड़े-बड़े फाइव-स्टार होटल में काम करने वाले कुक हो या इंजीनियर, ये हमारे लिए एसेट हैं. इनसे बिहार में बहुत बड़ा बदलाव होगा.

किस बात ने सबसे ज्यादा आहत किया ?

कोरोना के चलते राजस्व में कितनी हुई क्षति?
दीपक कुमार ने बताया कि कोरोना काल में 50 प्रतिशत राजस्व की क्षति हुई है. अनलॉक-1 में मिली छूट के बाद भरपाई होगी. जल जीवन हरियाली मिशन के तहत रोजगार दिए जाएंगे और काम किये जाएंगे.

बाढ़ की समस्या...
मुख्य सचिव ने कहा कि हर साल बाढ़ की समस्या रहती है. मानसून 15 जून से आ जाता है. इसको लेकर हम सतर्क और अलर्ट हैं. काम कर रहे हैं. सभी इलाकों की मॉनिटरिंग हो रही है.

कितने घंटे करते रहे काम?
मुख्य सचिव ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार से लेकर सभी विभागीय अधिकारी, जो जमीन में कर्मचारी हैं. सभी ने तनावभरी स्थिति में काम किया. उन्होंने कहा कि ये ऐसी महामारी है, जिसके बारे में पता नहीं है कि कब खत्म होगी. बाढ़ या सुखाड़ के बारे में हमें पता होता है कि दो या तीन महीनें में हालातों को सुधार लेंगे. लेकिन कोरोना के बारे में कुछ नहीं पता. मैंने अपने पूरे करियर में ऐसा नहीं देखा. उन्होंने कहा कि पूरी टीम ने बहुत अच्छा काम किया.

इन खबरों से आहत हुए मुख्य सचिव
मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा कि मजदूरों का एक्सीडेंट हो या क्वारंटीन सेंटर में सांप काटने से हुई मौत, अच्छा नहीं लगता था. मन आहत हो जाता था. हम अपनी पूरी ताकत के साथ काम करते रहे. अभी भी पूरा प्रशासन काम कर रहा है.

पटना: बड़ा राज्य होने के बावजूद बिहार में कम संसधान के चलते कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए सरकार ने बेहतरीन काम किया है. बिहार में अन्य बड़े राज्यों की अपेक्षा कोरोना के मामले कम हैं. बिहार सरकार के नौकरशाहों पर लगते आरोपों के बीच उन्होंने इतना बेहतरीन काम करते हुए कोरोना की रोकथाम के लिए क्या कुछ कदम उठाए. इसको लेकर ईटीवी भारत बिहार के ब्यूरो चीफ प्रवीण बागी ने बिहार सरकार के मुख्य सचिव दीपक कुमार से बात की.

मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि कोरोना महामारी की फैलने की संभावना बाहरी लोगों से ज्यादा रहती है. बिहार में बाहर से दो चरणों में लोग आए हैं. पहले चरण में विदेशी लोग थे, तो दूसरे चरण में देश के अन्य राज्यों के लोग. दीपक कुमार ने कहा कि पहले फेज में हमने घर-घर जाकर ऐसे लोगों की जानकारी जुटाई, जो विदेशों से आए थे. उन्हें क्वारंटीन किया. इस तरह विदेशों से आने वाले कोरोना वायरस से हम जीते.

बिहार में गिरेगा कोरोना ग्राफ- मुख्य सचिव (पार्ट-1)

दूसरे फेज में स्क्रीनिंग जबरदस्त
मुख्य सचिव ने बताया कि दूसरे फेज में अन्य राज्यों से लगभग 20 से 30 लाख लोग आए. यह हमारे लिए चैलेंजिंग था. इसको लेकर हम अलर्ट रहे. इसको दो तरह से हैंडल किया. उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में बीमारी ज्यादा फैली थी. वहां से आ रहे लोगों को हमने क्वारंटीन करने का फैसला लिया. यह टफ टास्क था. ऐसे में कोरोना वायरस को लेकर कर्मचारी भी डरे हुए थे. लेकिन हमने इसे पूरा किया. अब लोगों का क्वारंटीन पीरियड खत्म हो गया है.

