पटना: अभी तो गर्मी का आगाज हुआ है और राजधानी में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. मई, जून का महीना तो अभी बाकी है. ऐसे में राजधानीवासियों को पानी की समस्या से रोजाना जूझना पड़ रहा है. अप्रैल महीने में ही लगातार तापमान में वृद्धि की वजह से पानी की किल्लत का सामना लोगों को करना पड़ रहा है.
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कहां है पानी ?
अप्रैल महीने में राजधानी पटना के विभिन्न इलाकों में कई नल सूख गए तो कई नलों में पानी बर्बाद हो रहा है. लेकिन निगम प्रशासन का दावा है कि हर दिन नगर निगम की ओर से पटनावासियों को 135 लीटर प्रति व्यक्ति के हिसाब से 262 एमएलडी पानी की सप्लाई की जाती है.
पटनावासियों को शुद्ध पेयजल मिले इसके लिए सीएम नीतीश कुमार ने पिछले दिनों समीक्षा बैठक की थी. उस बैठक में उन्होंने पीएचईडी विभाग और नगर निगम को आदेश दिया था कि हर हाल में प्रति व्यक्ति को 135 लीटर पानी उपलब्ध कराई जाए. निगम प्रशासन ने भी दावा किया है कि वह हर दिन 262 एमएलडी पानी की सप्लाई पटना के विभिन्न इलाकों में करते हैं.
'110 पुराने वाटर पंप के सहारे लोगों के घरों तक हम हर दिन पानी पहुंचा रहे हैं. 11 हाई वाटर पंप लगाया जा रहा है जिसके माध्यम से लोगों के घरों तक तेज गति से पानी पहुंच सके. इसकी व्यवस्था निगम प्रशासन कर रही है.'- इंद्रदीप चंद्रवंशी, स्टैंडिंग सदस्य, पीएमसी
अप्रैल महीने में सूरज लोगों पर सितम ढा रहा है. शहरवासियों की प्यास कैसे बुझे इसको लेकर पटना नगर निगम के नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा बताते हैं कि 'लोगों की प्यास बुझाने के लिए निगम प्रशासन पूरी तत्परता के साथ काम कर रहा है. जिन इलाके में वाटर पंप नहीं गए हैं, वहां पर वाटर टैंकर के माध्यम से लोगों के घरों तक पानी पहुंचाया जाए इसकी भी व्यवस्था की गई है.''हर दिन लोगों के घरों तक 8 घंटा पानी की सप्लाई की जाती है. जहां पर भी पाइप के जर्जर होने की शिकायत मिलती है तो हम लोग उसे ठीक भी करवाते हैं.'- धीरज कुमार, वाटर पंप चालक, पीएमसी
कई इलाकों में पानी की भारी कमी
नगर निगम द्वारा लोगों को पानी उपलब्ध कराने के दावे की हकीकत जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम पटना के विभिन्न इलाकों में गई. जहां पर निगम के दावे हवा हवाई साबित हो रहे हैं.
1 पोलो रोड में पानी का हाल
सबसे पहले हमारी टीम पोलो रोड गई. यहां पर कई मंत्री और विधायकों का आवास है, लेकिन इन इलाकों में पानी की भारी कमी देखने को मिल रही है. पटना नगर निगम की तरफ से वाटर पंप तो लगा दिया गया है लेकिन अभी तक वह पंप चालू नहीं हुआ है. मजबूरन लोगों को बाहर से पानी लाना पड़ता है. इन इलाकों के बस्ती के लोगों का मानना है कि निगम की तरफ से कभी-कभी पानी आता है लेकिन वह पानी भी काफी गंदा होता है.
'पानी नहीं आता है. कई-कई दिन तक नहाने के लिए पानी नहीं होता. बाहर से पानी लाकर अपना काम करते हैं.'- गौरी देवी, पटनावासी
'पानी का ठिकाना नहीं. पानी कभी आता है कभी नहीं आता है. निगम के पाइप से पानी आता नहीं है और अगर आया भी तो पानी बहुत गंदा होता है.'- बेचन साहनी, पटनावासी
लोदीपुर इलाके में पानी की हकीकत
पानी के हालात का जायजा लेने जब हमारी टीम लोदीपुर इलाके में पहुंची तो पाया गया कि जर्जर पाइप से पानी यूं ही बह रहा है. इसे रोकने वाला कोई नहीं है. कहीं पानी यूं ही बर्बाद हो रहा है तो कहीं कई नलों में पानी नहीं पहुंच रहा है. लोदीपुर इलाके में अधिकतर लोगों के घरों में नगर निगम के तरफ से वाटर पाइप लाइन नहीं बिछाया गया है जिसकी वजह से लोग बाहर से ही पानी लाने को मजबूर हैं.
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