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पटना: इस बार खास होगा आनंदपुरी में बन रहा पूजा पंडाल, लोगों को किया जाएगा जागरूक

बोरिंग रोड में एजुकेशन के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए अलग प्रकार का पूजा पंडाल का निर्माण किया जा रहा है. पंडाल में हजारों पुस्तकों का प्रयोग किया गया है. नेचर एजुकेशन टू ऑल ऑफ अस की थीम पर पंडाल को तैयार किया जा रहा है.

Patna
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Published : Oct 4, 2019, 8:48 PM IST

Updated : Oct 4, 2019, 10:04 PM IST

पटना: राजधानी के आनंदपुरी में इस बार एक अनोखा पूजा पंडाल तैयार किया जा रहा है. सप्तमी को मां दुर्गा का पट खुलने के साथ ही यह पंडाल भी बनकर पूरी तरह से तैयार हो जाएगा. विजय वाहिनी दुर्गा पूजा समिति नेचर और एजुकेशन के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए अलग प्रकार का पंडाल का डेकोरेशन कर रही है. पंडाल में हजारों पुस्तकों का प्रयोग किया गया है. 'नेचर एजुकेशन टू ऑल ऑफ अस' की थीम पर पंडाल को तैयार किया जा रहा है.

Patna
किताबों से की जा रही पूजा पंडाल की सजावट

पंडाल में लटकाए गए है हजारों पुस्तक

पूजा समिति के अध्यक्ष संतोष कुमार ने बताया कि पंडाल में 300 रो में जंबल वर्ड्स लगाए गए हैं. हर रो में 10 से 15 अल्फाबेट्स हैं. जिसमें किसी एक फेमस पर्सनालिटी, प्लेस और वस्तु का नाम छिपा है. जो भी पूरे रो के जंबल वर्ड्स बना लेगा उसे पुरस्कृत किया जाएगा. उन्होंने बताया कि पंडाल इको फ्रेंडली थीम पर तैयार किया गया है. इन पुस्तकों के माध्यम से युवाओं के बीच पुस्तकों की उपयोगिता को बताया जा रहा है.

अनोखा है यह पूजा पंडाल

पुस्तकों को जरूरतमंदों में बांटा जाएगा
समिति के सदस्य ने बताया कि विजयादशमी के बाद पंडाल खोलने समय इसमें लगे पुस्तकों को जरूरतमंदों में बांट दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि इको फ्रेंडली मूर्ति इस बार बैठाई जा रही है. इस मूर्ति को वैसे मटेरियल से तैयार किया गया है. जिसे विसर्जित करने के बाद पूरी तरह से पानी में घुल जाएगी.

जागरूक करने की कोशिश
बताया जाता है कि इस तरह के पंडाल के माध्यम से समाज में शिक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने की कोशिश की जा रही है. पूजा समित के सदस्य ने बताया कि पंडाल में सप्तमी के रोज खीर-पूड़ी का महाप्रसाद भक्तों के बीच बांटा जाता है. वहीं, अष्टमी के दिन हलवा और नवमी के दिन खिचड़ी का महाप्रसाद भक्तों के बीच बांटी जाती है. साथ ही विजयादशमी के दिन भव्य भंडारे का आयोजन किया जाता है.

पटना: राजधानी के आनंदपुरी में इस बार एक अनोखा पूजा पंडाल तैयार किया जा रहा है. सप्तमी को मां दुर्गा का पट खुलने के साथ ही यह पंडाल भी बनकर पूरी तरह से तैयार हो जाएगा. विजय वाहिनी दुर्गा पूजा समिति नेचर और एजुकेशन के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए अलग प्रकार का पंडाल का डेकोरेशन कर रही है. पंडाल में हजारों पुस्तकों का प्रयोग किया गया है. 'नेचर एजुकेशन टू ऑल ऑफ अस' की थीम पर पंडाल को तैयार किया जा रहा है.

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किताबों से की जा रही पूजा पंडाल की सजावट

पंडाल में लटकाए गए है हजारों पुस्तक

पूजा समिति के अध्यक्ष संतोष कुमार ने बताया कि पंडाल में 300 रो में जंबल वर्ड्स लगाए गए हैं. हर रो में 10 से 15 अल्फाबेट्स हैं. जिसमें किसी एक फेमस पर्सनालिटी, प्लेस और वस्तु का नाम छिपा है. जो भी पूरे रो के जंबल वर्ड्स बना लेगा उसे पुरस्कृत किया जाएगा. उन्होंने बताया कि पंडाल इको फ्रेंडली थीम पर तैयार किया गया है. इन पुस्तकों के माध्यम से युवाओं के बीच पुस्तकों की उपयोगिता को बताया जा रहा है.

