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राज्य के 5 जिलों में अगले सत्र से एमए तक की शिक्षा, मंत्री विजय चौधरी ने दिए निर्देश

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Published : Jun 21, 2022, 7:43 PM IST

बिहार के कई जिले ऐसे हैं, जहां अभी भी एमए तक की पढ़ाई करने की सुविधा नहीं है. अब उन जिलों में एमए तक की पढ़ाई के लिए नए सत्र से कोर्स शुरू किया जाएगा. इसके लिए शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी (Education Minister Vijay Kumar Choudhary) ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति, कुलसचिव और परीक्षा नियंत्रक को निर्देश दिया है. पढ़ें पूरी खबर....

चार जिलों में अगले सत्र से एमए तक की शिक्षा
चार जिलों में अगले सत्र से एमए तक की शिक्षा

पटना: राज्य के वैसे जिले जहां अभी तक स्नातकोत्तर के अध्ययन की शिक्षा की सुविधा नहीं है, ऐसे वंचित जिलों में 2022-24 के आगामी सत्र से स्नातकोत्तर की पढ़ाई शुरू (MA Education In Five Districts Of Bihar) हो जाएगी. यह निर्देश शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने मंगलवार को राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति, कुलसचिव एवं परीक्षा नियंत्रक के साथ समीक्षात्मक बैठक में दी. बैठक के दौरान शिक्षा मंत्री ने कॉलेजों को परीक्षा नियमित करने, नैक से एक्रीडेशन लेने सहित अन्य जरूरी दिशा-निर्देश दिया है.

यह भी पढ़ें: बोले विजय चौधरी- TET को लेकर फैला भ्रम, आयोजित होती रहेगी परीक्षा

इन जिलों में एमए की पढ़ाई: शिक्षा मंत्री ने स्नातकोत्तर के अध्यापन से वंचित अरवल, बांका, गोपालगंज, शिवहर व लखीसराय में अगले सत्र से स्नातकोत्तर की पढ़ाई शुरू करने के निर्देश दिया है. बैठक में शिक्षा मंत्री ने शिक्षा विभाग एवं विश्वविद्यालयों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने पर बल दिया. उन्होंने निर्देशित किया कि विश्वविद्यालय के जो भी मामले विभाग के स्तर पर लंबित हैं, विभाग उन मामलों का शीघ्र निष्पादन करें. उसी प्रकार विभाग विश्वविद्यालय से जिन सूचनाओं एवं प्रतिवेदन की अपेक्षा करती है, उन सूचनाओं को उपलब्ध कराया जाए.

परीक्षा नियमित करने का निर्देश: बैठक में मंत्री ने सभी विश्वविद्यालय के कुलसचिव, कुलपति एवं परीक्षा नियंत्रक को गत 9 सितंबर 2021 को कुलाधिपति की अध्यक्षता में हुई बैठक के संबंध में ध्यान आकृष्ट कराते हुए शैक्षणिक सत्र एवं परीक्षाएं नियमित करने के लिए कहा है. उन्होंने निर्देश दिया कि विश्वविद्यालय स्नातक, स्नातकोत्तर तथा व्यवसायिक पाठ्यक्रमों के लंबित बैकलॉग सत्रों को नियमित करते हुए शैक्षणिक सत्र 2021-22 सहित लंबित शैक्षणिक सत्र तक के परीक्षा का आयोजन एवं परीक्षा फल का प्रकाशन दिसंबर 2022 तक सुनिश्चित करें, ताकि आगामी सत्र से सभी विश्वविद्यालयों के सत्र को नियमित किया जा सके.

'कॉलेज कराएं NAAC से एक्रीडेशन': बैठक में विश्वविद्यालयों महाविद्यालयों के नए कैपिटेशन नैक एक्रीडेशन के संबंध में भी विस्तृत समीक्षा की गई. इस क्रम में जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा, बीएन मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा, नालंदा खुला विश्वविद्यालय को अपने-अपने विश्वविद्यालय का नैक एक्रीडेशन कराने के लिए पहल करने का निर्देश दिया गया. साथ ही नवस्थापित पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय पटना, मुंगेर विश्वविद्यालय और पूर्णिया विश्वविद्यालय सहित अन्य महाविद्यालयों को भी इसके लिए पहल करने का निर्देश मिला है.

