पटना: आर्थिक अपराध इकाई की ओर से जागरूकता अभियान के तहत अगले 6 दिनों के लिए साइबर अपराध की रोकथाम के लिए साइबर का पोस्टर जारी किया जाएगा. आर्थिक अपराध इकाई बिहार पटना साइबर अपराधों की रोकथाम अनुसंधान और इससे संबंधित जागरूकता अभियानों के लिए बिहार राज्य की नोडल एजेंसी है. साइबर अपराधों से बच्चों के लिए आर्थिक अपराध इकाई निरंतर प्रयासरत है. साथ ही अल्पकालीन वीडियो पोस्टर सेमिनार के माध्यम से लोगों को जागरूक करते आ रहे हैं.
आर्थिक अपराध इकाई की ओर से शनिवार को बच्चों से संबंधित एक पोस्टर जारी किया गया है. जिसमें लिखा गया है कि 'सतर्क रहें जागरूक रहें सुरक्षित रहें' के तहत चाइल्ड प्रोनोग्राफी समाज के लिए अभिशाप है हम सभी की हैं जिम्मेदारी, रोकथाम जरूरी है.
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आर्थिक अपराध इकाई की ओर से जारी पोस्टर
आर्थिक अपराध इकाई की ओर से जारी पोस्टर के मुताबिक बच्चों से संबंधित किसी भी प्रकार का अश्लील फोटो, वीडियो बनाना और किसी प्रकार का यौन गतिविधियों से संबंधित रिकॉर्ड करना. इसके साथ ही किसी भी सोशल मीडिया या या ईमेल के माध्यम उसे भेजना या प्रसारित करना साइबर अपराध है. कानून में चाइल्ड पोर्नोग्राफी से संबंधित कड़े दंड का प्रावधान है. यह जघन्य तथा गैर जमानती अपराध है.इसमें बच्चों की सहमति या गैर सहमति दोनों परिस्थितियों में ही अपराध कृत्य माना जाता है.
![patna](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10178724_patnaa.jpg)
6 दिनों तक चलेगा जागरुकता अभियान
इसी कड़ी में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बढ़ते साइबर अपराध को देखते हुए इसकी रोकथाम के लिए शनिवार से अगले 6 दिनों के लिए पोस्टर के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है. इसी प्रकार महिलाओं को ईमेल या किसी भी सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप, यूटुब और इंस्टाग्राम के माध्यम से गलत टेक्स्ट मैसेज और अश्लील फोटो वीडियो भेजना या फॉरवर्ड करना दंडनीय अपराध है. जिसके लिए धारा 292 के तहत 2 साल की सजा और जुर्माना दोनों हो सकता है. धारा 67 B आईटी एक्ट के तहत 5 साल की सजा और 1 लाख का जुर्माना लगाया जाएगा. वहीं, दोबारा इसी कांड को करने पर 7 साल की सजा और 10 लाख का जुर्माना भी हो सकता है.