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ED की बड़ी कार्रवाई: धान घोटाले में आरोपी देवेश गिरफ्तार - धान घोटाला मामला

धान घोटाला मामले में ईडी ने कार्रवाई करते हुए आरोपी देवेश शर्मा की गिरफ्तारी की है. बता दें कि जगदंबा फूड कंपनी का संचालक देवेश पिछले काफी दिनों से मामले की जांच कर रही ईडी के रडार पर था.

पटना
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Published : Jul 1, 2020, 7:27 PM IST

पटना: बिहार के धान घोटाला मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है. मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चर्चित मामले में बुधवार को दरभंगा निवासी और जगदंबा फूड के संचालक देवेश नाम के एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. वह काफी समय से ईडी के रडार पर था. माना जा रहा है कि जांच एजेंसी को देवेश से पूछताछ के दौरान कई अहम जानकारी मिल सकती है.

लगातार उठती रही जांच की मांग
चर्चित धान घोटाला मामले में लगभग एक हजार से ज्यादा प्राथमिकी दर्ज की गई थी. पिछले कुछ समय से घोटाले को लेकर विधानसभा के अंदर भी आवाजें उठती रही हैं. साथ ही इसमें बिहार सरकार भी ठोस कार्रवाई करने का आदेश दे चुकी है. इसी क्रम में जगदंबा फूड कंपनी का संचालक देवेश पिछले काफी दिनों से मामले की जांच कर रही ईडी के रडार पर था. जिसे बुधवार को गिरफ्तारी कर लिया गया है.

क्या है धान घोटाला?
फर्जीवाड़े की शुरुआत मुजफ्फरपुर से हुई. जहां, अधिकारियों ने बिहार सरकार को सूचित किया कि बारिश से धान की फसल बर्बाद हो जाएगी. साथ ही उन्होंने यह भी सलाह दी कि धान को पश्चिम बंगाल भेजकर वहां उसको 'उसना चावल' में तब्दील करवाकर इसे बारिश में सड़ने से बचाया जा सकता है. इसके बाद सरकार ने आदेश पारित कर दिया.

चारा घोटाला की तर्ज पर घोटाला
सरकार के आदेश की आड़ में लगभग 17 लाख मीट्रिक टन धान को पश्चिम बंगाल न भेजकर उसके बदले करोड़ों रुपये ट्रांसपोर्ट और ट्रांसपोर्टर को भुगतान किया गया. बता दें कि इस घोटाले को बिहार के प्रसिद्ध चारा घोटाले की तर्ज पर किया गया था. चारा घोटाला की तरह इसमें भी स्कूटर, बाइक और साइकिल का प्रयोग दिखाया गया था. साथ ही चारा घोटाला की तरह ही धान घोटाला में भी कई आरोपियों ने फर्जी राइस मिल और नकली ट्रांसपोर्टर बनकर कई लोगों ने मिलकर लगभग 600 करोड़ रुपये से ज्यादा के फर्जीवाड़े को अंजाम दिया.

पटना: बिहार के धान घोटाला मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है. मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चर्चित मामले में बुधवार को दरभंगा निवासी और जगदंबा फूड के संचालक देवेश नाम के एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. वह काफी समय से ईडी के रडार पर था. माना जा रहा है कि जांच एजेंसी को देवेश से पूछताछ के दौरान कई अहम जानकारी मिल सकती है.

लगातार उठती रही जांच की मांग
चर्चित धान घोटाला मामले में लगभग एक हजार से ज्यादा प्राथमिकी दर्ज की गई थी. पिछले कुछ समय से घोटाले को लेकर विधानसभा के अंदर भी आवाजें उठती रही हैं. साथ ही इसमें बिहार सरकार भी ठोस कार्रवाई करने का आदेश दे चुकी है. इसी क्रम में जगदंबा फूड कंपनी का संचालक देवेश पिछले काफी दिनों से मामले की जांच कर रही ईडी के रडार पर था. जिसे बुधवार को गिरफ्तारी कर लिया गया है.

क्या है धान घोटाला?
फर्जीवाड़े की शुरुआत मुजफ्फरपुर से हुई. जहां, अधिकारियों ने बिहार सरकार को सूचित किया कि बारिश से धान की फसल बर्बाद हो जाएगी. साथ ही उन्होंने यह भी सलाह दी कि धान को पश्चिम बंगाल भेजकर वहां उसको 'उसना चावल' में तब्दील करवाकर इसे बारिश में सड़ने से बचाया जा सकता है. इसके बाद सरकार ने आदेश पारित कर दिया.

चारा घोटाला की तर्ज पर घोटाला
सरकार के आदेश की आड़ में लगभग 17 लाख मीट्रिक टन धान को पश्चिम बंगाल न भेजकर उसके बदले करोड़ों रुपये ट्रांसपोर्ट और ट्रांसपोर्टर को भुगतान किया गया. बता दें कि इस घोटाले को बिहार के प्रसिद्ध चारा घोटाले की तर्ज पर किया गया था. चारा घोटाला की तरह इसमें भी स्कूटर, बाइक और साइकिल का प्रयोग दिखाया गया था. साथ ही चारा घोटाला की तरह ही धान घोटाला में भी कई आरोपियों ने फर्जी राइस मिल और नकली ट्रांसपोर्टर बनकर कई लोगों ने मिलकर लगभग 600 करोड़ रुपये से ज्यादा के फर्जीवाड़े को अंजाम दिया.

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