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पटना में दुर्गा पूजा की धूम, रंगबिरंगी रौशनी और आकर्षक पंडालों में इको फ्रेंडली सबसे खास - भक्तों का लगा रहा तांता

कदमकुआं स्थित शिव मंदिर में बने इको फ्रेंडली पंडाल में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई है. यहां के पंडाल को शिवालय का भव्य रूप दिया गया है. पंडाल की चोटी पर शिव विराजमान हैं.

पटना में दुर्गा पूजा की धूम
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Published : Oct 7, 2019, 7:49 AM IST

पटना: नवरात्र का पावन महीना चल रहा है. राजधानी पटना में दशहरे की धूम है. महाष्टमी के दिन महागौरी की पूजा बड़े ही धूमधाम के साथ की गई. शहर में कई जगह बनाए गए भव्य दुर्गा पंडाल लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. वहीं, राजधानी में इस बार कई जगह इको फ्रेंडली दुर्गा पंडाल भी बनाए गए हैं. खासकर पूजा समिति के सदस्यों ने पर्यावरण को ध्यान में रखकर इको फ्रेंडली पंडालों का निर्माण कराया है.

भक्तों का लगा रहा तांता
शहर में अधिकतर पंडालों और मूर्तियों को कोलकाता के कारीगरों ने भव्य रूप दिया है. जिले के कदमकुआं स्थित शिव मंदिर में बने इको फ्रेंडली पंडाल में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई है. यहां के पंडाल को शिवालय का भव्य रूप दिया गया है. पंडाल की चोटी पर शिव विराजमान हैं. नजारा ऐसा कि भक्तों की निगाहें वहां से हटने का नाम नहीं ले रही है. वहीं, इको फ्रेंडली पंडाल को देखने के लिए भक्तों का तांता लगा है.

PATNA
मां दुर्गा की प्रतिमा

जूट और कॉटन से बना है पंडाल
पूजा समिति के अध्यक्ष ने बताया कि ये पंडाल अपने आप में खास है. सबसे पहले तो ये इको फ्रेंडली का मैसेज दे रहा है. पंडाल को तैयार करने में प्लास्टिक का उपयोग बिल्कुल भी नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि मौसम कहीं फिर से करवट न ले ले, इसीलिए पंडाल को पूरी तरह से वाटरप्रूफ बनाया गया है. वहीं, इसे तैयार करने में जूट और कॉटन का इस्तेमाल किया गया है. जहां एक और शिव विराजमान हैं तो वहीं दूसरी ओर आदि शक्ति की आराधना की जा रही है.

देंखे पूरी रिपोर्ट

भक्तों के चेहरे पर खुशी
राजधानी में इको फ्रेंडली दुर्गा पंडाल देख भक्तों के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही है. कुछ दिनों पहले कदमकुंआ का ये वहीं एरिया था, जहां लोग जलजमाव के कारण अपने घरों में कैद थे. लेकिन अब शहर से लगभग पानी की निकासी कर ली गई है. बाजार में फिर से रौनक लौट आई है. चारों ओर टिमटिमाती लाइट में शहर के युवा वर्ग मां दुर्गा की आराधना करने के साथ नवरात्र को इंजॉय कर रहे हैं.

पटना: नवरात्र का पावन महीना चल रहा है. राजधानी पटना में दशहरे की धूम है. महाष्टमी के दिन महागौरी की पूजा बड़े ही धूमधाम के साथ की गई. शहर में कई जगह बनाए गए भव्य दुर्गा पंडाल लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. वहीं, राजधानी में इस बार कई जगह इको फ्रेंडली दुर्गा पंडाल भी बनाए गए हैं. खासकर पूजा समिति के सदस्यों ने पर्यावरण को ध्यान में रखकर इको फ्रेंडली पंडालों का निर्माण कराया है.

भक्तों का लगा रहा तांता
शहर में अधिकतर पंडालों और मूर्तियों को कोलकाता के कारीगरों ने भव्य रूप दिया है. जिले के कदमकुआं स्थित शिव मंदिर में बने इको फ्रेंडली पंडाल में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई है. यहां के पंडाल को शिवालय का भव्य रूप दिया गया है. पंडाल की चोटी पर शिव विराजमान हैं. नजारा ऐसा कि भक्तों की निगाहें वहां से हटने का नाम नहीं ले रही है. वहीं, इको फ्रेंडली पंडाल को देखने के लिए भक्तों का तांता लगा है.

