पटना: नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा मिलने के बाद शिक्षकों में खुशी का माहौल है. महिला शिक्षिकाएं इसका पूरा श्रेय विभाग के अपर मुख्य सचिव के की पाठक को दे रही हैं. उनके प्रति अपना आभार जाता रही हैं. शिक्षिकाओं का कहना है कि नियोजित शब्द उनके लिए एक अपमानित शब्द लगता था. अब राज्यकर्मी का दर्जा मिलने का रास्ता साफ हुआ है तो खुशी हो रही है.
शिक्षिका सम्मन फातिमा ने कहा कि"इस फैसले के लिए वह सरकार को बहुत धन्यवाद देना चाहेंगी. इस फैसले ने सभी नियोजित शिक्षकों के शरीर में एक नई ऊर्जा का संचार किया है. यह ऊर्जा बच्चों को पढ़ना और उनके बेहतर भविष्य निर्माण के काम आएगा और स्कूल में शैक्षणिक माहौल और बेहतर होगा."
16 वर्षों से राज्य कर्मी का दर्जा का इंतजार खत्म: कन्या मध्य विद्यालय वीर चंद पटेल पद की शिक्षिका पूनम कुमारी ने कहा कि ''इस फैसले से बेहद खुशी हो रही है. क्रिसमस भले ही कल था, लेकिन क्रिसमस की सौगात सरकार ने आज उन्हें दी है. ऐसे में कल बच्चों ने केक काटकर जश्न मनाया था. इस फैसले के बाद ऐसा लग रहा है कि उनके लिए होली और दिवाली आज ही है.'' पूनम कुमारी ने कहा कि बीते 16 वर्षों से राज्य कर्मी का दर्जा का इंतजार था और अब इसका रास्ता साफ हुआ है.
समय सारणी में बदलाव की गुजारिश: उन्होंने कहा कि अब उनका जॉब भी सुरक्षित हुआ है और काम में भी अधिक मन लगेगा. राज्य कर्मी के नाते बहुत सारी सुविधाएं मिलेंगी और अंतर जिला ट्रांसफर आसान होगा. उन्होंने कहा कि वह केके पाठक से आग्रह करेंगी कि ''स्कूलों के समय सारणी में परिवर्तन किया जाए और शाम 4 बजे तक ही विद्यालय चलाया जाए. ठंड के मौसम में शाम 5 बजे विद्यालय की छुट्टी होती है तो घर जाने में परेशानी होती है और उन्हें विश्वास है कि अपर मुख्य सचिव शिक्षकों की परेशानी को समझेंगे और कुछ निर्णय लेंगे.''
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