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PMCH के नए अधीक्षक ने संभाला कार्यभार, कहा- 2 महीने में बदल जाएगी अस्पताल की तस्वीर

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Published : Dec 16, 2019, 8:16 PM IST

नए अधीक्षक ने कहा कि पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की स्थिति आयुष्मान भारत योजना के मामले में बहुत खराब है. जिन गरीबों को 5 लाख रुपया मिलने होते हैं. वो सही से नहीं मिल पा रहे हैं. इस पर गंभीर रूप से ध्यान दिया जाएगा.

पीएमसीएच के नए अधीक्षक
पीएमसीएच के नए अधीक्षक

पटना: डॉ. विमल कुमार कारक ने पीएमसीएच के अधीक्षक को रूप में पदभार संभाला है. इससे पहले 30 नवंबर को पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ. राजीव रंजन के रिटायरमेंट के बाद ये इस पद का प्रभार प्रिंसिपल डॉ. विद्यापति चौधरी को सौंपा गया था. मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल के साथ-साथ हॉस्पिटल के अधीक्षक के रूप में डॉ. विद्यापति के ऊपर ज्यादा कार्यबोझ पड़ रहा था. लिहाजा, स्वास्थ्य विभाग ने डॉ. विमल कुमार कारक को हॉस्पिटल की कमान सौंप दी.

वर्तमान में डॉ. विनय कुमार कारक के पास भी 2 पद हैं. वो पीएचआई (पब्लिक हेल्थ केयर) के निदेशक और पीएमसीएच के अधीक्षक के रूप में अपनी सेवा देंगे. ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए उन्होंने अस्पताल के लिए अपनी प्राथमिकताओं को साझा किया है. डॉ. विमल कुमार कारक ने बताया कि उनकी पहली प्राथमिकता होगी कि मेडिकल इमरजेंसी को टाटा वॉर्ड में जल्द से जल्द शिफ्ट किया जाए. उन्होंने बताया कि पटना मेडिकल कॉलेज में जितनी गंदगी है और जो वहां बाहर की गाड़ियां है. उन्हें वॉर्ड लेवल से हटाया जाएगा.

क्या बोले पीएमसीएच के नए अधीक्षक

'दुरुस्त होगी पीएमसीएच की सुरक्षा व्यवस्था'
डॉ. विमल ने कहा कि पीएमसीएच में साफ-सफाई के लिए तीन एजेंसियां काम करती हैं. उन्होंने सभी एजेंसियों के इंचार्ज को पदभार ग्रहण करते ही 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया है. उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश है कि बहुत सारे कार्य जैसे कि प्रधानमंत्री का जन-धन योजना है. ये सभी पीएमसीएच में बहुत ही सुस्त पड़ी हुई हैं. परिसर में सिक्योरिटी की समस्या है और लॉ एंड ऑर्डर का प्रॉब्लम है. इन सभी को दुरुस्त करना उनकी प्राथमिकताओं में हैं.

'2 महीने में बदल दूंगा पीएमसीएच की स्थिति'
डॉ. विमल कुमार कारक ने कहां की स्वास्थ्य मंत्री और विभाग के प्रधान सचिव की इच्छा है कि पीएमसीएच का जो स्थिति है. उसमें जल्द से जल्द सुधार हो. उन्होंने कहा कि जो स्थिति और स्वरूप वर्तमान में हैं उन्हें दुरुस्त किया जाएगा. इसके लिए उन्होंने सरकार से 2 महीने का समय मांगा है. आयुष्मान भारत योजना पर उन्होंने कहा कि इस बारे में नोडल ऑफिसर और डिप्टी सुपरिटेंडेंट को मैंने आदेश दिया है कि इस योजना को सुचारू रूप से चलाया जाए.

जागरूकता जरूरी- डॉ. विमल
नए अधीक्षक ने कहा कि उन्होंने हेल्थ मैनेजर की मीटिंग को भी बुलाया था और इस मीटिंग में उन्होंने आयुष्मान भारत में आने वाली समस्याओं के बारे में जाना. उन्होंने कहा कि पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की स्थिति आयुष्मान भारत योजना के मामले में बहुत खराब है. जिन गरीबों को 5 लाख रुपया मिलने होते हैं. वो सही से नहीं मिल पा रहे हैं. इस पर गंभीर रूप से ध्यान दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि पीएमसीएच गरीबों का ही अस्पताल है और बिहार में जो भी गरीब हैं. अगर वो बीमार होते हैं, तो पीएमसीएच ही आते हैं. इसके चलते उनकी कोशिश होगी कि जल्द से जल्द आयुष्मान भारत के मरीजों को ये राशि जल्द से जल्द मिले. इसके पीछे जो भी कारक हैं उसके लिए मरीजों को जागरूक करने के लिए हेल्थ मैनेजर के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.

