पटना: केंद्र सरकार के तीन कृषि कानून (Agricultural Laws) के खिलाफ किसान संगठनों के आह्वान पर बुलाए गए भारत बंद (Bharat Bandh) का राजधानी पटना (Patna) में मिलाजुला असर रहा. बंद का बिहार की तमाम विपक्षी पार्टियों ने भी अपना समर्थन किया था. जगह-जगह पर महागठबंधन के नेताओं ने प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
ये भी पढ़ें: नहीं है भारत बंद का असर, विपक्ष को नहीं मिल रहा किसानों का साथ- BJP
किसानों के समर्थन में पटना के डाकबंगला चौराहे पर कांग्रेस (Congress) और आरजेडी (RJD) के साथ-साथ अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया. हालांकि जिस तरह से पूरा विपक्ष एकजुट दिखा, उस तरह से बंद का व्यापक असर नहीं दिखा.
आरजेडी महिला प्रकोष्ठ के साथ-साथ कांग्रेसी नेताओं ने भी पटना के डाकबंगला चौराहे पर इस बंद का समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के खिलाफ नारेबाजी की और सरकार से फौरन इन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की.
ये भी पढ़ें: पटना में भारत बंद का असर, वामदलों की दिखी सार्वाधिक सक्रियता
कांग्रेस के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि पीएम मोदी इन कृषि कानूनों के जरिए आम लोगों पर महंगाई का बोझ डालना चाहते हैं, लेकिन हम लोग ऐसा नहीं होने देंगे.
ऑल इंडिया किसान कांग्रेस के संयुक्त सचिव राजकुमार शर्मा ने कहा प्रधानमंत्री मोदी किसानों का हितैषी होने का दावा करते हैं, लेकिन सच तो यही है कि पिछले 7 सालों में किसानों की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है. 10 महीने से किसान दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन पीएम को उनकी फिक्र नहीं है.