पटना: पूर्व मध्य रेल (East Central Railway) द्वारा नई लाईन, दोहरीकरण, आमान परिवर्तन सहित कई निर्माण परियोजनाओं पर कार्य तीव्र गति से जारी है. इसी कड़ी में लगभग 206 किलोमीटर लंबे सकरी-निर्मली तथा झंझारपुर-लौकहा बाजार (94 किमी) एवं सहरसा-फारबिसगंज (111 किमी) आमान परिवर्तन का कार्य किया जा रहा है. इस परियोजना पर लगभग 1,471 करोड़ रुपये व्यय आने का अनुमान लगाया गया है.
पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने जानकारी दी है कि 94 किलोमीटर लंबे सकरी-निर्मली तथा झंझारपुर-लौकहा बाजार आमान परिवर्तन परियोजना में से सकरी-मंडन मिश्र हॉल्ट (111 किमी), मंडन मिश्र हॉल्ट-झंझारपुर (09 किमी), झंझारपुर-तमुरिया (09 किमी) का कार्य पूरा हो चुका है. शेष पर कार्य तीव्रगति से जारी है.
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इसी तरह 111 किलोमीटर लंबे सहरसा-फारबिसगंज आमान परिवर्तन परियोजना के अंतर्गत अब तक सहरसा-गढ़बरूआरी (16 किमी), गढ़बरूआरी-सुपौल (11 किमी), सुपौल-सरायगढ़ (25 किमी), सरायगढ़-राघोपुर (11 किमी) एवं राघोपुर-ललितग्राम (20 किमी) रेलखंड सहित अब तक कुल 83 किमी आमान परिवर्तन का कार्य पूरा कर लिया गया है. इस परियोजना का शेष कार्य जल्द ही पूरा कर लिया जायेगा.
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वहीं, सकरी-निर्मली-झंझारपुर-लौकहा बाजार एवं सहरसा- फारबिसगंज आमान परिवर्तन परियोजना के अंतर्गत तमुरिया-घोघरडीहा (11 किमी), घोघरडीहा-निर्मली (11किमी), ललितग्राम-नरपतगंज-फारबिसगंज (29 किमी) का कार्य वर्ष 2022 में पूरा कर लिए जाने की संभावना है.
फारबिसगंज तक रेल कनेक्टिविटी होने के बाद जोगबनी, कटिहार और गुवाहाटी से कोसी-मिथिला का सीधा रेलसंपर्क हो जाएगा. फारबिसगंज होकर जोगबनी, कटिहार और गुवाहाटी से कोसी-मिथिलांचल से जाने वाली ट्रेने जुड़ जाएगी. झंझारपुर, निर्मली रूट की ट्रेन कोसी रेल महासेतु, सरायगढ़ और राघोपुर होकर फारबिसगंज पहुंच जाएगी. दरभंगा एवं सहरसा क्षेत्र के लोगों को गुवाहाटी के लिए वैकल्पिक रेलमार्ग उपलब्ध हो जाएगा.
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