पटना: डॉ. विमल कुमार कारक ने पीएमसीएच के अधीक्षक को रूप में पदभार संभाला है. इससे पहले 30 नवंबर को पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ. राजीव रंजन के रिटायरमेंट के बाद ये इस पद का प्रभार प्रिंसिपल डॉ. विद्यापति चौधरी को सौंपा गया था. मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल के साथ-साथ हॉस्पिटल के अधीक्षक के रूप में डॉ. विद्यापति के ऊपर ज्यादा कार्यबोझ पड़ रहा था. लिहाजा, स्वास्थ्य विभाग ने डॉ. विमल कुमार कारक को हॉस्पिटल की कमान सौंप दी.

वर्तमान में डॉ. विनय कुमार कारक के पास भी 2 पद हैं. वो पीएचआई (पब्लिक हेल्थ केयर) के निदेशक और पीएमसीएच के अधीक्षक के रूप में अपनी सेवा देंगे. ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए उन्होंने अस्पताल के लिए अपनी प्राथमिकताओं को साझा किया है. डॉ. विमल कुमार कारक ने बताया कि उनकी पहली प्राथमिकता होगी कि मेडिकल इमरजेंसी को टाटा वॉर्ड में जल्द से जल्द शिफ्ट किया जाए. उन्होंने बताया कि पटना मेडिकल कॉलेज में जितनी गंदगी है और जो वहां बाहर की गाड़ियां है. उन्हें वॉर्ड लेवल से हटाया जाएगा.

क्या बोले पीएमसीएच के नए अधीक्षक

'दुरुस्त होगी पीएमसीएच की सुरक्षा व्यवस्था'
डॉ. विमल ने कहा कि पीएमसीएच में साफ-सफाई के लिए तीन एजेंसियां काम करती हैं. उन्होंने सभी एजेंसियों के इंचार्ज को पदभार ग्रहण करते ही 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया है. उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश है कि बहुत सारे कार्य जैसे कि प्रधानमंत्री का जन-धन योजना है. ये सभी पीएमसीएच में बहुत ही सुस्त पड़ी हुई हैं. परिसर में सिक्योरिटी की समस्या है और लॉ एंड ऑर्डर का प्रॉब्लम है. इन सभी को दुरुस्त करना उनकी प्राथमिकताओं में हैं.

'2 महीने में बदल दूंगा पीएमसीएच की स्थिति'
डॉ. विमल कुमार कारक ने कहां की स्वास्थ्य मंत्री और विभाग के प्रधान सचिव की इच्छा है कि पीएमसीएच का जो स्थिति है. उसमें जल्द से जल्द सुधार हो. उन्होंने कहा कि जो स्थिति और स्वरूप वर्तमान में हैं उन्हें दुरुस्त किया जाएगा. इसके लिए उन्होंने सरकार से 2 महीने का समय मांगा है. आयुष्मान भारत योजना पर उन्होंने कहा कि इस बारे में नोडल ऑफिसर और डिप्टी सुपरिटेंडेंट को मैंने आदेश दिया है कि इस योजना को सुचारू रूप से चलाया जाए.

जागरूकता जरूरी- डॉ. विमल
नए अधीक्षक ने कहा कि उन्होंने हेल्थ मैनेजर की मीटिंग को भी बुलाया था और इस मीटिंग में उन्होंने आयुष्मान भारत में आने वाली समस्याओं के बारे में जाना. उन्होंने कहा कि पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की स्थिति आयुष्मान भारत योजना के मामले में बहुत खराब है. जिन गरीबों को 5 लाख रुपया मिलने होते हैं. वो सही से नहीं मिल पा रहे हैं. इस पर गंभीर रूप से ध्यान दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि पीएमसीएच गरीबों का ही अस्पताल है और बिहार में जो भी गरीब हैं. अगर वो बीमार होते हैं, तो पीएमसीएच ही आते हैं. इसके चलते उनकी कोशिश होगी कि जल्द से जल्द आयुष्मान भारत के मरीजों को ये राशि जल्द से जल्द मिले. इसके पीछे जो भी कारक हैं उसके लिए मरीजों को जागरूक करने के लिए हेल्थ मैनेजर के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.