PATNA
मां दुर्गा की प्रतिमा

जूट और कॉटन से बना है पंडाल
पूजा समिति के अध्यक्ष ने बताया कि ये पंडाल अपने आप में खास है. सबसे पहले तो ये इको फ्रेंडली का मैसेज दे रहा है. पंडाल को तैयार करने में प्लास्टिक का उपयोग बिल्कुल भी नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि मौसम कहीं फिर से करवट न ले ले, इसीलिए पंडाल को पूरी तरह से वाटरप्रूफ बनाया गया है. वहीं, इसे तैयार करने में जूट और कॉटन का इस्तेमाल किया गया है. जहां एक और शिव विराजमान हैं तो वहीं दूसरी ओर आदि शक्ति की आराधना की जा रही है.

देंखे पूरी रिपोर्ट

भक्तों के चेहरे पर खुशी
राजधानी में इको फ्रेंडली दुर्गा पंडाल देख भक्तों के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही है. कुछ दिनों पहले कदमकुंआ का ये वहीं एरिया था, जहां लोग जलजमाव के कारण अपने घरों में कैद थे. लेकिन अब शहर से लगभग पानी की निकासी कर ली गई है. बाजार में फिर से रौनक लौट आई है. चारों ओर टिमटिमाती लाइट में शहर के युवा वर्ग मां दुर्गा की आराधना करने के साथ नवरात्र को इंजॉय कर रहे हैं.

Intro:नवरात्र का पावन महीना चल रहा है. राजधानी पटना की सड़कें दुर्गा भक्तों से पटी हुई है. शहर में अधिकतर पंडालों और मूर्तियों को कोलकाता के कारीगरों ने भव्य रुप दिया है. इस बार के नवरात्र में प्रत्येक पंडाल में कुछ नई चीजें देखने को मिल रही है. खासकर पूजा समिति के सदस्यों ने पर्यावरण का खासा ध्यान रखा है. ऐसे में आपको हम एक ऐसे पंडाल से रूबरू कराएंगे जहां शिवालय में मां दुर्गा विराजमान हैं.


Body:कदमकुआं स्थित एक शिवमंदिर में मां दुर्गा की प्रतिमा को स्थापित की गई है. यहां के पंडाल को शिवालय का भव्य रूप दिया गया है. पंडाल के चोटी पर शिव विराजमान हैं. नजारा ऐसा कि भक्तों की निगाहें वहां से हटने का नाम नहीं ले रही. पंडाल को देखने के लिए लोगों का हुजूम जुट रहा है. पूजा समिति के अध्यक्ष शशि रंजन ने बताया कि यह पंडाल अपने आप में खास है. सबसे पहले तो यह पंडाल इको फ्रेंडली का मैसेज दे रहा है. पंडाल को तैयार करने में प्लास्टिक का उपयोग बिल्कुल भी नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि मौसम कहीं फिर से करवट न ले ले, इसीलिए पंडाल को पूरी तरह से वाटरप्रूफ बनाया गया है. वहीं, इसे तैयार करने में जूट और कॉटन का इस्तेमाल किया गया है. बताते हैं कि यह एक वृहनगम दृश्य है, जहां एक और शिव विराजमान हैं तो वहीं दूसरी ओर आदि शक्ति की आराधना की जा रही है.


Conclusion:लोगों के चेहरे पर अब साफ खुशी झलक रही है. कुछ दिनों पहले कदमकुंआ का यह वही एरिया था जहां लोग जलजमाव के कारण अपने घरों में कैद थे. लेकिन अब शहर से लगभग-लगभग पानी की निकासी कर ली गई है. बाजार में फिर से रौनक लौट आई है. चारों ओर टिमटिमाती लाइट में शहर के युवा वर्ग मां दुर्गा की आराधना करने के साथ नवरात्र को इंजॉय कर रहे हैं.
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