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कहीं पीले और काले सरसों.. तो कहीं उड़द दाल से बनाई गई है मां दुर्गा की प्रतिमा - ईटीवी बिहार झारखंड

पटना में दुर्गा पूजा के मौके पर मां दुर्गा की प्रतिमा को खास तरीके से बनाया गया है. कहीं पीले और काले सरसों का, कहीं उड़द दाल का, तो कहीं मास्क का इस्तेमाल मूर्ति बनाने में किया गया है. कलाकारों के नए प्रयोगों की ओर श्रद्धालुओं आकर्षित हो रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर..

Durga Puja in Patna
Durga Puja in Patna
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Published : Oct 13, 2021, 1:10 PM IST

पटना: राजधानी वासियों में दुर्गा पूजा (Durga Puja 2021) को लेकर काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. पूजा समिति के आयोजकों ने इस बार तरह-तरह के सामानों का प्रयोग कर माता की प्रतिमा (Durga Puja In Patna) बनवायी है, जो आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. सरकार की गाइडलाइंस के तहत इस बार शारदीय नवरात्र (Sharad Navaratri 2021) का आयोजन किया जा रहा है. माता की प्रतिमा और पूजा पंडाल भव्य तरीके से नहीं बनाया गया है, लेकिन इस बार पूजा समितियों द्वारा माता की मूर्ति में सरसों, उड़द दाल और मोतियों के साथ ही मास्क का भी प्रयोग किया गया है.

यह भी पढ़ें- आज मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप की हो रही है पूजा, मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

पटना के मुसल्लेपुर हाट के नाथू गली में हिंद क्लब के द्वारा पीले और काले सरसों का प्रयोग कर मां की प्रतिमा बनाई गई है. 5 किलो पीला सरसों और 2 किलो काला सरसों से मूर्ति को रंग रूप दिया गया है. आयोजक सोनू ने बताया कि पीला सरसों मां दुर्गा के पूजा में भी उपयोग किया जाता है.

यह भी पढ़ें- दानापुर में एक दर्जन दुर्गा पूजा पंडालों से डीजे जब्त, पूजा समितियों ने लाइट बुझाकर जताया विरोध

"मां दुर्गा की पूजा में भी सरसों का प्रयोग होता है. इसलिए हमने पहले से ही सोच रखा था कि इस बार माता का मूर्ति सरसों से ही बनाएंगे. यही कारण है कि छोटी प्रतिमा होने के बावजूद मां की मूर्ति को देखने के लिए काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं."-सोनू, आयोजक

देखें वीडियो

वहीं मुसल्लहपुरहाट के चाईटोला में माता की प्रतिमा के निर्माण में माता के चेहरे से लेकर साड़ी के गोट तक तरह-तरह के मोती का प्रयोग कर मूर्ति का रूप दिया गया है.इसमें आर्टिफिशियल स्टोन से लेकर उजला मोती माता के फेस पर लगाया गया है. माता की प्रतिमा को तैयार करने में 1 महीने से कारीगर जुटे हुए थे और बहुत बारीकी से माता की प्रतिमा पर आर्टिफिशियल स्टोन का प्रयोग करके इसे तैयार किया है.

यह भी पढ़ें- यहां मां दुर्गा करती हैं भक्तों की हर मुराद पूरी, 129 सालों से हो रही है भगवती की आराधना

इधर बिरला मंदिर स्थित भवर पोखर में उड़द दाल की प्रतिमा भी अपने आप में आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. चेहरे से लेकर साड़ी के गोट तक उड़द दाल का उपयोग किया गया है. उड़द दाल और कुर्थी का प्रयोग 12 साल में पहली बार किया गया है. यहां पूजा समितियों के द्वारा हर साल कुछ अलग तरीके से माता की प्रतिमा स्थापित करने का काम किया जाता है. यूथ इंडिया क्लब के द्वारा हर साल माता की प्रतिमा स्थापित की जाती है.

यह भी पढ़ें- शारदीय नवरात्र: पटना के नौलखा मंदिर में बाबा नागेश्वर ने अपनी छाती पर स्थापित किया 21 कलश

इस बार राजधानी पटना में छोटे प्रतिमा ही स्थापित किए गए हैं, लेकिन छोटे प्रतिमा को अलग-अलग रूप दिया गया है. अलग-अलग सामग्रियों से माता की प्रतिमा बनाई गई है. कोरोना महामारी ने लोगों को लंबे समय तक परेशान किया और लोगों के जीवन का अभिन्न हिस्सा मास्क बन चुका है. इसी का संदेश देते हुए पूजा समिति एएंबेसी क्लब द्वारा माता की प्रतिमा और झंडे में पूरी तरह से मास्क का प्रयोग किया गया है. साथ ही प्रतिमा में भी छोटे-छोटे दो माता की और प्रतिमा बनाई गई है, जिसमें भी माता के चेहरे पर मास्क लगाया गया है. इसके जरिए समिति मास्क लगाने का संदेश देने के साथ ही लोगों को कोरोना के प्रति सचेत भी कर रही है.

