पटना: चुनावी रणनीति के माहिर प्रशांत किशोर पटना तो आए हैं लेकिन बिहार में किस पार्टी के लिए काम करेंगे. इसका खुलासा उन्होंने नहीं किया है. जदयू के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि बिहार में न तो नई पार्टी बनाएंगे और न ही किसी गठबंधन के लिए काम करेंगे. वहीं, उन्होंने 'बिहार की बात' कार्यक्रम शुरू करने की बात कही है. प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार के विकास के दावों की हवा निकाल दी. उन्होंने कहा कि पूरे देश में 2005 को बिहार जिस स्थान पर खड़ा था आज भी विकास के मामले में पूरे देश में वहीं खड़ा है. इस दौरान उन्होंने सीएम नीतीश के साथ चल रहे मतभेद का खुलासा किया.
जदयू से निकाले जाने के बाद पहली बार राजधानी पटना पहुंचे प्रशांत किशोर ने कहा, 'न तो पार्टी बनाएंगे और न ही किसी गठबंधन को फिलहाल सपोर्ट करेंगे. नीतीश कुमार से हमारा मतभेद नहीं है. गांधी और गोडसे दोनों के साथ चलने को लेकर हैं. नीतीश कुमार बात तो गांधी के सत्कर्म की करते हैं लेकिन गोडसे के साथ खड़े हैं.' उन्होंने आगे कहा कि 2014 में नीतीश कुमार 2 सांसदों के साथ या फिर आज 16 सांसदों के साथ भले ही खड़े दिख रहे हैं. वो उस समय भी बड़े दिखते थे. आज भी बड़े दिख रहे हैं और जनता देख रही है.
विकास का कोई ब्लूप्रिंट नहीं- पीके
नीतीश कुमार के विकास के दावों पर पीके ने कहा कि 15 साल पहले 2005 में देश में बिहार विकास के माप दंडों पर जहां खड़ा था. आज भी वहीं है. प्रशांत किशोर का कहना है कि बिहार में साइकिल और पोशाक बांटी गई. लेकिन वो अच्छी शिक्षा नहीं दे पाए हैं. बिहार के विकास को लेकर नीतीश कुमार के पास कोई ब्लूप्रिंट नहीं है. वहीं, कन्हैया कुमार को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा कि एक-दो बार उनसे मुलाकात हुई है. उसके अलावा उन्हें हम विशेष रूप से नहीं जानते हैं. लेकिन तेजस्वी के बारे में कुछ भी बोलने से बचते रहे.
बिहार की जनता ये जरूर कहेगी कि आपने बिहार में 15 साल काम किया, तो जनता ने आपको सत्ता भी दी. लेकिन बिहार के लोग ये जानना चाहते हैं कि बिहार में पलायन कब रुकेगा. कब बिहार में बाहरी लोग आकर काम करेंगे. कब तक पिछली सरकार से अपनी तुलना करेंगे- प्रशांत किशोर
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मैं क्या हूं, क्या करता हूं. या क्या करूंगा. ये नीतीश जी तय नहीं कर सकते. मैंने तो मोदी जी के साथ भी काम किया है. ये सबको पता है. मेरे अपने विचार, मेरी सोच और जो रास्ते मैं चुनूंगा. उससे सबकुछ तय होगा. नीतीश जी के कहने से नहीं- प्रशांत किशोर
'बिहार की बात' पीके के साथ
महागठबंधन से निकलने के बाद लालू प्रसाद यादव से मिलने की खबर कई बार उड़ती रही. उस पर प्रशांत किशोर ने सफाई देते हुए कहा कि बड़े नेताओं से मुलाकात होती रहती है यह कोई बड़ी बात नहीं है. नीतीश कुमार के इस बयान पर कि अमित शाह के कहने पर ही पार्टी में शामिल किया था. प्रशांत किशोर ने कहा कि 70 साल की उम्र में भी नीतीश कुमार अगर झूठ बोलना चाहते हैं तो बोलें. प्रशांत किशोर ने 'बिहार की बात' कार्यक्रम 20 फरवरी को लांच करने की बात कही है और इसमें एक करोड़ युवाओं को 3 महीने में जोड़ने का दावा भी कर रहे हैं. उसके बाद ही बिहार की राजनीति में क्या कुछ करेंगे. उसका खुलासा कर सकते हैं.