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कोरोना के कारण कई गंभीर बीमारियों के मामलों में आई कमी

कोरोना के कारण साल 2020 बुरी तरह प्रभावित रहा और लगभग सभी क्षेत्रों पर कोरोना के दुष्परिणाम देखने को मिले. धीरे-धीरे स्वास्थ्य सुविधाओं में विकास हुआ और अब काफी हद तक अस्पतालों में मूलभूत सुविधाओं में काफी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. ये कोरोना का एक अच्छा परिणाम ही है. हाल के दौरान सामान्य वायरल और बैक्टीरियल बीमारी के मामले भी काफी कम सामने आए और डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के भी मामले पिछले साल काफी कम रहे.

पटना
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Published : Mar 6, 2021, 9:41 PM IST

Updated : Mar 6, 2021, 10:04 PM IST

पटना: कोरोना के कारण साल 2020 बुरी तरह प्रभावित रहा और लगभग सभी क्षेत्रों पर कोरोना का दुष्परिणाम देखने को मिला. लेकिन, कुछ क्षेत्र ऐसे रहे जहां कोरोना के कारण काफी सुखद परिणाम भी देखने को मिले. हाल के दौरान सामान्य वायरल और बैक्टीरियल बीमारी के मामले भी काफी कम सामने आए. इसके साथ ही अब काफी हद तक अस्पतालों में मूलभूत सुविधाओं में काफी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. ये कोरोना का एक अच्छा परिणाम ही है.

ये भी पढ़ें- पटनाः वैक्सीनेशन अभियान में खूब दिलचस्पी ले रहे बुजुर्ग

कोरोना का दिखा पॉजिटिव इफेक्ट
न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. मनोज सिन्हा ने बताया कि जैसे हर सिक्के के दो पहलू होते हैं. उसी तरह कोरोना के साथ भी ऐसा ही रहा. इस बीमारी के कुछ पॉजिटिव इफेक्ट भी देखने को मिले. कोरोना के कारण जहां एक ओर देश बुरी तरह प्रभावित रहा. वहीं, दूसरी तरफ साल 2020 में कई बीमारियों के मामले काफी कम सामने आए. डायरिया, डिसेंट्री, डेंगू, टाइफाइड, और अन्य इंफेक्शन जनित बीमारी जो गलत खानपान से होते थे, उसके काफी कम केस सामने आए.

सजगता से दूसरी बीमारियों में आई कमी
कोरोना से बचाव को लेकर जब लॉकडाउन लागू हुआ, तब सभी लोग घरों में बंद हो गए और बाहर का खानपान बंद हो गया. ऐसे में फूड प्वॉइजनिंग और अन्य बीमारियां लोगों को नहीं हुई. इसके साथ ही लॉकडाउन के समय गर्मी का मौसम चल रहा था और गर्मी के मौसम में डिहाइड्रेशन और लू लगने की शिकायत काफी ज्यादा होती है. मगर लॉकडाउन के कारण लोग अपने घरों में रहे और वह इन बीमारियों से ग्रसित नहीं हुए.

डॉ.मनोज सिन्हा, अधीक्षक, न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल
डॉ.मनोज सिन्हा, अधीक्षक, न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल

''साल 2020 में पूर्व के सालों की तुलना में लू से काफी कम लोगों की जान गई और ये निश्चित रूप से प्रदेश के लिए सुकून की बात रही. इसके साथ ही सामान्य सर्दी-खांसी जैसे वायरल बीमारी के भी मामले पिछले साल काफी कम दर्ज हुए. लोगों ने कोरोना से बचाव के लिए काफी काढ़े का सेवन किया और काफी एहतियात भी बरती. डायरिया, डिसेंट्री, टाइफाइड, डेंगू और अन्य वायरल बीमारियों के पिछले साल के मामलों को देखें, तो ये पूर्व के सालों की तुलना में लगभग 60 से 70 फीसदी तक कम रहा है'- डॉ.मनोज सिन्हा, अधीक्षक, न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल

पॉल्यूशन कंट्रोल होने से बीमारियों में कमी
डॉ. मनोज सिन्हा ने कहा कि कोरोना का दूसरा पॉजिटिव इफेक्ट नेचर पर देखने को मिला. जब लॉकडाउन के कारण वातावरण काफी साफ हो गया और एयर पॉल्यूशन काफी हद तक कंट्रोल हो गया था. एयर पॉल्यूशन कंट्रोल होने से श्वास जनित कई बीमारियां जैसे कि दमा, अस्थमा, टीबी इत्यादि के नए मामले भी काफी कम सामने आए. कोरोना पीरियड में क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस के मामले भी काफी कम सामने आए.

