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चुनाव आयोग ने कसा शिकंजा, 27 नेताओं के चुनाव लड़ने पर लगाई रोक - बिहार में चुनाव

दरअसल चुनाव आयोग ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा (10) के तहत नेताओं को बैन किया है. जिन लोगों पर चुनाव लड़ने से रोका गया है, वे सभी 17 विधानसभा क्षेत्र से आते हैं. जिसमें सबसे अधिक कुढ़नी विधानसभा के हैं.

election commission bihar
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Published : Oct 3, 2020, 3:15 PM IST

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से जुड़ी बड़ी खबर ये है कि इस साल विधानसभा चुनाव में बिहार के 27 नेता चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. इन पर कसा है चुनाव आयोग का शिकंजा और चुनाव आयोग ने 27 नेताओं के चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है. चुनाव आयोग ने जिन प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की है उन सभी जिलों में अधिकारियों को ये सूची भेज दी गई है.

बता दें कि चुनाव आयोग ने जनवरी 2020 तक बिहार में 89 लोगों को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किया गया था. इनमें से 62 लोगों को 3 साल की प्रतिबंधित अवधि सितंबर में समाप्त हो गई है. वहीं इन 27 लोगों में कुछ लोगों को सितंबर 2021 और कई अन्य को जनवरी 2022 तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाया गया है.

दरअसल, चुनाव आयोग को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 10 के तहत यह अधिकार है कि अगर कोई प्रत्याशी चुनावी खर्च का ब्यौरा नहीं दे तो उस पर आयोग प्रतिबंध लगा सकता है. चुनाव खर्च का ब्योरा परिणाम आने के 30 दिनों के अंदर नहीं देता है या फिर ब्यौरा नहीं देने का कोई वाजिब कारण नहीं बताता है तो आयोग उसे तीन साल की अवधि के लिए चुनाव लड़ने पर रोक लगा सकता है. ये सभी 27 लोग बिहार के 17 विधानसभा क्षेत्र से जुड़े हैं.

27 प्रत्याशियों की सूची
खगड़िया से बबीता देवी, कुशेश्वरस्थान से तुरंती सदा, बेनीपुर से ताराकांत झा, बेनीपुर से जितेंद्र पासवान, हायाघाट से मोहम्मद अरशद और रामसखा पासवान, कुढ़नी से सरजीत सुमन, अशर्फी शनि, अभय कुमार, पूजा कुमारी और कुमार विजय, भोरे से जानकी देवी, शर्मा देवी, बेलदौर से बिंदु देवी, पातेपुर से लखींद्र पासवान, परबत्ता से सतीश प्रसाद सिंह, अली नगर विधानसभा से अनंत कुमार, केवटी से विजय कुमार, केवटी से अशोक झा, गायघाट से रघुनाथ प्रसाद सिंह, हथुआ से संजय मौर्य और फारुख खान, कुम्हरार से सुबोध कुमार, कुटुंबा से रंजीत कुमार, औरंगाबाद से संजीत चौरसिया शामिल हैं.

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से जुड़ी बड़ी खबर ये है कि इस साल विधानसभा चुनाव में बिहार के 27 नेता चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. इन पर कसा है चुनाव आयोग का शिकंजा और चुनाव आयोग ने 27 नेताओं के चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है. चुनाव आयोग ने जिन प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की है उन सभी जिलों में अधिकारियों को ये सूची भेज दी गई है.

बता दें कि चुनाव आयोग ने जनवरी 2020 तक बिहार में 89 लोगों को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किया गया था. इनमें से 62 लोगों को 3 साल की प्रतिबंधित अवधि सितंबर में समाप्त हो गई है. वहीं इन 27 लोगों में कुछ लोगों को सितंबर 2021 और कई अन्य को जनवरी 2022 तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाया गया है.

दरअसल, चुनाव आयोग को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 10 के तहत यह अधिकार है कि अगर कोई प्रत्याशी चुनावी खर्च का ब्यौरा नहीं दे तो उस पर आयोग प्रतिबंध लगा सकता है. चुनाव खर्च का ब्योरा परिणाम आने के 30 दिनों के अंदर नहीं देता है या फिर ब्यौरा नहीं देने का कोई वाजिब कारण नहीं बताता है तो आयोग उसे तीन साल की अवधि के लिए चुनाव लड़ने पर रोक लगा सकता है. ये सभी 27 लोग बिहार के 17 विधानसभा क्षेत्र से जुड़े हैं.

27 प्रत्याशियों की सूची
खगड़िया से बबीता देवी, कुशेश्वरस्थान से तुरंती सदा, बेनीपुर से ताराकांत झा, बेनीपुर से जितेंद्र पासवान, हायाघाट से मोहम्मद अरशद और रामसखा पासवान, कुढ़नी से सरजीत सुमन, अशर्फी शनि, अभय कुमार, पूजा कुमारी और कुमार विजय, भोरे से जानकी देवी, शर्मा देवी, बेलदौर से बिंदु देवी, पातेपुर से लखींद्र पासवान, परबत्ता से सतीश प्रसाद सिंह, अली नगर विधानसभा से अनंत कुमार, केवटी से विजय कुमार, केवटी से अशोक झा, गायघाट से रघुनाथ प्रसाद सिंह, हथुआ से संजय मौर्य और फारुख खान, कुम्हरार से सुबोध कुमार, कुटुंबा से रंजीत कुमार, औरंगाबाद से संजीत चौरसिया शामिल हैं.

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