पटना : शिक्षक दिवस के मौके पर पटना के श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में बिहार शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षक सम्मान समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने प्रदेश में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शिक्षा मंत्री मौजूद रहे, वहीं विशिष्ट अतिथि के तौर पर विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक कार्यक्रम में नहीं पहुंचे. इस कार्यक्रम में एक बार फिर से शिक्षा मंत्री और विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच तल्खी देखने को मिली. कार्यक्रम में स्कूली बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किए.
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शिक्षक दिवस पर सम्मानित हुए शिक्षक : शिक्षक दिवस कार्यक्रम में संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने इशारों-इशारों में ही शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को नसीहत दी. उन्होंने कहा कि शिक्षा को लेकर सुधार अति आवश्यक है, लेकिन इसको लेकर किसी भी तरह शिक्षकों को परेशान नहीं किया जाए. वह भी निरीक्षण के पक्षधर हैं, लेकिन निरीक्षण के नाम पर बेवजह शिक्षकों को परेशान करना उचित नहीं. निरीक्षण के क्रम में हमारा प्रयास होना चाहिए की कार्रवाई सुधारात्मक हो दंडात्मक नहीं. शिक्षा विभाग में किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी और इसे प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव स्वयं देख रहे हैं.
शिक्षा मंत्री ने दी केके पाठक के विभाग को नसीहत : वहीं, शिक्षा विभाग के द्वारा छुट्टी की कटौती के आदेश निकालने और उसे रद्द करने को लेकर शिक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में ही विभाग के अधिकारियों को नसीहत दे दी. उन्होंने कहा की हड़बड़ी में किसी तरह का निर्णय नहीं लिया जाए, क्योंकि इससे विभाग की फजीहत हो रही है. वहीं आउटसोर्सिंग की बहाली के मसले पर भी कहा कि उनके संज्ञान में मामला आया है कि आउटसोर्सिंग की बहाली में काफी गड़बड़ी हो रही है, जिस पर विभाग संज्ञान ले रहा है. वह अपील करेंगे की शिक्षा विभाग में आउटसोर्सिंग के नाम पर किसी भी प्रकार के जालसाजों की बातों में ना आएं.
शिक्षा मंत्री आए लेकिन केके पाठक नदारद : वहीं कार्यक्रम के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि ''लोकतंत्र में कहीं भी दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान नहीं है. लोकतंत्र में कार्रवाई सुधारात्मक होनी चाहिए और यह सभी पर लागू होती है. केके पाठक की अनुपस्थिति के सवाल पर कहा कि यह सवाल उनसे ही पूछिए कि क्यों नहीं आए हैं.''
पुरस्कार में मिलती है इतनी राशि : इन सबमें मधुबनी के हाई स्कूल मलमल की संगीता कुमारी, उच्च माध्यमिक विद्यालय कटिहार के अर्जुन कुमार साहा, वैशाली के मध्य विद्यालय हरिहरपुर के शिक्षक उमेश कुमार यादव को राष्ट्रीय शिक्षा पुरस्कार राष्ट्रपति के हाथों मिल रहा है. राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के तौर पर केंद्र सरकार इन्हें ₹50000 की नकद राशि देती है, जबकि बिहार सरकार इन्हें 30 हजार रुपए देती है. जबकि राज्य सरकार की तरफ से जिन शिक्षकों को उत्कृष्ट शिक्षा सम्मान मिला है उन्हें 15000 रुपया नकद और प्रशस्ति पत्र सौंपा गया.