पटना: नवरात्र का पावन महीना चल रहा है. राजधानी पटना में दशहरे की धूम है. महाष्टमी के दिन महागौरी की पूजा बड़े ही धूमधाम के साथ की गई. शहर में कई जगह बनाए गए भव्य दुर्गा पंडाल लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. वहीं, राजधानी में इस बार कई जगह इको फ्रेंडली दुर्गा पंडाल भी बनाए गए हैं. खासकर पूजा समिति के सदस्यों ने पर्यावरण को ध्यान में रखकर इको फ्रेंडली पंडालों का निर्माण कराया है.
भक्तों का लगा रहा तांता
शहर में अधिकतर पंडालों और मूर्तियों को कोलकाता के कारीगरों ने भव्य रूप दिया है. जिले के कदमकुआं स्थित शिव मंदिर में बने इको फ्रेंडली पंडाल में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई है. यहां के पंडाल को शिवालय का भव्य रूप दिया गया है. पंडाल की चोटी पर शिव विराजमान हैं. नजारा ऐसा कि भक्तों की निगाहें वहां से हटने का नाम नहीं ले रही है. वहीं, इको फ्रेंडली पंडाल को देखने के लिए भक्तों का तांता लगा है.
जूट और कॉटन से बना है पंडाल
पूजा समिति के अध्यक्ष ने बताया कि ये पंडाल अपने आप में खास है. सबसे पहले तो ये इको फ्रेंडली का मैसेज दे रहा है. पंडाल को तैयार करने में प्लास्टिक का उपयोग बिल्कुल भी नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि मौसम कहीं फिर से करवट न ले ले, इसीलिए पंडाल को पूरी तरह से वाटरप्रूफ बनाया गया है. वहीं, इसे तैयार करने में जूट और कॉटन का इस्तेमाल किया गया है. जहां एक और शिव विराजमान हैं तो वहीं दूसरी ओर आदि शक्ति की आराधना की जा रही है.
भक्तों के चेहरे पर खुशी
राजधानी में इको फ्रेंडली दुर्गा पंडाल देख भक्तों के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही है. कुछ दिनों पहले कदमकुंआ का ये वहीं एरिया था, जहां लोग जलजमाव के कारण अपने घरों में कैद थे. लेकिन अब शहर से लगभग पानी की निकासी कर ली गई है. बाजार में फिर से रौनक लौट आई है. चारों ओर टिमटिमाती लाइट में शहर के युवा वर्ग मां दुर्गा की आराधना करने के साथ नवरात्र को इंजॉय कर रहे हैं.