पटना: उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाले महात्मा गांधी सेतु के समानांतर बने पीपा पुल चालू होने से गांधी सेतु का भार तो कम हो गया है, लेकिन नाविकों के पेट पर आफत आ गई है. पीपा पुल के चालू होने से लोग नाव छोड़कर पुल से ही गंगा को पार कर लेते हैं. जिससे नाविकों का रोजगार बंद हो गया है.
'पुल चालू होने से पेट पालना मुश्किल'
बरसात के बाद पीपा पुल को चालू कर दिया जाता है. तब तक नाविकों को अपना पेट पालना मुश्किल हो जाता है. इसके अलावा नाविकों को गंगा किनारे ही नाव के साथ रहना पड़ता है, क्योंकि नाव छोड़कर जाने से नाव चोरी होने का भी डर बना रहता है. हालांकि अनुमंडल और जिला प्रशासन ने दर्जनों नाविकों को परमिट निर्गत किया है. जिनके आदेश पर नाविक नाव चलाते हैं.
'रोजगार मुहैया कराए सरकार'
नाविक बताते हैं कि लाखों रुपये की पूंजी लगाने के बाद वे नावों को खरीदते हैं. इसके बावजूद उनकी भूखे मरने की नौबत आ जाती है. वे बताते हैं कि सरकार ध्यान नहीं देती है. ऐसे में वे सरकार से अपील कर रहे हैं कि उनको रोजगार मुहैया कराया जाए, ताकि उनका जीवनयापन हो सके. बता दें कि राजधानी में प्रशासन ने लगभग तीन दर्जन नावों को परमिट कर रखा है, लेकिन पीपा पुल बन जाने के कारण लोग नाव छोड़कर पीपा पुल से ही गंगा नदी पार कर लेते हैं.