Intro:राजधानी पटना के सुप्रसिद्ध अस्पताल पीएमसीएच में सोमवार के दिन डॉ विमल कुमार कारक ने पीएमसीएच के अधीक्षक के पद पर पदभार संभाला. आपको बता दें कि 30 नवंबर को पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ राजीव रंजन के रिटायरमेंट के बाद अधीक्षक के पद का कार्यभार पीएमसीएच कॉलेज के प्रिंसिपल विद्यापति चौधरी के पास था. मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और अस्पताल के अधीक्षक 2 पदों पर काम करने पर उन्हें ज्यादा कार्य बोझ था. स्वास्थ्य विभाग की ओर से विमल कुमार कारक को अधीक्षक के पद पर पदभार ग्रहण करने का दिशा निर्देश जारी हुआ जिसके बाद वर्तमान में पब्लिक हेल्थ केयर इंस्टिट्यूशन के निदेशक डॉ विमल कुमार कारक ने सोमवार के दिन अधीक्षक के पद पर पदभार ग्रहण किया. वर्तमान में डॉक्टर विनय कुमा वर्तमान में डॉ विमल कुमार कारक के पास 2 पद हैं, एक पी एच आई के निदेशक और दूसरा पीएमसीएच के अधीक्षक का पद.


Body:पीएमसीएच के नए अधीक्षक डॉ विमल कुमार कारक ने ईटीवी भारत संवाददाता कृष्ण नंदन से खास बातचीत में कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता होगी कि मेडिकल इमरजेंसी को टाटा वार्ड में जल्द से जल्द शिफ्ट किया जाए. उन्होंने बताया कि पटना मेडिकल कॉलेज में जितनी गंदगी है और जो वहां बाहर की गाड़ियां है उसको वर्ल्ड लेवल में वहां से हटाना उनकी प्राथमिकता में है. उन्होंने बताया कि तीन एजेंसियां काम करती हैं और सभी एजेंसियों के इंचार्ज पदभार ग्रहण करने के बाद बुलाकर साफ सफाई का 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया है. उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश है कि बहुत सारे कार्य जैसे कि प्रधानमंत्री का जन धन योजना है पीएमसीएच में बहुत ही सुस्त पड़ा हुआ है उसको आगे बढ़ाएंगे. वहां पर सिक्योरिटी की समस्या है और लॉ एंड ऑर्डर का प्रॉब्लम है यह सब को दुरुस्त करना उनकी प्राथमिकता में हैं.
डॉ विमल कुमार कारक ने कहां की स्वास्थ्य मंत्री और विभाग के प्रधान सचिव की इच्छा है कि पीएमसीएच का जो स्थिति और स्वरूप पूर्व में थी वह वापस आए. उन्होंने कहा कि जो स्थिति और स्वरूप खराब हो गई है उसको दुरुस्त करने के लिए उन्होंने सरकार से 2 महीने का समय मांगा है.


Conclusion:डॉ विमल कारक ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के जो नोडल ऑफीसर हैं वह डिप्टी सुपरिटेंडेंट है और इस योजना के सुचारू क्रियान्वयन के लिए उनको बुलाकर कहा है. उन्होंने कहा कि आज उन्होंने हेल्थ मैनेजर की मीटिंग को भी बुलाया था और इस मीटिंग में उन्होंने आयुष्मान भारत में आने वाली समस्याओं के बारे में जाना. उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज की स्थिति आयुष्मान भारत योजना के मामले में बहुत खराब है जो गरीबों को ₹500000 मिलना है वह सही से नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने कहा कि पीएमसीएच गरीबों का ही अस्पताल है और बिहार में जो भी गरीब हैं वह बीमार होते हैं तो पीएमसीएच ही आते हैं. उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश होगी कि जल्द से जल्द आयुष्मान भारत के मरीजों को उनकी राशि मिली इसके पीछे कुछ तकनीकी समस्या है जैसे कि बीएचटी (बेड हेड टिकट) का फोटो कॉपी चाहिए और बहुत सारे कागजात चाहिए जो लोगों को मालूम नहीं होता. उन्होंने कहा कि लोगों के पास आधार कार्ड और पैन कार्ड भी नहीं होता है और इस बारे में जागरूक करने के लिए हेल्थ मैनेजर के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाएंगे और इस योजना को प्राथमिकता के आधार पर लागू करेंगे.
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