अनोखा है यह पूजा पंडाल

पुस्तकों को जरूरतमंदों में बांटा जाएगा
समिति के सदस्य ने बताया कि विजयादशमी के बाद पंडाल खोलने समय इसमें लगे पुस्तकों को जरूरतमंदों में बांट दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि इको फ्रेंडली मूर्ति इस बार बैठाई जा रही है. इस मूर्ति को वैसे मटेरियल से तैयार किया गया है. जिसे विसर्जित करने के बाद पूरी तरह से पानी में घुल जाएगी.

जागरूक करने की कोशिश
बताया जाता है कि इस तरह के पंडाल के माध्यम से समाज में शिक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने की कोशिश की जा रही है. पूजा समित के सदस्य ने बताया कि पंडाल में सप्तमी के रोज खीर-पूड़ी का महाप्रसाद भक्तों के बीच बांटा जाता है. वहीं, अष्टमी के दिन हलवा और नवमी के दिन खिचड़ी का महाप्रसाद भक्तों के बीच बांटी जाती है. साथ ही विजयादशमी के दिन भव्य भंडारे का आयोजन किया जाता है.

Intro:राजस्थानी पटना की आनंदपुरी में इस बार एक अनोखा किस्म का पूजा पंडाल तैयार किया जा रहा है. सप्तमी को मां दुर्गा का पट खुलने के साथ ही यह पंडाल पूरी तरह तैयार रहेगा. विजय वाहिनी दुर्गा पूजा समिति नेचर और एजुकेशन के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए अलग प्रकार का पंडाल का डेकोरेशन कर रही है. पंडाल में हजारों पुस्तकों का प्रयोग किया गया है. नेचर एजुकेशन टू ऑल ऑफ अस की थीम पर पंडाल को तैयार किया जा रहा है. पंडाल में जंबल वर्ड भी तैयार किए गए हैं ताकि बच्चे और उनके अभिभावक पंडाल घूमने के दौरान कुछ सीख सकें.


Body:विजय वाहिनी दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष संतोष कुमार ने बताया कि पंडाल में 300 रो में जंबल वर्ड्स लगाए गए हैं. हर रो में 10 से 15 अल्फाबेट्स है जिसमें किसी एक फेमस पर्सनालिटी प्लेस और वस्तु का नाम छिपा है. जो भी पूरे रो के जंबल वर्ड्स बना लेगा उसे पुरस्कृत किया जाएगा. उन्होंने बताया कि पंडाल इको फ्रेंडली थीम पर तैयार किया गया है और पंडाल में हजारों पुस्तके लटकाए गए हैं. इन पुस्तकों के माध्यम से युवाओं के बीच पुस्तकों की उपयोगिता को बताया जा रहा है और विजयादशमी के बाद पंडाल खोलने समय इन पुस्तकों को जरूरतमंदों में बांट दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि इको फ्रेंडली मूर्ति इस बार बैठाई जा रही है. इस मूर्ति को वैसे मटेरियल से तैयार किया गया है जिसे विसर्जित करने के बाद पूरी तरह से पानी में घुल जाएगा. उन्होंने बताया कि मूर्ति में इस्तेमाल होने वाला कपड़ा आभूषण बाल सभी मिट्टी से तैयार किया हुआ है और मूर्ति में नेचुरल कलर यूज़ हुआ है. मूर्ति के कलर गेंदे गुलाब चमेली जैसे अन्य फूलों के रस से तैयार किए गए हैं जिसे खासतौर पर कोलकाता से मंगाया गया है.


Conclusion:समिति के सचिव आशुतोष कुमार ने बताया कि पंडाल बनाने का मकसद यही रहता है कि पंडाल के माध्यम से समाज को कुछ मैसेज जाए जिसके जरिए उनके जीवन में बदलाव आए. उन्होंने बताया कि समिति हमेशा ज्वलंत मुद्दों पर आधारित थीम पर पंडाल बनाती है और इस बार नेचर एंड एजुकेशन टू ऑल ऑफ अस थीम है. उन्होंने बताया कि पंडाल में सप्तमी के रोज खीर पुरी का महाप्रसाद भक्तों के बीच बांटा जाता है वही अष्टमी के दिन हलवा और नवमी के दिन खिचड़ी का महाप्रसाद होता है. उन्होंने बताया कि विजयादशमी के दिन भव्य भंडारे का आयोजन किया जाता है जिसमें नवरात्र में उपवास में रहे श्रद्धालु काफी अच्छी तादाद में शामिल होते हैं.


नोट- मूछ वाला व्यक्ति अध्यक्ष संतोष कुमार, पगड़ी पहने व्यक्ति सचिव आशुतोष कुमार
Last Updated : Oct 4, 2019, 10:04 PM IST
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