पटना: बिहार में भीषण गर्मी पड़ रही है. गर्मी को देखते हुए बिहार राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने गुरुवार को सभी जिला के जिला अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह अपने क्षेत्र में शहर के प्रमुख चौक चौराहों पर प्याऊ या शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करें. लेकिन इसके बावजूद राजधानी पटना में ही चौक चौराहों पर जिला प्रशासन और नगर निगम की ओर से प्याऊ की कोई व्यवस्था नहीं की गई (Drinking Water Arrangments Failure in Patna) है. पटना में तापमान 42 डिग्री के पार रह रहा है और ऐसी स्थिति में जो रिक्शा चालक हैं, गरीब ठेला चालक हैं, उन्हें प्यास बुझाने के लिए शौचालय में लगे नल से पानी पीकर प्यास बुझाना पड़ रहा है.
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निजी संस्था ने की व्यवस्थाः हालांकि शहर के इनकम टैक्स और डाक बंगला चौराहा जैसे प्रमुख स्थानों पर कुछ सामाजिक संगठनों की तरफ से शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की गई है. पटना की भीड़ के हिसाब से यह काफी नहीं है. फिर भी लोगों को यहां राहत मिल जा रही है. इनकम टैक्स चौराहा पर व्यवसायियों के संगठन कैट की तरफ से ईएसआईसी भवन के पास मिट्टी के घड़े और ग्लास की व्यवस्था की गई है. यहां पास में ठेले पर फल बेचने वाले राजू ने बताया कि बीते दिनों यहां घड़े की व्यवस्था की गई और सुबह शाम इसमें पानी डाला जाता है. इससे काफी राहत मिल गई है, क्योंकि जिस प्रकार दिन में भीषण गर्मी पड़ रही है. प्यास काफी लग रही है. प्यास बुझाने में राहत मिल रही है. काफी रिक्शा चालक ठेला चालक और अन्य राहगीर भी यहां आकर अपनी प्यास बुझाते हैं. इसके अलावा यहीं रोटरी क्लब की ओर से एक शीतल पेय की व्यवस्था की गई है, जहां ठंडे पानी की मशीन है.
आर ब्लॉक में नहीं है कोई व्यवस्थाः पटना के आर ब्लॉक गोलंबर पर पुल के नीचे छाया में बैठे लगभग 10 की संख्या में रिक्शा चालकों ने यही बताया कि यहां पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. रिक्शा चालक राजेश सहनी ने बताया कि आर ब्लॉक इलाके में पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. सरकार की तरफ से इन दिनों कोई प्याऊ नहीं लगाया गया है. ऐसे में गर्मी काफी पड़ रही है और जब उन्हें प्यास लगती है, तो वह लोग पास में बने सार्वजनिक शौचालय के अंदर जाते हैं. उसके नल से पानी निकालकर पानी पीते हैं.
गर्मी में लोगों का हाल बेहालः रिक्शा चालक दिनेश राय ने बताया कि यहां पानी पीने की कोई व्यवस्था नहीं है और प्यास लगने पर वह लोग शौचालय में जाकर पानी पीते हैं. गर्मी काफी पड़ रही है और सरकार को उनके जैसे गरीब लोगों का भी ख्याल करना चाहिए. सभी के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करानी चाहिए. रिक्शा चालक ब्रह्मदेव ने बताया कि प्यास लगने पर शौचालय में जाकर पानी पी लेते हैं. कुछ लोग कहते हैं कि पानी गंदा है, लेकिन जो भी है प्यास बुझाने के काम आ जाता है. चौक चौराहों पर सरकार की तरफ से कहीं भी गर्मी को देखते हुए पीने के लिए पानी की व्यवस्था नहीं की गई है. बड़े लोग पानी की बोतल खरीद कर पी लेते हैं लेकिन उनके जैसे गरीब लोगों के लिए पानी खरीदकर पीना मुश्किल है, क्योंकि अब रिक्शे का जमाना नहीं रहा. रिक्शे पर पैसेंजर भी दिन भर में बहुत मुश्किल से मिलते हैं.
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