पटना: अग्निपथ स्कीम के विरोध में देश भर में हंगामा और प्रदर्शन (protest against Agnipath scheme) हो रहा है लेकिन इसका सबसे ज्यादा असर बिहार में देखने को मिला. प्रदर्शन में सबसे ज्यादा नुकसान रेलवे को उठाना पड़ा है. कई जिलों में तोड़फोड़ की गई और आग लगा (Train burnt at stations in bihar) दी गयी. ऐसे में ट्रेनों के परिचालन (Operating Long Distance Trains) पर उग्र प्रदर्शन का असर पड़ा. अब स्थिति सामान्य होने लगी है. ऐसे में कुछ ट्रेनों को चलाया जा रहा है.
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परिचालन बहाल करने में जुटा रेलवे प्रशासन: बता दें कि बीते सोमवार को राज्य में विरोध की पहले जैसी हिंसक तस्वीरें सामने नहीं आई थी जिसके बाद पूर्व मध्य रेलवे प्रशासन यात्रियों की सुविधा के लिए ट्रेन परिचालन बहाल करने में जुटा है. कुछ ट्रेन को पटरी पर लाया गया है. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने पटना जंक्शन पर पहुंचकर यात्रियों से बातचीत की. ट्रेनों के परिचालन शुरू होने से यात्रियों की परेशानी कम हुई है या नहीं इसपर यात्रियों ने कहा कि परेशानी अभी तक कम नहीं हुई है.
"महाराष्ट्र में राजमिस्त्री का काम करते हैं. टिकट तो बहुत पहले ही कटा रखे थे लेकिन अग्निपथ को लेकर हो रहे बवाल के कारण ट्रेनों का परिचालन बंद होने से काफी परेशानी हुई. अभी भी परेशानी है. हम लोग बिहार छोड़ कर बाहर प्रदेशों में जाकर के मजदूरी का काम करते हैं. अगर एक दिन नहीं कमाएंगे तो नहीं खा पाएंगे. ऐसे में आज ट्रेन लेट है ट्रेन 1 दिन बाद जाएगी. इससे हम 1 दिन लेट महाराष्ट्र हो पहुंचेंगे."-रमेश कुमार, यात्री
"हम लोग 12 की संख्या में तमिलनाडु के लिए निकले हैं. तमिलनाडु के लिए जो ट्रेन 4:00 बजे जाती थी उसको 11:00 बजे रात में कर दिया गया है. हालांकि वह कब जाएगी इसका अभी कोई पता नहीं. टीटी से पूछने पर पता चला यह ट्रेन रात्रि में जाएगी. सुपौल से पटना तक तो पहुंच गए लेकिन पटना से तमिलनाडु कब पहुंचेंगे अभी भी संशय बना हुआ है. हम लोग तमिलनाडु में मजदूरी का काम करते हैं और मजदूरी करके घर परिवार चलाते हैं."- अजीत, यात्री
हमको 20 जून को एक कपड़ा शोरूम में दिल्ली में ड्यूटी ज्वाइन करना था. लेकिन ट्रेनों का परिचालन बंद होने से ज्वाइन नहीं कर पाए. टिकट भी कैंसिल हो गया. कल 20 जून को तत्काल टिकट लेकर आज 21 जून को दिल्ली जा रहे हैं. ट्रेन का परिचालन बंद होने से परेशानी बढ़ गई है. अब दिल्ली पहुंचने पर पता चलेगा कि मेरी जॉइनिंग होती है या नहीं क्योंकि मैं 2 दिन लेट पहुंच रहा हूं.- मोहन कुमार, यात्री
पैसेंजर ट्रेनों के परिचालन का कोई फैसला नहीं: बता दे कि अभी तक पैसेंजर ट्रेनों के परिचालन का कोई फैसला नहीं लिया गया है. इस मामले को लेकर के पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वीरेंद्र कुमार से जो बात हुई उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि पूर्व मध्य रेल के क्षेत्राधिकार में कई ट्रेन के डिब्बे और इंजन को प्रदर्शनकारियों के द्वारा आग के हवाले किया गया था. इससे कई ट्रेनों के डिब्बे में कमी आई है. प्रदर्शनकारियों के द्वारा जो डिब्बे आग के हवाले किए गए हैं वो जस के तस बने हुए हैं. ऐसे में रेलवे प्रशासन एहतियात के तौर पर धीरे-धीरे ट्रेनों का परिचालन पुनः बहाल करने का काम कर रहा है. स्थिति सामान्य होने के साथ रेल यात्रियों के सुविधा के लिए पैसेंजर ट्रेन मेल एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन किया जाएगा . लेकिन अभी लंबी दूरी की ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है.
रेलवे को नुकसान: बिहार में पिछले चार दिनों में अग्निपथ के नाम पर चले आंदोलन की आग में सबसे ज्यादा रेलवे की संपत्ति जल कर राख हुई है. आंदोलनकारियों ने पिछले चार दिन में 5 ट्रेनों की 60 बोगियों को जलाकर राख कर दिया. वहीं, 10 रेल इंजनों को आग के हवाले कर दिया. यही नहीं, 20 से अधिक जगह रेल संपत्ति को आग के हवाले कर दिया गया. यही नहीं हो हंगामे के कारण 60 करोड़ से अधिक टिकट कैंसिल हुए हैं. इसके अलावे 30 से अधिक ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है. जिस कारण रेलवे को पूरा पैसा लौटाना पड़ा है.
प्रदर्शन के नाम पर जलाई गईं ट्रेन की बोगियां: बिहार के कई स्टेशनों पर प्रदर्शन के नाम पर यात्री ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया गया. बोगियां धधकने लगीं. छात्र एवं युवा रेलवे पटरियों, नेशनल हाइवे पर उग्र प्रदर्शन करते रहे. सोनपुर बाईपास भी जाम किया गया. इससे ट्रेन सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं.
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