देखिए रिपोर्ट

वायरल बीमारियों में आई कमी
पीएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉक्टर सत्येंद्र नारायण सिंह ने बताया कि पिछले साल पूर्व के सालों की तुलना में अस्पताल में काफी कम डेंगू, टाइफाइड, मलेरिया और अन्य वायरल बीमारियों के मामले सामने आए. उन्होंने बताया कि साल 2019 में पटना में बाढ़ आई थी और इसके कारण जलजमाव हो गया था और उस साल डेंगू के बहुत अधिक मामले सामने आए थे और 1000 से अधिक मरीज डेंगू के मिले थे.

डॉ. सत्येंद्र नारायण सिंह, विभागाध्यक्ष, माइक्रोबायोलॉजी, पीएमसीएच
डॉ. सत्येंद्र नारायण सिंह, विभागाध्यक्ष, माइक्रोबायोलॉजी, पीएमसीएच

''साल 2020 में कोरोना के कारण लोगों ने हाइजीन पर विशेष ध्यान दिया और आसपास स्वच्छता का माहौल रखा. सरकार ने भी साफ सफाई और पानी के ड्रेनेज सिस्टम पर विशेष ध्यान दिया. इसका नतीजा ये हुआ कि डेंगू और मलेरिया के मामले साल 2020 में काफी कम आए. साल 2020 में डेंगू के मामले 50फीसदी से भी कम रहे''- डॉ. सत्येंद्र नारायण सिंह, विभागाध्यक्ष, माइक्रोबायोलॉजी, पीएमसीएच

ये भी पढ़ें- छोटे बच्चों के लिए नहीं है कोरोना वैक्सीन, 12 से 18 साल के बच्चों के लिए ट्रायल जारी

लोगों ने इम्यून सिस्टम को किया मजबूत
डॉक्टर सत्येंद्र नारायण सिंह ने बताया कि साल 2020 में लोग कोरोना से इतने भयभीत थे कि जरा भी सर्दी खांसी और बुखार उन्हें महसूस होता तो वो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करते या तमाम प्रिकॉशन शुरू कर देते और अपनी लापरवाही बंद कर देते थे. इस वजह से कोई बीमारी बढ़ी नहीं. पिछले साल लोगों ने अपनी इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए खानपान को भी बेहतर किया और ये भी कारण रहा कि लोगों को वायरल और बैक्टीरियल बीमारियां काफी कम हुई.

पटना: कोरोना के कारण साल 2020 बुरी तरह प्रभावित रहा और लगभग सभी क्षेत्रों पर कोरोना का दुष्परिणाम देखने को मिला. लेकिन, कुछ क्षेत्र ऐसे रहे जहां कोरोना के कारण काफी सुखद परिणाम भी देखने को मिले. हाल के दौरान सामान्य वायरल और बैक्टीरियल बीमारी के मामले भी काफी कम सामने आए. इसके साथ ही अब काफी हद तक अस्पतालों में मूलभूत सुविधाओं में काफी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. ये कोरोना का एक अच्छा परिणाम ही है.

ये भी पढ़ें- पटनाः वैक्सीनेशन अभियान में खूब दिलचस्पी ले रहे बुजुर्ग

कोरोना का दिखा पॉजिटिव इफेक्ट
न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. मनोज सिन्हा ने बताया कि जैसे हर सिक्के के दो पहलू होते हैं. उसी तरह कोरोना के साथ भी ऐसा ही रहा. इस बीमारी के कुछ पॉजिटिव इफेक्ट भी देखने को मिले. कोरोना के कारण जहां एक ओर देश बुरी तरह प्रभावित रहा. वहीं, दूसरी तरफ साल 2020 में कई बीमारियों के मामले काफी कम सामने आए. डायरिया, डिसेंट्री, डेंगू, टाइफाइड, और अन्य इंफेक्शन जनित बीमारी जो गलत खानपान से होते थे, उसके काफी कम केस सामने आए.

