पटना: कोरोना वायरस के बढ़ते कहर के कारण देश में इनदिनों हेल्थ आपातकाल की स्थिति हो गई है. ऐसे हालात के लिए पूरा देश पीएम मोदी की अपील पर एकजुट हो चुका है. ऐसे में इस वायरस के निपटने के लिए देश के सरकारी से लेकर कई प्रइवेट विभाग भी मदद के लिए बढ़-चढ़ कर योगदान दे रहा है. इसी क्रम में भारतीय रेलवे ने भी संभावित खतरे को देखते हुए विशेष तैयारियों पर योगदान दे रही है. दरअसल, पूर्व मध्य रेल में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए रेलवे के 208 कोचों में आइसोलेशन वार्ड बनाने की शुरूआत कर दी है.
'स्लीपर कोच को बनाया जा रहा वार्ड'
इसको लेकर ईटीवी भारत संवाददाता ने पूर्व मध्य रेल के द्वारा तैयार किए जा रहे ऐसे आइसोलेशन वार्ड का जायजा लिया. पटना में तैयार हो रहे रेलवे आइसोलेशन वार्ड के इन बोगियों में एक साथ 8 मरीज को भर्ती किए जा सकते हैं. इस मामले पर मौके पर मौजूद इंजीनियर आलोक कुमार आर्य ने बताया कि स्लीपर क्लास के बोगी में आइसोलेशन वार्ड बनाया जा रहा है. इनमें एक साथ 8 मरीज रखे जा सकते है. इसमें डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ के रहने के लिए भी तैयारी किए जा रहे हैं. र कोच में दो टॉयलेटस होते हैं. जिसमें से एक टॉयलेट को बाथरूम में तब्दील किया जा रहा है. हर बेड के पास ऑक्सीजन सिलेंडर लगाने और तमाम मेडिकल इक्विपमेंट्स को रखने की व्यवस्था भी की जा रही है.
'208 स्लीपर कोच को किया जा रहा कन्वर्ट'
इस मामले में पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया की आपात स्थिति के लिए पूर्व मध्य रेल 208 स्लीपर कोच को आइसोलेशन वार्ड में कन्वर्ट कर रहा है. इनमें कुल 16 सौ 64 बेड होंगे. उन्होंने बताया कि दानापुर मंडल में 55, धनबाद मंडल में 45, सोनपुर मंडल में 37, समस्तीपुर मंडल में 22, पंडित दीनदयाल उपाध्याय मंडल में 20 और हरनौत में 29 कोच को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किया जाएगा. इनमें जीवन रक्षक दवाएं, चिकित्सा उपकरण, जांच मशीन और पैरामेडिकल स्टाफ तैनात रहेंगे. राजेश कुमार ने बताया कि प्रत्येक केबिन के दोनों मिडिल बर्थ को हटाया जा रहा है. वाशबेसिन में लिफ्ट हैंडल के साथ नल को उचित ऊंचाई पर स्थापित किया जाएगा. जिससे की पानी भरने में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो.
3 लाख 20 हजार आइसोलेशन बेड
गौरतलब है कि पूरे देश में रेलवे इस तरह के 20 हजार कोच को तैयार कर रही है. जिनमें आइसोलेशन के लिए लगभग 3 लाख 20 हजार बेड उपलब्ध होंगे. इनमें से 5 हजार कोच को आइसोलेशन वार्ड में बदलने पर काम शुरू हो चुका है. जिसमें जल्द ही 80 हजार बेड उपलब्ध हो जाएंगे.