पटना: राज्य में पंचायत चुनाव ईवीएम के जरिए कराए जाने को लेकर मंगलवार को हुई दिल्ली में बैठक में कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका. बैठक के दौरान ईवीएम बनाने वाली कंपनी ईसीआईएल ने नई तकनीक वाले ईवीएम की सप्लाई देने में असमर्थता जता दी है. जिसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत चुनाव कराने को लेकर प्लान बी की तैयारी में जुट गया है.
वहीं, आयोग के सचिव योगेंद्र नाम ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग पंचायत चुनाव ईवीएम से कराने को लेकर समर्थन कर रहा है, लेकिन मशीन की उपलब्धता में हो रही परेशानी के कारण स्थितियां बदल गई हैं.
ईवीएम मशीन देनें में की असमर्थता जाहिर
दरअसल, ईवीएम मशीन निर्यात कंपनी के द्वारा कोरोना महामारी के कारण सामग्री उपलब्ध नहीं होने का हवाला देते हुए मशीन देने में असमर्थता जाहिर की है. राज्य निर्वाचन आयोग से मिली जानकारी के अनुसार, अब बिहार में पंचायत चुनाव भारत निर्वाचन द्वारा पूर्व में इस्तेमाल किए गए M-2 मॉडल मशीन के जरिए हो सकता है. पूर्व में भी कई राज्यों में इसी मशीन के जरिए पंचायत चुनाव हो चुके हैं.
बता दें कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जिस मशीन के जरिए पंचायत चुनाव कराए जाने की तैयारी की जा रही थी. उसके एक कंट्रोल यूनिट में छह बैलट यूनिट जोड़ने की बात थी, लेकिन अब यह संभव नहीं हो सकेगा.
पंचायत चुनाव कराने के लिए 1 लाख मशीन की जरूरत
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा इस्तेमाल किए गए M-2 मॉडल से पंचायत चुनाव होते हैं तो प्रत्येक पद के लिए अलग से ईवीएम इस्तेमाल होंगे. राज्य में 6 पदों के लिए मतदाता वोट करेंगे, इस लिहाज से ईवीएम की संख्या काफी बढ़ जाएगी. अगर M-2 मॉडल से पंचायत चुनाव होते हैं तो इसके लिए तकरीबन एक लाख ईवीएम मशीन की जरूरत पड़ सकती है.
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मिली जानकारी के अनुसार, राज निर्वाचन आयोग बैलेट पेपर से भी चुनाव करने पर विचार कर सकता है. साथ ही ट्रायल के तौर पर कुछ पंचायतों में ईवीएम के जरिए चुनाव कराए जा सकते हैं. इतना तय है कि अब राज्य में पंचायत चुनाव समय पर नहीं हो सकेगा. गौरतलब है कि 15 जून तक पंचायत चुनाव संपन्न कराने की तिथि निर्धारित है. लेकिन अब तक चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी नहीं हुई है. राज्य में 6 पदों पर 2 लाख 90 हजार उम्मीदवारों के लिए चुनाव होने हैं.