पटना: पटना में बन रहे मेट्रो प्रोजेक्ट (Patna Metro Project) के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक, जाइका और यूरोपीय यूनियन लोन देने के लिए तैयार हो गया है. पटना मेट्रो प्रोजेक्ट पर 13365.77 करोड़ रुपये का खर्च होने का अनुमान है. इसमें से ₹8000 करोड़ लोन एडीबी, जाईका और यूरोपीय यूनियन देने के लिए तैयार हो गया है. केंद्रीय सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा को मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण ने केंद्रीय शहरी विकास योजनाओं की समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी है. मार्च 2023 तक पटना मेट्रो के पहले चरण का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है और 2024 तक पटना में मेट्रो ट्रेनों का परिचालन (Metro Operation In Patna 2024) शुरू हो जाएगा.
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राजधानी पटना में मेट्रो प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. केंद्रीय सचिव दुर्गाशंकर मिश्र के साथ मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण की हुई बैठक में प्रेजेंटेशन के माध्यम से मेट्रो प्रोजेक्ट और अन्य केंद्रीय योजनाओं की प्रगति के बारे में जानकारी दी गई. पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन में बताया गया कि पटना मेट्रों का ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर दानापुर से शुरू होकर पटना रेलवे स्टेशन होते हुए मीठापुर तक जाएगा. इसी तरह नॉर्थ साउथ कॉरिडोर पटना रेलवे स्टेशन से आकाशवाणी, गांधी मैदान, अशोक राजपथ, मोइनुल हक स्टेडियम, राजेंद्र नगर, कुम्हरार, बाईपास होते हुए न्यू आईएसबीटी तक जाएगा.
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पटना मेट्रो के डीपो के जमीन अधिग्रहण के लिए हाल ही में बिहार सरकार ने 1,000 करोड़ का प्रावधान किया है. कैबिनेट ने इसकी भी स्वीकृति दे दी है. केंद्रीय शहरी कार्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने स्वच्छ भारत मिशन शहरी योजना, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, सबके लिए आवास शहरी योजना, सलम पुनर्विकास योजना, दीनदयाल अंत्योदय योजना, स्मार्ट सिटी योजना, नमामि गंगे कार्यक्रम सहित अन्य योजनाओं पर चर्चा की. इसके साथ ही कई योजनाओं के कार्य प्रगति पर संतोष जताया. पटना के साथ भागलपुर, बिहारशरीफ और मुजफ्फरपुर में स्मार्ट सिटी के लिए चल रहे कार्यो की भी समीक्षा की गई.
पटना मेट्रो के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक, जाइका और यूरोपीय यूनियन के लोन देने के लिए तैयार होने से मेट्रो प्रोजेक्ट के कार्य में तेजी आएगी और जल्द से जल्द इसे पूरा किया जा सकेगा. पटना मेट्रो प्रोजेक्ट का कार्य दिल्ली मेट्रो कॉर्पोरेशन को दिया गया है लेकिन जमीन अधिग्रहण से लेकर राशि की समस्या सामने आ रही थी. लोन मिलने से समस्या का समाधान होता दिख रहा है. पटना में 32 किलोमीटर में मेट्रो का संचालन होगा. जिसमें अंडरग्राउंड और एलिवेटेड दोनों होगा. 18 किलोमीटर पटना मेट्रो अंडरग्राउंड होगा, तो वहीं 14 किलोमीटर एलिवेटेड होगा. पहले कॉरिडोर में जहां 14 मेट्रो स्टेशन बनाए जाएंगे, तो कॉरिडोर टू में 12 स्टेशन बनाए जाएंगे. पटना मेट्रो के निर्माण से राजधानी के लोगों को आवागमन में बड़ी सुविधा मिलेगी.
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