पटनाः बिहार में सूखाड़ की संभावना (Drought in Bihar) दिख रही है. मानसून आने के बाद भी बारिश नहीं होने से धनरोपनी प्रभावित हो रहा है. ऐसा लगता है इस बार खेत में धान की फसल नहीं लहलहा पाएगा, जिस वजह से किसानों के सामने भारी संकट है. हालांकि सरकार ने अभी तक बिहार को सूखा क्षेत्र घोषित नहीं किया है.
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बिहार में डीजल अनुदान की घोषणाः सरकार ने डीजल अनुदान की घोषणा तो की है, लेकिन इंद्रदेव की बेरुखी अगर जारी ही रही तो हालात और बुरा हो सकता है. कृषि प्रधान राज्य बिहार के किसान के लिए बारिश नहीं होना बड़ी समस्या है. किसान त्राहिमाम कर रहे हैं. मानसून ने दस्तक तो दे दिया है, लेकिन बारिश नहीं होने से किसान चिंतित नजर आ रहे हैं.
"हमारे इलाके में 20 से 30% ही धान के बिछड़े की बुवाई हो सकी है. वर्षा नहीं होने के कारण किसान त्राहिमाम हैं. किसानों के लिए रोजी-रोटी की समस्या आन पड़ी है. अगर इसी तरह बारिश नहीं हुई और धान रोपाई नहीं होगी. खाने के लाले पड़ जाएंगे." -बबन प्रसाद, किसान, पटना
लक्ष्य के अनुसार नहीं हुई बारिशः मौसम विभाग के अनुसार सामान्य रूप से अब तक 442.3 एमएम बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन 242.2 एमएम ही बारिश हुई है. जितनी बारिश होनी चाहिए थी उसे आधी भी नहीं हो पायी है. नतीजतन राज्य में 49% धान की खेती ही हो पाई है. कई जिले में तो 30 प्रतिशत तो कई जिले में 50 प्रतिशत ही धान की रोपाई हुई है. अब तक जितनी भी रोपाई हुई है, सभी बोरिंग के सहारे ही हुई.
"कोसी इलाके में स्थिति और गंभीर है. इधर, 30% से ज्यादा बुआई नहीं हो पाई है. किसानों के सामने विकट समस्या है. धान की बुआई नहीं होगी तो किसानों के सामने भारी संकट आ जाएगी. किसान भूखमरी के शिकार हो जाएंगे." -श्याम सुंदर कुमार, किसान, सहरसा
10 जिले में सूखाड़ की ज्यादा समस्याः बिहार में 10 जिले बुरी तरह सूखे की चपेट में है. किसान इंद्रदेव की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं. बुआई के लिए मात्र 10 दिन शेष रह गया है. अगर बारिश नहीं हुई तो हालात भयावह होने के आसार हैं. धान का कटोरा कहे जाने वाले रोहतास में भी यही समस्या है, हालांकि यहां अन्य जिले से ज्यादा रोपाई हुई है, लेकिन यह पंप के सहारे रोपनी हुई है.
"रोहतास जिले में 60% ही बुआई हो सकी है. ऐसे में धान उत्पादन में कमी आने की संभावना है. कुछ क्षेत्र ऐसे हैं, जहां के लोग बारिश पर आश्रित हैं, उनके खेत में धान की रोपाई नहीं हो पाई है. लोग पंप के सहारे धान की रोपाई कर तो लेंगे लेकिन सिंचाई के समय बारिश नहीं हुई तो फसल बेकार हो जाएगा." - ददन दुबे, किसान. रोहतास
बारिश का अनुपात धीरे-धीरे कमः मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 1981 से 1990 के बीच बिहार में जुलाई महीने में औसतन 426 MM बारिश हुई थी. पिछले तीन दशक से बिहार में 314 MM बारिश दर्ज की गई है. साल 2021 के जुलाई में 258 MM बारिश हुई, जबकि 2022 में 134 MM और 2023 में अब तक मात्र 112 MM बारिश दर्ज की गई है. पिछले साल जुलाई महीने पर नजर डाले तो बारिश का अनुपात धीरे-धीरे कम होता जा रहा है.
30000 तक मिलेगा डीजल अनुदानः डीजल अनुदान के लिए अब तक 13400 किसानों ने आवेदन किया है. किसानों को 75 पैसे प्रति यूनिट की बिजली दी जा रही. 12 घंटे निर्बाध बिजली की आपूर्ति की जा रही है. 750 प्रति एकड़ सिंचाई डीजल अनुदान देने की बात कही गई है. धान का बिचड़ा व जूट फसल की अधिकतम दो सिंचाई के लिए 100 प्रति एकड़ दिए जाएंगे. कुल 5 सिंचाई के लिए ₹3750 प्रति एकड़ यानी एक किसान को कुल 30000 तक की सहायता की जाएगी.
"अल्प वर्षा ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है. किसानों के लिए हमने डीजल अनुदान की घोषणा की है. अगर जरूरत पड़ी तो नीतीश कुमार की सरकार किसानों के लिए पूरा खजाना खोलने के लिए तैयार है." -कुमार सर्वजीत, कृषि मंत्री, बिहार सरकार