यह भी पढ़ें: सरकार का फैसलाः बिहार से TET खत्म, अब शिक्षक बनने के लिए CTET पास करना जरूरी

विवि से मांगी रिक्त पदों की सूची: बैठक में राज्य के विश्वविद्यालय अंतर्गत अभिभूत महाविद्यालय में प्राचार्य के रिक्त पद पर नियुक्ति के लिए अपने-अपने प्रमंडलीय कार्यालय से रोस्टर क्लीयरेंस कराकर विभाग को सूचना भेजने का निर्देश दिया है. इसके अलावा वर्ग 3 के तहत शिक्षकेतर कर्मियों के सृजित पदों के विरुद्ध रिक्ति की सूचना 30 जून तक वेबसाइट पर अपलोड किए जाने का भी निर्देश दिया गया. बैठक में इसके अलावा विश्वविद्यालयों को अन्य जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए हैं. बैठक में विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह, सचिव असगम्बा चुबा आओ सहित विभागीय पदाधिकारी, विश्वविद्यालयों के कुलपति, कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक उपस्थित थे.

पटना: राज्य के वैसे जिले जहां अभी तक स्नातकोत्तर के अध्ययन की शिक्षा की सुविधा नहीं है, ऐसे वंचित जिलों में 2022-24 के आगामी सत्र से स्नातकोत्तर की पढ़ाई शुरू (MA Education In Five Districts Of Bihar) हो जाएगी. यह निर्देश शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने मंगलवार को राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति, कुलसचिव एवं परीक्षा नियंत्रक के साथ समीक्षात्मक बैठक में दी. बैठक के दौरान शिक्षा मंत्री ने कॉलेजों को परीक्षा नियमित करने, नैक से एक्रीडेशन लेने सहित अन्य जरूरी दिशा-निर्देश दिया है.

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इन जिलों में एमए की पढ़ाई: शिक्षा मंत्री ने स्नातकोत्तर के अध्यापन से वंचित अरवल, बांका, गोपालगंज, शिवहर व लखीसराय में अगले सत्र से स्नातकोत्तर की पढ़ाई शुरू करने के निर्देश दिया है. बैठक में शिक्षा मंत्री ने शिक्षा विभाग एवं विश्वविद्यालयों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने पर बल दिया. उन्होंने निर्देशित किया कि विश्वविद्यालय के जो भी मामले विभाग के स्तर पर लंबित हैं, विभाग उन मामलों का शीघ्र निष्पादन करें. उसी प्रकार विभाग विश्वविद्यालय से जिन सूचनाओं एवं प्रतिवेदन की अपेक्षा करती है, उन सूचनाओं को उपलब्ध कराया जाए.

परीक्षा नियमित करने का निर्देश: बैठक में मंत्री ने सभी विश्वविद्यालय के कुलसचिव, कुलपति एवं परीक्षा नियंत्रक को गत 9 सितंबर 2021 को कुलाधिपति की अध्यक्षता में हुई बैठक के संबंध में ध्यान आकृष्ट कराते हुए शैक्षणिक सत्र एवं परीक्षाएं नियमित करने के लिए कहा है. उन्होंने निर्देश दिया कि विश्वविद्यालय स्नातक, स्नातकोत्तर तथा व्यवसायिक पाठ्यक्रमों के लंबित बैकलॉग सत्रों को नियमित करते हुए शैक्षणिक सत्र 2021-22 सहित लंबित शैक्षणिक सत्र तक के परीक्षा का आयोजन एवं परीक्षा फल का प्रकाशन दिसंबर 2022 तक सुनिश्चित करें, ताकि आगामी सत्र से सभी विश्वविद्यालयों के सत्र को नियमित किया जा सके.

'कॉलेज कराएं NAAC से एक्रीडेशन': बैठक में विश्वविद्यालयों महाविद्यालयों के नए कैपिटेशन नैक एक्रीडेशन के संबंध में भी विस्तृत समीक्षा की गई. इस क्रम में जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा, बीएन मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा, नालंदा खुला विश्वविद्यालय को अपने-अपने विश्वविद्यालय का नैक एक्रीडेशन कराने के लिए पहल करने का निर्देश दिया गया. साथ ही नवस्थापित पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय पटना, मुंगेर विश्वविद्यालय और पूर्णिया विश्वविद्यालय सहित अन्य महाविद्यालयों को भी इसके लिए पहल करने का निर्देश मिला है.

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विवि से मांगी रिक्त पदों की सूची: बैठक में राज्य के विश्वविद्यालय अंतर्गत अभिभूत महाविद्यालय में प्राचार्य के रिक्त पद पर नियुक्ति के लिए अपने-अपने प्रमंडलीय कार्यालय से रोस्टर क्लीयरेंस कराकर विभाग को सूचना भेजने का निर्देश दिया है. इसके अलावा वर्ग 3 के तहत शिक्षकेतर कर्मियों के सृजित पदों के विरुद्ध रिक्ति की सूचना 30 जून तक वेबसाइट पर अपलोड किए जाने का भी निर्देश दिया गया. बैठक में इसके अलावा विश्वविद्यालयों को अन्य जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए हैं. बैठक में विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह, सचिव असगम्बा चुबा आओ सहित विभागीय पदाधिकारी, विश्वविद्यालयों के कुलपति, कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक उपस्थित थे.

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