पटना: बिहार की राजधानी पटना में ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव और बीएसपीएचसीएल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक संजीव हंस ने डिस्कॉम कंपनियों द्वारा अपनी क्षमता में वृद्धि और एटी एंड सी लॉस कम करने के बावजूद ऊर्जा मंत्रालय द्वारा रैंकिग में उचित जगह नहीं दिए जाने पर पत्र लिखकर विरोध दर्ज करते हुए संशोधित करने का अनुरोध किया है. साथ ही ऊर्जा मंत्रालय से सब्सिडी बही में अग्रिम सब्सिडी को दोनों डिस्कॉम कंपनियों की आय के रूप में शामिल करने का अनुरोध किया है.
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बिहार की डिस्काॅम कंपनियों को दिखाया पिछड़ा: ऊर्जा मंत्रालय ने चालू वित्तीय वर्ष में देश भर की बिजली कंपनियों की एकीकृत रेटिंग और रैंकिंग में बिहार की डिस्कॉम कंपनियों को पिछड़ा दिखाया है. ऊर्जा मंत्रालय ने अप्रैल 2023 में 11वीं वार्षिक रेटिंग और रैंकिंग में 51 राज्यों की डिस्कॉम कंपनियों की स्थिति को दर्शाया है. ऊर्जा विभाग से प्रधान सचिव संजीव हंस ने कहा कि अप्रैल 2023 के 11वीं वार्षिक रैंकिंग और रेटिंग में डिस्कॉम कंपनियों की गणना वित्तीय वर्ष एक अप्रैल को बिहार सरकार को उपलब्ध अग्रिम सब्सिडी पर विचार किए बिना ही कर दी गई है.
एटी एंड सी लाॅस की गणना अधिक की गई: संजीव हंस ने कहा कि इसके परिणाम स्वरूप एटी एंड सी लॉस की उच्च गणना हुई है. एनबीपीडीसीएल और एसबीपीडीसीएल दोनों कंपनियां हर क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर रही है. एनबीपीडीसीएल का एटी एंड सी लॉस वर्ष 2019-20 में 27.35 फीसदी से घटकर 26.71 फीसदी, वर्ष 2020-21 में 25.41 फीसदी और कोरोना महामारी के दौरान वर्ष 2021-22 में 24.27 फीसदी रहा.
"अप्रैल 2023 के 11वीं वार्षिक रैंकिंग और रेटिंग में डिस्कॉम कंपनियों की गणना वित्तीय वर्ष एक अप्रैल को बिहार सरकार को उपलब्ध अग्रिम सब्सिडी पर विचार किए बिना ही कर दी गई है. सके परिणाम स्वरूप एटी एंड सी लॉस की उच्च गणना हुई है. एनबीपीडीसीएल और एसबीपीडीसीएल दोनों कंपनियां हर क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर रही है" - संजीव हंस, प्रधान सचिव, ऊर्जा विभाग
रेटिंग एजेंसी ने एडवांस सब्सिडी की गणना नहीं की: उन्होंने कहा कि एसबीपीडीसीएल का भी एटी एंड सी लॉस वर्ष 2019-20 से 42.86 फीसदी, वर्ष 2021-22 में 37.02 फीसदी और वर्ष 2021-22 में 34.65 फीसदी रहा. वर्ष 2021-22 में ऊर्जा मंत्रालय ने एनबीपीडीसीएल का एटी एंड सी लॉस 24.27 फीसदी की जगह 28.9 और एसबीपीडीसीएल का एटी एंड सी लॉस 34.65 फीसदी की जगह 35.3 फीसदी रखा है. मंत्रालय की रेटिंग एजेंसी ने वर्ष 2021-22 में एडवांस सब्सिडी की अग्रिम गणना नहीं की है.
वित्तीय वर्ष के अंत में होता है सब्सिडी का समन्वय: हंस ने कहा कि बिहार सरकार डिस्कॉम कंपनियों को टैरिफ सब्सिडी हर वित्तीय वर्ष के प्रारंभ में और मासिक आधार पर जारी करती है. डिस्कॉम कंपनियां सब्सिडी का समन्वय वित्तीय वर्ष के अंत में करती हैं. सब्सिडी की अधिशेष राशि को अगले वित्तीय वर्ष में अग्रसारित कर दी जाती है. उदाहरण के तौर पर वर्ष 2020-21 में एसबीपीडीसीएल की सरप्लस सब्सिडी 898.09 करोड़ रुपये थी. इसका उपयोग 2021-22 में किया गया.
एडवांस सब्सिडी को एजेंसी ने किया मानने से इंकार: रेटिंग एजेंसी ने अग्रिम सब्सिडी को मानने से इंकार कर रही है, जबकि ऑडिट में अग्रिम सब्सिडी का समायोजन दिखाया गया है. वर्ष 2021-22 में एक्चुअल कोस्ट ऑफ सप्लाई और एक्चुअल रेवन्यू रिलाइजेशन के गैप उच्चतर हैं. क्योंकि वर्ष 2021-22 में पहले प्राप्त सब्सिडी को शामिल नहीं किया गया. जबकि ऑडिट में सब्सिडी को आय के रूप में दिखा कर समायोजित किया गया है.