नीचे जाएगा कोरोना का ग्राफ- दीपक कुमार
मुख्य सचिव ने कहा कि अब बिहार में कोरोना का ग्राफ नीचे जाएगा. गांव की बात करें, तो ग्रामीण बेहद जागरूक हैं. कोरोना को लेकर सतर्क है. उन्होंने कहा कि 20 लाख लोगों को क्वारंटीन करना बहुत बड़ा चैलेंज था. जिनके लिए हम सेवा कर रहे थे. वो लोग क्वारंटीन सेंटर में आने को मना कर रहे थे. हम चाहे कितनी भी अच्छी व्यवस्था कर रहे हो. लोग डरवश मना कर रहे थे. फिर भी हमने लोगों की प्रॉपर जांच करवायी.

रोजगार को लेकर क्या बोले मुख्य सचिव (पार्ट-2)

कोरोना सेंटर से मिल रही शिकायतों का क्या?
ब्यूरो चीफ प्रवीण बागी ने जब मुख्य सचिव से कहा कि बिहार के कई क्वारंटीन सेंटर से शिकायतें मिली. क्या वहां भ्रष्टाचार हुआ? इस बाबत, मुख्य सचिव ने कहा कि कुछ जगह से शिकायतें मिली हैं. लेकिन हमारी व्यवस्था इतनी पारदर्शी है कि करप्शन का सवाल ही नहीं उठता. उन्होंने कहा कि सभी क्वारंटीन सेंटर पर सीसीटीवी कैमरे लगे थे. टॉयलेट की व्यवस्था थी. खाने-पीने के लिए अच्छा खाना दिया जा रहा था. दीपक कुमार ने कहा कि दिक्कते थीं. कुछ जगह से गलत शिकायतें भी आईं.

रोजगार देने के लिए क्या है ब्लू प्रिंट?
इस सवाल के जवाब में मुख्य सचिव ने कहा कि जो लोग बाहर से आ रहे हैं. उनमें से बहुत से स्किल्ड हैं और बहुत अनस्किल्ड. उसी हिसाब से उन्हें रोजगार मिलेगा. औद्योगिकरण में तेजी ला रहे हैं. इसके लिए पॉलिसी में बदलाव हो रहा है. ऐसे में हम लोगों का ब्लू प्रिंट तैयार है. हम नहीं चाहते कि लोगों को मजबूरन बाहर जाना पड़े. इसके चलते इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा. बिहार के लोगों को रोजगार मिलेगा. चाहे वो मनरेगा के तहत हो या वो इंडस्ट्री के तहत हो.

क्या नौकरशाहों की वजह से नहीं हुआ बिहार का विकास?
इसपर मुख्य सचिव ने कहा कि बिहार का बहुत बदलाव हुआ है. ऐसा नहीं है कि बिहार में विकास नहीं हुआ. आज से 10 से 15 साल पहले जब हम गांव में विजिट करते थे, तो बहुत शिकायतें मिलती थीं. अब ये शिकायतें नहीं मिल रही हैं. लोग काम गिनाते हैं. लोग ये नहीं कहते कि काम नहीं होते. लोग ये कहते हैं कि ये पाइप, जो लगा है ये खराब है. तो इसे पॉजिटिव लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि चीजें लगती हैं और खराब होती हैं. इसका मतलब ये नहीं कि काम नहीं हुआ.

नौकरशाहों की वजह से नहीं हुआ बिहार का विकास?

कृषि आधारित उद्योगों पर सरकार क्या कदम उठा रही है?
प्रवीण बागी के इस सवाल पर मुख्य सचिव ने कहा कि लीची, मखाना, आम, शहद आदि के पोस्ट हार्वेस्ट का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा इसपर जो लोग उद्योग लगाना चाहेंगे. उन्हें हम प्रदेश में जमीन भी देंगे और पूरी मदद करेंगे. फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाई जा रही हैं.

