ETV Bharat / state

पटना के कालिदास रंगालय में नाटक प्रेम कबूतर का किया गया मंचन

कालिदास रंगालय में नाटक प्रेम कबूतर का कलाकारों ने मंचन किया. नाटक प्रेम कबूतर तीन दोस्तों की कहानी है. कहानी में प्रेम प्रसंग को दिखाया गया है.

नाटक का एक दृश्य
नाटक का एक दृश्य
author img

By

Published : Feb 25, 2021, 1:38 AM IST

पटनाः राजधानी पटना के गांधी मैदान स्थित बिहार आर्ट थियेटर में नाटक प्रेम कबूतर का कलाकारों ने मंचन किया. नाटक प्रेम कबूतर में तीन दोस्तों की कहानी है. सुनील, सलीम और राजू काफी अच्छे दोस्त हैं और हमेशा साथ रहते हैं.

नाटक का एक दृश्य
नाटक का एक दृश्य

ये भी पढ़ें- सड़क हादसे में दोषी ड्राइवर का लाइसेंस होगा रद्द, वाहनों का रजिस्ट्रेशन भी होगा कैंसिल

हो जाती है गलतफहमी
कहानी की नायिका मीनाक्षी सलीम से प्रेम करती है. लेकिन सुनील मन ही मन सलीम की प्रेमिका मीनाक्षी को पसंद करता है. और राजू मीनाक्षी की सहेली नीना से प्रेम करने लगता है और उसे पत्र देना चाहता है. लेकिन पत्र नहीं दे पाता.

सुनील राजू के प्रेम पत्र में एक पप्पू नाम की भूमिका बनाता है और अपनी मन की बात पत्र में लिख देता है. मीनाक्षी जब पत्र पढ़ती है, तो दुखी हो जाती है. इसी प्रकार से सबके बीच पत्र में सही नाम नहीं रहने के कारण काफी गलतफहमी बन जाती है.

नायिका करती है प्रेम का इजहार
अंत में जब मीनाक्षी को पता चलता है कि पप्पू कोई और नहीं बल्कि सुनील है. मीनाक्षी सुनील के पिताजी के क्लास रूम में ही पत्र देकर प्रेम का इंतजार करती है और कहती है कि पप्पू तुम ही हो. प्रेम की भाषा में कहें तो हर इंसान प्रेम में कबूतर बन गुटर-गूं कर रहा होता है.

पटनाः राजधानी पटना के गांधी मैदान स्थित बिहार आर्ट थियेटर में नाटक प्रेम कबूतर का कलाकारों ने मंचन किया. नाटक प्रेम कबूतर में तीन दोस्तों की कहानी है. सुनील, सलीम और राजू काफी अच्छे दोस्त हैं और हमेशा साथ रहते हैं.

नाटक का एक दृश्य
नाटक का एक दृश्य

ये भी पढ़ें- सड़क हादसे में दोषी ड्राइवर का लाइसेंस होगा रद्द, वाहनों का रजिस्ट्रेशन भी होगा कैंसिल

हो जाती है गलतफहमी
कहानी की नायिका मीनाक्षी सलीम से प्रेम करती है. लेकिन सुनील मन ही मन सलीम की प्रेमिका मीनाक्षी को पसंद करता है. और राजू मीनाक्षी की सहेली नीना से प्रेम करने लगता है और उसे पत्र देना चाहता है. लेकिन पत्र नहीं दे पाता.

सुनील राजू के प्रेम पत्र में एक पप्पू नाम की भूमिका बनाता है और अपनी मन की बात पत्र में लिख देता है. मीनाक्षी जब पत्र पढ़ती है, तो दुखी हो जाती है. इसी प्रकार से सबके बीच पत्र में सही नाम नहीं रहने के कारण काफी गलतफहमी बन जाती है.

नायिका करती है प्रेम का इजहार
अंत में जब मीनाक्षी को पता चलता है कि पप्पू कोई और नहीं बल्कि सुनील है. मीनाक्षी सुनील के पिताजी के क्लास रूम में ही पत्र देकर प्रेम का इंतजार करती है और कहती है कि पप्पू तुम ही हो. प्रेम की भाषा में कहें तो हर इंसान प्रेम में कबूतर बन गुटर-गूं कर रहा होता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.