यह भी पढ़ें- कलश जलभरी को लेकर सोन नदी के तट पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, बदइंतजामी से नाराज दिखे श्रद्धालु

बीते वर्षों में भी प्रतिमा में तरह-तरह का प्रयोग होते रहे हैं. इसके पहले अमरूदी गली में किशमिश, चाय की पत्तियों से बनी प्रतिमा और भंवर पोखर में दलिया की बनी प्रतिमा बनायी जा चुकी है. ये प्रतिमाएं राजधानी के लोगों के आकर्षण का केंद्र रह चुकी हैं. ऐसे में कलाकार लगातार नए प्रयोग कर रहे हैं.

पटना: राजधानी वासियों में दुर्गा पूजा (Durga Puja 2021) को लेकर काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. पूजा समिति के आयोजकों ने इस बार तरह-तरह के सामानों का प्रयोग कर माता की प्रतिमा (Durga Puja In Patna) बनवायी है, जो आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. सरकार की गाइडलाइंस के तहत इस बार शारदीय नवरात्र (Sharad Navaratri 2021) का आयोजन किया जा रहा है. माता की प्रतिमा और पूजा पंडाल भव्य तरीके से नहीं बनाया गया है, लेकिन इस बार पूजा समितियों द्वारा माता की मूर्ति में सरसों, उड़द दाल और मोतियों के साथ ही मास्क का भी प्रयोग किया गया है.

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पटना के मुसल्लेपुर हाट के नाथू गली में हिंद क्लब के द्वारा पीले और काले सरसों का प्रयोग कर मां की प्रतिमा बनाई गई है. 5 किलो पीला सरसों और 2 किलो काला सरसों से मूर्ति को रंग रूप दिया गया है. आयोजक सोनू ने बताया कि पीला सरसों मां दुर्गा के पूजा में भी उपयोग किया जाता है.

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"मां दुर्गा की पूजा में भी सरसों का प्रयोग होता है. इसलिए हमने पहले से ही सोच रखा था कि इस बार माता का मूर्ति सरसों से ही बनाएंगे. यही कारण है कि छोटी प्रतिमा होने के बावजूद मां की मूर्ति को देखने के लिए काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं."-सोनू, आयोजक

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वहीं मुसल्लहपुरहाट के चाईटोला में माता की प्रतिमा के निर्माण में माता के चेहरे से लेकर साड़ी के गोट तक तरह-तरह के मोती का प्रयोग कर मूर्ति का रूप दिया गया है.इसमें आर्टिफिशियल स्टोन से लेकर उजला मोती माता के फेस पर लगाया गया है. माता की प्रतिमा को तैयार करने में 1 महीने से कारीगर जुटे हुए थे और बहुत बारीकी से माता की प्रतिमा पर आर्टिफिशियल स्टोन का प्रयोग करके इसे तैयार किया है.

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इस बार राजधानी पटना में छोटे प्रतिमा ही स्थापित किए गए हैं, लेकिन छोटे प्रतिमा को अलग-अलग रूप दिया गया है. अलग-अलग सामग्रियों से माता की प्रतिमा बनाई गई है. कोरोना महामारी ने लोगों को लंबे समय तक परेशान किया और लोगों के जीवन का अभिन्न हिस्सा मास्क बन चुका है. इसी का संदेश देते हुए पूजा समिति एएंबेसी क्लब द्वारा माता की प्रतिमा और झंडे में पूरी तरह से मास्क का प्रयोग किया गया है. साथ ही प्रतिमा में भी छोटे-छोटे दो माता की और प्रतिमा बनाई गई है, जिसमें भी माता के चेहरे पर मास्क लगाया गया है. इसके जरिए समिति मास्क लगाने का संदेश देने के साथ ही लोगों को कोरोना के प्रति सचेत भी कर रही है.

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बीते वर्षों में भी प्रतिमा में तरह-तरह का प्रयोग होते रहे हैं. इसके पहले अमरूदी गली में किशमिश, चाय की पत्तियों से बनी प्रतिमा और भंवर पोखर में दलिया की बनी प्रतिमा बनायी जा चुकी है. ये प्रतिमाएं राजधानी के लोगों के आकर्षण का केंद्र रह चुकी हैं. ऐसे में कलाकार लगातार नए प्रयोग कर रहे हैं.

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