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JDU-BJP में '2020' के लिए रार, बढ़ेगी तल्खी या खत्म होगी तकरार?

मालूम हो कि एनडीए के अंदर सीएम चेहरे को लेकर भी विवाद रहा. बीजेपी के कुछ नेता मुख्यमंत्री का चेहरा बदलने की बात करते रहे हैं. साथ ही सुशासन पर भी नेताओं ने कई सवाल खड़ा किए.

फाइल फोटो
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Published : Jan 2, 2020, 10:20 PM IST

पटना: सीएम नीतीश कुमार चौथी बार मुख्यमंत्री के रूप में खुद को प्रोजेक्ट करने की तैयारी में लगे हैं. लेकिन, मिशन 2020 से पहले बीजेपी और जेडीयू में काफी तकरार देखने को मिली. सीट शेयरिंग को लेकर दोनों दलों के नेता कई बार आपस की बयानबाजी भी देखी गई. लेकिन, कहीं न कहीं बीजेपी और जेडीयू में सीएम पद को लेकर अभी भी तल्खी जारी है.

साल 2019 के दौरान बीजेपी और जेडीयू के नेताओं के बीच तल्खी देखी गई. कई मुद्दों को लेकर बीजेपी और जेडीयू नेता आमने-सामने हुए. धारा 370, तीन तलाक और नागरिकता संशोधन अधिनियम पर शुरुआती दौर में जेडीयू ने विरोध भी किया. लेकिन, अंतिम क्षणों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर बिल का समर्थन करने का फैसला लिया.

patna
डिप्टी सीएम और अन्य नेता

CM फेस को लेकर विवाद
मालूम हो कि एनडीए के अंदर सीएम चेहरे को लेकर भी विवाद रहा. बीजेपी के कुछ नेता मुख्यमंत्री का चेहरा बदलने की बात करते रहे हैं. साथ ही सुशासन पर भी नेताओं ने कई सवाल खड़ा किए. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, विधान पार्षद संजय पासवान, विधान पार्षद सच्चिदानंद राय और रामेश्वर चौरसिया सरीखे नेता नीतीश कुमार के नेतृत्व को लेकर सवाल खड़े करते रहे हैं. वहीं, साल के अंत में जेडीयू ने भी विवाद को तूल दे दिया.

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डिप्टी सीएम सुशील कुमाप मोदी

क्या है पीके का फॉर्मूला?
जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने सीट शेयरिंग को लेकर बवाल खड़ा कर दिया. प्रशांत किशोर ने कहा कि बड़े भाई की भूमिका में जेडीयू ही रहेगा और सीट शेयरिंग पर फैसला 2010 के विधानसभा चुनाव को आधार बनाकर किया जाना चाहिए.

लोकसभा में बराबर में हुआ था समझौता
बता दें कि लोकसभा चुनाव में जेडीयू के पास 2 सीटें थी. लेकिन, बराबरी पर समझौता हुआ था. बीजेपी और जेडीयू ने 17-17 सीटों पर लड़ने का फैसला लिया. बीजेपी चाहती है कि विधानसभा चुनाव में भी बराबरी पर फैसला हो.

ये भी पढ़ें:-16 जनवरी से तेजस्वी सीमांचल से शुरू करेंगे यात्रा, CAA और NRC पर लोगोंं को करेंगे जागरूक

डिप्टी सीएम और पीके में ट्विटर वॉर

वहीं, प्रशांत किशोर और सुशील मोदी ट्वीटर पर आपस में बहस देखने को मिली. सुशील मोदी ने प्रशांत किशोर पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रशांत किशोर को अपने व्यवसाय के हितों से मतलब है. बिहार की राजनीति में भी वह अपना हित साधना चाहते हैं. इसका पलटवार करते हुए प्रशांत किशोर ने भी उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी को परिस्थितियों का उप मुख्यमंत्री करार दिया.

गर्मजोशी से मिले नीतीश-सुशील मोदी
बता दें कि साल के पहले दिन नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी एक दूसरे से मिले. दोनों की मुलाकात में गर्मजोशी दिखी. दोनों नेताओं ने एक दूसरे का स्वागत गले मिलकर किया. वहीं, नीतीश कुमार ने भी ऑल इज वेल की बात कही. लेकिन, मिशन 2020 से पहले सीट शेयरिंग को लेकर जेडीयू और बीजेपी एक दूसरे से भिड़ेंगे, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता.

पटना: सीएम नीतीश कुमार चौथी बार मुख्यमंत्री के रूप में खुद को प्रोजेक्ट करने की तैयारी में लगे हैं. लेकिन, मिशन 2020 से पहले बीजेपी और जेडीयू में काफी तकरार देखने को मिली. सीट शेयरिंग को लेकर दोनों दलों के नेता कई बार आपस की बयानबाजी भी देखी गई. लेकिन, कहीं न कहीं बीजेपी और जेडीयू में सीएम पद को लेकर अभी भी तल्खी जारी है.

साल 2019 के दौरान बीजेपी और जेडीयू के नेताओं के बीच तल्खी देखी गई. कई मुद्दों को लेकर बीजेपी और जेडीयू नेता आमने-सामने हुए. धारा 370, तीन तलाक और नागरिकता संशोधन अधिनियम पर शुरुआती दौर में जेडीयू ने विरोध भी किया. लेकिन, अंतिम क्षणों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर बिल का समर्थन करने का फैसला लिया.

patna
डिप्टी सीएम और अन्य नेता

CM फेस को लेकर विवाद
मालूम हो कि एनडीए के अंदर सीएम चेहरे को लेकर भी विवाद रहा. बीजेपी के कुछ नेता मुख्यमंत्री का चेहरा बदलने की बात करते रहे हैं. साथ ही सुशासन पर भी नेताओं ने कई सवाल खड़ा किए. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, विधान पार्षद संजय पासवान, विधान पार्षद सच्चिदानंद राय और रामेश्वर चौरसिया सरीखे नेता नीतीश कुमार के नेतृत्व को लेकर सवाल खड़े करते रहे हैं. वहीं, साल के अंत में जेडीयू ने भी विवाद को तूल दे दिया.