फिर शुरू हुआ पलायन
जो मजदूर वापस आए थे, वो फिर वापस जा रहे हैं. इसपर जब मुख्य सचिव से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे अपनी मर्जी से जा रहे हैं. देश एक हैं लोगों को पूरा अधिकार है कहीं भी जाने का. उन्हें लगता होगा कि बिहार के बाहर वो उन्हें अच्छी इनकम होगी. इसलिए वो जा रहे हैं. लेकिन हम यहां व्यवस्था कर रहे हैं.

बंद उद्योगों को पुर्नजीवित करने के लिए क्या कदम?
बिहार में बंद पड़ी शुगर मिल, पेपर मिल, काटन मिल आदि के बारे में मुख्य सचिव ने कहा कि हमारे उत्पादन को लेकर हम कदम उठा रहे हैं. इसके तहत औद्योगिक पार्कों की शुरूआत कर रहे हैं. फूड, टेक्सटाइल और आईटी पार्क खोलेंगे.

चुनाव आते ही ठप हो जाएंगे काम?
प्रवीण बागी ने कहा कि चुनाव आने वाले हैं. इसके चलते सरकारी कामों पर रोक लग जाती है. इसपर दीपक कुमार ने कहा कि औद्योगिक काम चलते रहते हैं. इन्वस्टेमेंट होगा, जमीन मिले जाएगी. तो काम चलते रहेंगे. वो काम नहीं रुकने चाहिए.

नया बिहार देखने को मिलेगा?
दीपक कुमार ने कहा कि बिहार में बहुत काम हुए हैं. वर्तमान समय में बिहार में हुनरमंद लोग आए हैं. ये हमारे लिए एसेट हैं. बड़े-बड़े फाइव-स्टार होटल में काम करने वाले कुक हो या इंजीनियर, ये हमारे लिए एसेट हैं. इनसे बिहार में बहुत बड़ा बदलाव होगा.

किस बात ने सबसे ज्यादा आहत किया ?

कोरोना के चलते राजस्व में कितनी हुई क्षति?
दीपक कुमार ने बताया कि कोरोना काल में 50 प्रतिशत राजस्व की क्षति हुई है. अनलॉक-1 में मिली छूट के बाद भरपाई होगी. जल जीवन हरियाली मिशन के तहत रोजगार दिए जाएंगे और काम किये जाएंगे.

बाढ़ की समस्या...
मुख्य सचिव ने कहा कि हर साल बाढ़ की समस्या रहती है. मानसून 15 जून से आ जाता है. इसको लेकर हम सतर्क और अलर्ट हैं. काम कर रहे हैं. सभी इलाकों की मॉनिटरिंग हो रही है.

कितने घंटे करते रहे काम?
मुख्य सचिव ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार से लेकर सभी विभागीय अधिकारी, जो जमीन में कर्मचारी हैं. सभी ने तनावभरी स्थिति में काम किया. उन्होंने कहा कि ये ऐसी महामारी है, जिसके बारे में पता नहीं है कि कब खत्म होगी. बाढ़ या सुखाड़ के बारे में हमें पता होता है कि दो या तीन महीनें में हालातों को सुधार लेंगे. लेकिन कोरोना के बारे में कुछ नहीं पता. मैंने अपने पूरे करियर में ऐसा नहीं देखा. उन्होंने कहा कि पूरी टीम ने बहुत अच्छा काम किया.

इन खबरों से आहत हुए मुख्य सचिव
मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा कि मजदूरों का एक्सीडेंट हो या क्वारंटीन सेंटर में सांप काटने से हुई मौत, अच्छा नहीं लगता था. मन आहत हो जाता था. हम अपनी पूरी ताकत के साथ काम करते रहे. अभी भी पूरा प्रशासन काम कर रहा है.

Last Updated : Jun 10, 2020, 5:55 PM IST
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