पटना : बिहार की राजधानी पटना के जेडीयू कार्यालय में एनडीए के सभी घटक दलों ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई. इस दौरान एमएलसी उम्मीदवार के नाम की आज घोषणा की गई. जदयू के ललन प्रसाद को उम्मीदवार के रूप में चुना गया है.
'समता पार्टी काल से नीतीश कुमार से जुड़े हुए हैं और अति पिछड़ा समाज से आते हैं. ललन प्रसाद तीन टर्म से शेखपुरा जिले के जिला पार्षद रह चुके हैं और जदयू के संगठन विस्तार में लगातार सक्रिय रहे हैं.''- उमेश कुशवाहा, प्रदेश अध्यक्ष, जेडीयू
विधान परिषद सीट का खाली होना : राजद के विधान पार्षद सुनील सिंह की सदस्यता समाप्त होने के बाद विधान परिषद की एक सीट खाली हुई है. यह दूसरा अवसर है जब आरजेडी के सदस्य की सदस्यता समाप्त होने के कारण सीट खाली हुई है. इससे पहले भी इसी प्रकार की सीट जदयू को मिली थी, और इस बार भी एनडीए में यह सीट जदयू को ही मिल रही है.
एनडीए का मजबूत समर्थन : विधानसभा में एनडीए के पास पूर्ण बहुमत है, जिसके कारण जदयू उम्मीदवार का चुनाव जीतना निश्चित माना जा रहा है. वर्तमान में विधानसभा में एनडीए के पास 131 विधायकों का समर्थन है, जबकि महागठबंधन के पास केवल 111 विधायकों का समर्थन है. एआईएमआईएम के एक विधायक के होने के बावजूद जदयू के उम्मीदवार ललन प्रसाद की जीत को लेकर पूरा भरोसा जताया जा रहा है. महागठबंधन की ओर से उम्मीदवार दिए जाने पर ही चुनाव होगा, अन्यथा एनडीए उम्मीदवार का निर्विरोध चुनाव होना तय है.
ललन प्रसाद का राजनीतिक इतिहास : जदयू ने इस बार पार्टी के कार्यकर्ता ललन प्रसाद को एमएलसी उम्मीदवार के रूप में चुना है. वे 1994 से नीतीश कुमार से जुड़े हुए हैं और पहले समता पार्टी और फिर जदयू में सक्रिय सदस्य के रूप में काम कर रहे हैं. वे 2001 से 2006 तक कुसुंबा प्रखंड के प्रखंड अध्यक्ष रहे और 2009 से 2013 तक शेखपुरा जिले के जदयू जिला उपाध्यक्ष के रूप में कार्यरत रहे. इसके अलावा, वे अस्थमा विधानसभा के प्रभारी भी रह चुके हैं.
एनडीए का संयुक्त समर्थन : एनडीए के इस संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा के अलावा, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, हम के अनिल कुमार और लोजपाआर के अशरफ अंसारी भी मौजूद थे. सभी नेताओं ने जदयू उम्मीदवार ललन प्रसाद का समर्थन करते हुए उनकी जीत की उम्मीद जताई. उमेश कुशवाहा ने कहा कि इससे पहले भी चार विधानसभा उपचुनावों में एनडीए की जीत हो चुकी है, और इस बार भी जदयू उम्मीदवार की जीत निश्चित है.