सजगता से दूसरी बीमारियों में आई कमी
कोरोना से बचाव को लेकर जब लॉकडाउन लागू हुआ, तब सभी लोग घरों में बंद हो गए और बाहर का खानपान बंद हो गया. ऐसे में फूड प्वॉइजनिंग और अन्य बीमारियां लोगों को नहीं हुई. इसके साथ ही लॉकडाउन के समय गर्मी का मौसम चल रहा था और गर्मी के मौसम में डिहाइड्रेशन और लू लगने की शिकायत काफी ज्यादा होती है. मगर लॉकडाउन के कारण लोग अपने घरों में रहे और वह इन बीमारियों से ग्रसित नहीं हुए.

डॉ.मनोज सिन्हा, अधीक्षक, न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल
डॉ.मनोज सिन्हा, अधीक्षक, न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल

''साल 2020 में पूर्व के सालों की तुलना में लू से काफी कम लोगों की जान गई और ये निश्चित रूप से प्रदेश के लिए सुकून की बात रही. इसके साथ ही सामान्य सर्दी-खांसी जैसे वायरल बीमारी के भी मामले पिछले साल काफी कम दर्ज हुए. लोगों ने कोरोना से बचाव के लिए काफी काढ़े का सेवन किया और काफी एहतियात भी बरती. डायरिया, डिसेंट्री, टाइफाइड, डेंगू और अन्य वायरल बीमारियों के पिछले साल के मामलों को देखें, तो ये पूर्व के सालों की तुलना में लगभग 60 से 70 फीसदी तक कम रहा है'- डॉ.मनोज सिन्हा, अधीक्षक, न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल

पॉल्यूशन कंट्रोल होने से बीमारियों में कमी
डॉ. मनोज सिन्हा ने कहा कि कोरोना का दूसरा पॉजिटिव इफेक्ट नेचर पर देखने को मिला. जब लॉकडाउन के कारण वातावरण काफी साफ हो गया और एयर पॉल्यूशन काफी हद तक कंट्रोल हो गया था. एयर पॉल्यूशन कंट्रोल होने से श्वास जनित कई बीमारियां जैसे कि दमा, अस्थमा, टीबी इत्यादि के नए मामले भी काफी कम सामने आए. कोरोना पीरियड में क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस के मामले भी काफी कम सामने आए.

देखिए रिपोर्ट

वायरल बीमारियों में आई कमी
पीएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉक्टर सत्येंद्र नारायण सिंह ने बताया कि पिछले साल पूर्व के सालों की तुलना में अस्पताल में काफी कम डेंगू, टाइफाइड, मलेरिया और अन्य वायरल बीमारियों के मामले सामने आए. उन्होंने बताया कि साल 2019 में पटना में बाढ़ आई थी और इसके कारण जलजमाव हो गया था और उस साल डेंगू के बहुत अधिक मामले सामने आए थे और 1000 से अधिक मरीज डेंगू के मिले थे.

डॉ. सत्येंद्र नारायण सिंह, विभागाध्यक्ष, माइक्रोबायोलॉजी, पीएमसीएच
डॉ. सत्येंद्र नारायण सिंह, विभागाध्यक्ष, माइक्रोबायोलॉजी, पीएमसीएच

''साल 2020 में कोरोना के कारण लोगों ने हाइजीन पर विशेष ध्यान दिया और आसपास स्वच्छता का माहौल रखा. सरकार ने भी साफ सफाई और पानी के ड्रेनेज सिस्टम पर विशेष ध्यान दिया. इसका नतीजा ये हुआ कि डेंगू और मलेरिया के मामले साल 2020 में काफी कम आए. साल 2020 में डेंगू के मामले 50फीसदी से भी कम रहे''- डॉ. सत्येंद्र नारायण सिंह, विभागाध्यक्ष, माइक्रोबायोलॉजी, पीएमसीएच

ये भी पढ़ें- छोटे बच्चों के लिए नहीं है कोरोना वैक्सीन, 12 से 18 साल के बच्चों के लिए ट्रायल जारी

लोगों ने इम्यून सिस्टम को किया मजबूत
डॉक्टर सत्येंद्र नारायण सिंह ने बताया कि साल 2020 में लोग कोरोना से इतने भयभीत थे कि जरा भी सर्दी खांसी और बुखार उन्हें महसूस होता तो वो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करते या तमाम प्रिकॉशन शुरू कर देते और अपनी लापरवाही बंद कर देते थे. इस वजह से कोई बीमारी बढ़ी नहीं. पिछले साल लोगों ने अपनी इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए खानपान को भी बेहतर किया और ये भी कारण रहा कि लोगों को वायरल और बैक्टीरियल बीमारियां काफी कम हुई.

Last Updated : Mar 6, 2021, 10:04 PM IST
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