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बिहार में ब्लैक फंगस के बाद अब व्हाइट फंगस का कहर, एक्सपर्ट से जानिए कैसे करें बचाव

आईजीआईएमएस और पटना एम्स समेत कई अस्पतालों में ब्लैक फंगस से संक्रमित मरीजों का इलाज चल रहा है. इसी बीच पीएमसीएच में व्हाइट फंगस के 4 मरीज मिले हैं.

Dr. Satyanarayana Singh, Head of the Microbiology Department of PMCH gave information on white fungal infection during corona epidemic
Dr. Satyanarayana Singh, Head of the Microbiology Department of PMCH gave information on white fungal infection during corona epidemic
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Published : May 21, 2021, 8:38 PM IST

पटना: देश और राज्य में कोरोना महामारी का प्रकोप लगातार जारी है. इसी बीच फंगल इंफेक्शन के मामले भी सामने आ रहे हैं. बिहार में ब्लैक फंगस के बाद अब व्हाइट फंगस के मामले भी सामने आने लगे हैं. इस फंगल इंफेक्शन ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. हालांकि डॉक्टरों ने इस इंफेक्शन से बचने के लिए जांच और उचित इलाज की सलाह दी है.

ये भी पढ़ें- ब्लैक फंगस के बाद व्हाइट फंगस ने बढ़ाई टेंशन, जानिए शरीर पर कैसे करता है अटैक

"व्हाइट फंगस का संक्रमण, ब्लैक फंगस के संक्रमण से अधिक खतरनाक माना जाता है. क्योंकि यह फेफड़ों के साथ-साथ शरीर के अन्य भागों नाखून, त्वचा, पेट, गुर्दे, मस्तिष्क और मुंहों को भी प्रभावित करता है. व्हाइट फंगस भी फेफड़ों को संक्रमित करता है. व्हाइट फंगस उन कोरोना मरीजों को प्रभावित कर रहा है, जो ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं. व्हाइट फंगस का सीधा असर इन मरीजों के फेफड़ों पर हो रहा है."-डॉ. सत्यनारायण सिंह, विभागाध्यक्ष, माइक्रोबायोलॉजी, पीएमसीएच

गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों को रखा गया अलर्ट
व्हाइट फंगस के सक्रमण को लेकर डॉक्टर ने बताया कि ये कैंसर का इलाज करवा रहे मरीजों, एचआईवी पीड़ित लोगों या फिर काफी दिनों से स्ट्राइड का सेवन कर रहे लोगों सहित अभी के समय में ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखे गए मरीजों को हो रहा है. इस फंगल इंफेक्शन से बचने के लिए कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों के साथ बच्चों और महिलाओं को अलर्ट पर रखा गया है.

डॉ. सत्यनारायण सिंह, विभागाध्यक्ष, माइक्रोबायोलॉजी, पीएमसीएच

व्हाइट फंगस है काफी खतरनाक
इसके साथ ही डॉ. सत्यनारायण सिंह ने बताया कि यह व्हाइट फंगस काफी खतरनाक है. यह ज्यादातर कोरोना संक्रमित मरीज और कैंसर पीड़ित या फिर किडनी ट्रांसप्लांट के मरीजों को ज्यादा प्रभावित करता है. ब्लैक फंगस में तो गले से ऊपर का सभी पार्ट इनवाल्व होता लेकिन इस फंगल इंफेक्शन में शरीर का कोई भी अंग प्रभावित हो सकता है. हालांकि अभी के समय में दोनों ही इंफेक्शन फेफड़े को प्रभावित कर रहा है. इससे मरीजों की मौत हो रही है.

कैसे करें व्हाइट फंगस से बचाव
डॉ. सत्यनारायण सिंह ने व्हाइट फंगस से बचाव को लेकर कहा कि जो मरीज ऑक्सीजन या वेंटिलेटर पर हैं, उनके ऑक्सीजन या वेंटिलेटर उपकरण विशेषकर ट्यूब आदि जीवाणु मुक्त होने चाहिए. ऑक्सीजन सिलेंडर ह्यूमिडिफायर में स्ट्रेलाइज वाटर का प्रयोग करना चाहिए, जो ऑक्सीजन मरीज के फेफड़े में जाए वह फंगस से मुक्त हो. जिन मरीजों का रैपिड एंटीजन और आरटीपीसीआर टेस्ट निगेटिव हो और जिनके एचआरसीटी में कोरोना जैसे लक्षण हो, उनका रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट कराना चाहिए. बलगम के फंगस कल्चर की भी जांच करवानी चाहिए.

