पटना: बिहार में भी औद्योगीकरण शुरू हो गया है. अब यहां के लोगों को रोजगार मुहैया कराने की पहल की जा रही है. इसी कड़ी में बिहार के इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण का काम शुरू हो गया है. इससे अब यहां के युवाओं को प्रदेश में ही रोजगार मिलेगा. ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने पटना में एक इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का उद्घाटन भी किया है. उन्होंने बताया कि पर्यावरण को बचाने और हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रयासरत है और इस दिशा में यह पहल सराहनीय है.
प्रतिदिन 100 वाहन होंगे तैयार : मौके पर इस कंपनी के नेशनल सेल्स हेड शंकर सिन्हा ने ईटीवी भारत की टीम को प्लांट का विजिट कराया और इसकी विस्तृत जानकारी दी. शंकर सिन्हा ने बताया कि इस प्लांट में प्रतिदिन 90 से 100 की संख्या में इलेक्ट्रिक स्कूटर और बाइक तैयार होंगे. उनके पास स्कूटर के छह मॉडल हैं और बाइक के तीन मॉडल हैं. अभी इस प्लांट में प्रत्यक्ष तौर पर 100 लोग रोजगार से जुड़े हैं और आने वाले 1 साल के भीतर डीलरशिप से लेकर तमाम प्रक्रियाओं के माध्यम से 50000 लोगों को रोजगार से जोड़ने की योजना है.
"बिहार का पहला इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग असेंबलिंग प्लांट खोलना अपने आप में गौरव की अनुभूति कर रहा है. आज सभी हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने की बात कर रहे हैं और प्रदेश में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भी उद्योग नीति में यह प्राथमिकता है. हमारे पास 75000 से लेकर 115000 रुपए तक के रेंज में स्कूटर उपलब्ध है. इसमें रिवर्स गियर और ब्लूटूथ और म्यूजिक सिस्टम भी उपलब्ध है. इसके अलावा तीन वैरायटी की बाइक है, जिसमें एक स्पोर्ट्स बाइक लगभग ढाई लाख रुपए की है. 115000 रुपये से बाइक की कीमत शुरू हो जाती है." - शंकर सिन्हा, नेशनल सेल्स हेड
वाहनों में स्वदेशी बैट्री का इस्तेमाल : शंकर सिन्हा ने बताया कि उनके व्हीकल की खासियत यह है कि बाजार में जो भी व्हीकल आ रहे हैं, उसमें चीन से बैटरी आती है. रिसर्च डेवलपमेंट अधिक नहीं होता है. लेकिन उन लोगों ने काफी रिसर्च किया है और बैटरी मैन्युफैक्चरिंग प्लांट राजस्थान में है, जो काफी रिसर्च एंड डेवलपमेंट करके तैयार किया गया है. वह लोग आने वाले समय में इलेक्ट्रिक कार मैन्युफैक्चरिंग असेंबलिंग प्लांट भी शुरू करने की तैयारी में है.
दो से ढाई घंटे में फुल चार्ज होगी गाड़ी : नेशनल सेल्स हेड ने बताया कि उनके पास हाई स्पीड चार्जिंग प्लग है, जो गाड़ी को दो से ढाई घंटे में फुल चार्ज कर देगी. अलग-अलग क्षमता की बैटरी है, जो 80 किलोमीटर से 100 किलोमीटर का फुल चार्ज होने पर रेंज देगी. बिहार में यदि डिमांड अच्छा होती है तो और भी मैन्युफैक्चरिंग प्लांट खोले जाएंगे. उनका प्रयास है कि बिहार में तकनीकी रूप से प्रशिक्षित नौजवान रोजगार हासिल करें और बिहार के लोगों को बाहर नहीं जाना पड़े, बल्कि बाहर के लोग भी बिहार आकर रोजगार करें.
ये भी पढ़ें : startup policy of bihar : मंत्री का दावा-'बिहार के युवा देश दुनिया में नाम करेंगे रोशन, कानून व्यवस्था समस्या नहीं'