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सूरत-ए-बिहार स्वास्थ्य व्यवस्था: मेडिकल शॉप है, लेकिन दवा गायब है !

बिहार सरकार ने अनुमंडलीय अस्पताल में 123 किस्म की दवा मरीजों को उपलब्ध कराने की तख्ती लगाई है, लेकिन हकीकत कुछ और है. महीनों से 123 की जगह 60 किस्म की दवा की आपूर्ति की जा रही है.

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पालीगंज अनुमंडल अस्पताल
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Published : Dec 19, 2020, 7:02 PM IST

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बार-बार कहते नहीं थकते हैं कि मरीजों के लिए सरकारी अस्पतालों में पूरी व्यवस्था की गई है. मरीजों के बेहतर इलाज के लिए सभी इंतजाम किए गए हैं. पर्याप्त मात्रा में दावा उपलब्ध कराई गई है, लेकिन सरकार के दावे और मरीजों को मिल रही सुविधा में काफी अंतर दिख रहा है.

देखें रिपोर्ट

पटना से करीब 45 किलोमीटर दूर स्थित पालीगंज अनुमंडल अस्पताल में सरकारी दावों की पोल खुलती दिख रही है. अस्पताल पटना-औरंगाबाद और रानीतालाब-गया मार्ग पर स्थित है. अस्पताल में रोज सड़क हादसे का शिकार हुए लोग इलाज के लिए आते हैं. यहां स्थिति ऐसी है कि मरीजों को बाहर से दवाएं लानी पड़ती है.

अनुमंडल अस्पताल में कार्यरत फार्मासिस्ट राम रूप दास ने कहा "स्वास्थ्य विभाग की तरफ से अस्पताल परिसर में तख्ती लगा दी गई है कि 123 किस्म की दवा उपलब्ध है. सच्चाई यह है कि महीनों से अस्पताल में आधे से भी कम किस्म की दवा की आपूर्ति की जा रही है.

बाहर से दवा खरीदकर लाते हैं मरीज
गौरतलब है कि अस्पताल के ओपीडी के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से 58 किस्म की दवा उपलब्ध कराई जाती है. दो माह से मात्र 35 किस्म की दवा पटना औषधि विभाग ने उपलब्ध कराया है. वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने औषधि विभाग को आईपीडी इमरजेंसी सेवा के लिए 65 किस्म की दवा आपूर्ति करने का निर्देश दिया है, लेकिन औषधि विभाग दो माह से मात्र 25 किस्म की दवा आपूर्ति कर रहा है.

"सरकार की तरफ से ओपीडी के लिए 58 तरह की दवा आपूर्ति की जाती है. आईपीडी इमरजेंसी के लिए 65 तरह की दवा उपलब्ध कराई जाती है. ढाई माह से औषधि विभाग ने 123 किस्म की जगह 60 किस्म की दवा उपलब्ध कराया है. शेष दवा की मांग पटना औषधि विभाग से की गई है. जो दवा अस्पताल में उपलब्ध नहीं है उसे मरीजों को बाहर से खरीदना पड़ता है."- राम स्वरूप दास, फार्मासिस्ट, अनुमंडल अस्पताल, पालीगंज

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बार-बार कहते नहीं थकते हैं कि मरीजों के लिए सरकारी अस्पतालों में पूरी व्यवस्था की गई है. मरीजों के बेहतर इलाज के लिए सभी इंतजाम किए गए हैं. पर्याप्त मात्रा में दावा उपलब्ध कराई गई है, लेकिन सरकार के दावे और मरीजों को मिल रही सुविधा में काफी अंतर दिख रहा है.

देखें रिपोर्ट

पटना से करीब 45 किलोमीटर दूर स्थित पालीगंज अनुमंडल अस्पताल में सरकारी दावों की पोल खुलती दिख रही है. अस्पताल पटना-औरंगाबाद और रानीतालाब-गया मार्ग पर स्थित है. अस्पताल में रोज सड़क हादसे का शिकार हुए लोग इलाज के लिए आते हैं. यहां स्थिति ऐसी है कि मरीजों को बाहर से दवाएं लानी पड़ती है.

अनुमंडल अस्पताल में कार्यरत फार्मासिस्ट राम रूप दास ने कहा "स्वास्थ्य विभाग की तरफ से अस्पताल परिसर में तख्ती लगा दी गई है कि 123 किस्म की दवा उपलब्ध है. सच्चाई यह है कि महीनों से अस्पताल में आधे से भी कम किस्म की दवा की आपूर्ति की जा रही है.

बाहर से दवा खरीदकर लाते हैं मरीज
गौरतलब है कि अस्पताल के ओपीडी के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से 58 किस्म की दवा उपलब्ध कराई जाती है. दो माह से मात्र 35 किस्म की दवा पटना औषधि विभाग ने उपलब्ध कराया है. वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने औषधि विभाग को आईपीडी इमरजेंसी सेवा के लिए 65 किस्म की दवा आपूर्ति करने का निर्देश दिया है, लेकिन औषधि विभाग दो माह से मात्र 25 किस्म की दवा आपूर्ति कर रहा है.

"सरकार की तरफ से ओपीडी के लिए 58 तरह की दवा आपूर्ति की जाती है. आईपीडी इमरजेंसी के लिए 65 तरह की दवा उपलब्ध कराई जाती है. ढाई माह से औषधि विभाग ने 123 किस्म की जगह 60 किस्म की दवा उपलब्ध कराया है. शेष दवा की मांग पटना औषधि विभाग से की गई है. जो दवा अस्पताल में उपलब्ध नहीं है उसे मरीजों को बाहर से खरीदना पड़ता है."- राम स्वरूप दास, फार्मासिस्ट, अनुमंडल अस्पताल, पालीगंज

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