पटना: देश और राज्य में कोरोना महामारी का प्रकोप लगातार जारी है. इसी बीच फंगल इंफेक्शन के मामले भी सामने आ रहे हैं. बिहार में ब्लैक फंगस के बाद अब व्हाइट फंगस के मामले भी सामने आने लगे हैं. इस फंगल इंफेक्शन ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. हालांकि डॉक्टरों ने इस इंफेक्शन से बचने के लिए जांच और उचित इलाज की सलाह दी है.

ये भी पढ़ें- ब्लैक फंगस के बाद व्हाइट फंगस ने बढ़ाई टेंशन, जानिए शरीर पर कैसे करता है अटैक

"व्हाइट फंगस का संक्रमण, ब्लैक फंगस के संक्रमण से अधिक खतरनाक माना जाता है. क्योंकि यह फेफड़ों के साथ-साथ शरीर के अन्य भागों नाखून, त्वचा, पेट, गुर्दे, मस्तिष्क और मुंहों को भी प्रभावित करता है. व्हाइट फंगस भी फेफड़ों को संक्रमित करता है. व्हाइट फंगस उन कोरोना मरीजों को प्रभावित कर रहा है, जो ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं. व्हाइट फंगस का सीधा असर इन मरीजों के फेफड़ों पर हो रहा है."-डॉ. सत्यनारायण सिंह, विभागाध्यक्ष, माइक्रोबायोलॉजी, पीएमसीएच

गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों को रखा गया अलर्ट
व्हाइट फंगस के सक्रमण को लेकर डॉक्टर ने बताया कि ये कैंसर का इलाज करवा रहे मरीजों, एचआईवी पीड़ित लोगों या फिर काफी दिनों से स्ट्राइड का सेवन कर रहे लोगों सहित अभी के समय में ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखे गए मरीजों को हो रहा है. इस फंगल इंफेक्शन से बचने के लिए कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों के साथ बच्चों और महिलाओं को अलर्ट पर रखा गया है.

डॉ. सत्यनारायण सिंह, विभागाध्यक्ष, माइक्रोबायोलॉजी, पीएमसीएच

व्हाइट फंगस है काफी खतरनाक
इसके साथ ही डॉ. सत्यनारायण सिंह ने बताया कि यह व्हाइट फंगस काफी खतरनाक है. यह ज्यादातर कोरोना संक्रमित मरीज और कैंसर पीड़ित या फिर किडनी ट्रांसप्लांट के मरीजों को ज्यादा प्रभावित करता है. ब्लैक फंगस में तो गले से ऊपर का सभी पार्ट इनवाल्व होता लेकिन इस फंगल इंफेक्शन में शरीर का कोई भी अंग प्रभावित हो सकता है. हालांकि अभी के समय में दोनों ही इंफेक्शन फेफड़े को प्रभावित कर रहा है. इससे मरीजों की मौत हो रही है.

कैसे करें व्हाइट फंगस से बचाव
डॉ. सत्यनारायण सिंह ने व्हाइट फंगस से बचाव को लेकर कहा कि जो मरीज ऑक्सीजन या वेंटिलेटर पर हैं, उनके ऑक्सीजन या वेंटिलेटर उपकरण विशेषकर ट्यूब आदि जीवाणु मुक्त होने चाहिए. ऑक्सीजन सिलेंडर ह्यूमिडिफायर में स्ट्रेलाइज वाटर का प्रयोग करना चाहिए, जो ऑक्सीजन मरीज के फेफड़े में जाए वह फंगस से मुक्त हो. जिन मरीजों का रैपिड एंटीजन और आरटीपीसीआर टेस्ट निगेटिव हो और जिनके एचआरसीटी में कोरोना जैसे लक्षण हो, उनका रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट कराना चाहिए. बलगम के फंगस कल्चर की भी जांच करवानी चाहिए.

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