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डिप्टी सीएम सुशील कुमाप मोदी

क्या है पीके का फॉर्मूला?
जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने सीट शेयरिंग को लेकर बवाल खड़ा कर दिया. प्रशांत किशोर ने कहा कि बड़े भाई की भूमिका में जेडीयू ही रहेगा और सीट शेयरिंग पर फैसला 2010 के विधानसभा चुनाव को आधार बनाकर किया जाना चाहिए.

लोकसभा में बराबर में हुआ था समझौता
बता दें कि लोकसभा चुनाव में जेडीयू के पास 2 सीटें थी. लेकिन, बराबरी पर समझौता हुआ था. बीजेपी और जेडीयू ने 17-17 सीटों पर लड़ने का फैसला लिया. बीजेपी चाहती है कि विधानसभा चुनाव में भी बराबरी पर फैसला हो.

ये भी पढ़ें:-16 जनवरी से तेजस्वी सीमांचल से शुरू करेंगे यात्रा, CAA और NRC पर लोगोंं को करेंगे जागरूक

डिप्टी सीएम और पीके में ट्विटर वॉर

वहीं, प्रशांत किशोर और सुशील मोदी ट्वीटर पर आपस में बहस देखने को मिली. सुशील मोदी ने प्रशांत किशोर पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रशांत किशोर को अपने व्यवसाय के हितों से मतलब है. बिहार की राजनीति में भी वह अपना हित साधना चाहते हैं. इसका पलटवार करते हुए प्रशांत किशोर ने भी उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी को परिस्थितियों का उप मुख्यमंत्री करार दिया.

गर्मजोशी से मिले नीतीश-सुशील मोदी
बता दें कि साल के पहले दिन नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी एक दूसरे से मिले. दोनों की मुलाकात में गर्मजोशी दिखी. दोनों नेताओं ने एक दूसरे का स्वागत गले मिलकर किया. वहीं, नीतीश कुमार ने भी ऑल इज वेल की बात कही. लेकिन, मिशन 2020 से पहले सीट शेयरिंग को लेकर जेडीयू और बीजेपी एक दूसरे से भिड़ेंगे, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता.

Intro: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चौथी बार मुख्यमंत्री के रूप में खुद को प्रोजेक्ट करने की तैयारी में हैं मिशन 2020 के पहले भाजपा और जदयू में चेहरे को लेकर तकरार जारी है सीट शेयरिंग को लेकर भी दोनों दलों के नेता आमने-सामने हैं । भाजपा छोटा भाई बनने को तैयार नहीं दिखती।


Body:चेहरे को लेकर उठते रहे हैं सवाल
साल 2019 के दौरान भाजपा और जदयू के नेताओं के बीच तल्खी देखी गई कई मुद्दों को लेकर भाजपा और जदयू नेता आमने-सामने हुए धारा 370 तीन तलाक और नागरिकता संशोधन अधिनियम पर शुरुआती दौर में तो जेडीयू ने विरोध किया लेकिन अंतिम क्षणों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर बिल का समर्थन करने का फैसला लिया ।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के अंदर चेहरे को लेकर भी विवाद रहा भाजपा के कुछ नेता मुख्यमंत्री का चेहरा बदलने की बात करते रहे सुशासन पर भी नेताओं ने सवाल उठाए ।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह विधान पार्षद संजय पासवान विधान पार्षद सच्चिदानंद राय और रामेश्वर चौरसिया सरीखे नेता नीतीश कुमार के नेतृत्व को लेकर सवाल खड़े करते रहे साल के अंत में जेडीयू ने भी विवाद को तूल दे दिया।
जेडीयू नेता प्रशांत किशोर ने सीट शेयरिंग को लेकर बवाल खड़ा कर दिया प्रशांत किशोर ने कहा कि बड़े भाई की भूमिका में जदयू रहेगा और सीट शेयरिंग पर फैसला 2010 को आधार बनाकर किया जाना चाहिए


Conclusion:छोटे भाई की भूमिका भाजपा को मंजूर नहीं

आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव में जदयू के पास 2 सीटें थी लेकिन बराबरी पर समझौता हुआ भाजपा और जदयू ने 17- 17 सीटों पर लड़ने का फैसला लिया भाजपा चाहती है कि विधानसभा चुनाव में भी बराबरी पर फैसला हो लेकिन जदयू ने अपना पैंतरा बदला हुआ है ।
प्रशांत किशोर और सुशील मोदी ट्विटर पर आपस में भिड़ गए सुशील मोदी ने प्रशांत किशोर पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रशांत किशोर को अपने व्यवसाय के हितों से मतलब है बिहार की राजनीति में भी वह अपना हित साधना चाहते हैं पलटवार करते हुए प्रशांत किशोर ने भी उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी को परिस्थितियों का उप मुख्यमंत्री करार दिया ।
साल के पहले दिन नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी एक दूसरे से मिले तो मुलाकात में गर्मजोशी दिखी दोनों नेताओं ने एक दूसरे का स्वागत गले मिलकर किया नीतीश कुमार ने भी ऑल इज वेल की बात कही लेकिन मिशन 2020 से पहले सीट शेयरिंग को लेकर जदयू और भाजपा एक दूसरे से भिड़ेंगे इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता ।
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