पटनाः कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave Of Corona) का अटैक प्रदेश में डॉक्टरों पर गंभीर रूप से हुआ है. प्रदेश भर में लगभग 500 की संख्या में डॉक्टर और मेडिकल स्टूडेंट कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं. राजधानी पटना में ही इसकी संख्या 350 से अधिक है. इस सिलसिले में डॉ मनोज कुमार सिन्हा (Dr Manoj Kumar Sinha On Omicron In Patna) ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि इतनी बड़ी तादाद में अगर डॉक्टर संक्रमित होंगे, तो अस्पतालों में व्यवस्था प्रभावित होगी. साथ ही अन्य डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ का वर्क लोड बढ़ जाएगा.
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पटना के इनकम टैक्स चौराहा स्थित न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल के भी 2 चिकित्सक पॉजिटिव है. ऐसे में अस्पताल के अधीक्षक और वरिष्ठ चिकित्सक डॉ मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि चिकित्सक बड़ी तादाद में संक्रमित हुए हैं, ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि बहुत बड़ी कोई लापरवाही हुई है. अभी वायरस का जो नेचर है, उसमें अधिकांश एसिंप्टोमेटिक रूप से संक्रमित हो रहे हैं. यानी कि संक्रमण का लक्षण पता नहीं चल पा रहा है और संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है.
ऐसे में पेशेंट को देखते वक्त डॉक्टर या फिर नर्सेज और अन्य मेडिकल स्टाफ को यह नहीं पता चल रहा है कि मरीज को कोरोना है या नहीं. इसी वजह से डॉक्टर और अन्य मेडिकल स्टाफ संक्रमित हो रहे हैं, लेकिन यह अधिक चिंता की बात नहीं है. क्योंकि लगभग सभी हल्के से मध्यम स्तर के संक्रमित हो रहे हैं. 7 दिन के होम आइसोलेशन में रखकर वह ठीक हो सकते हैं और हो रहे हैं.
डॉ मनोज कुमार सिन्हा ने कहा कि इस बार संक्रमण का ओमिक्रॉन रूप अधिक वायरलेंट नजर नहीं आ रहा है, हालांकि जो लोग कोमोरबिड होंगे उन्हें निश्चित रूप से यह गंभीर रूप से परेशानी होगी. अब तक के स्टडी में यह बहुत अधिक संक्रामक मिला है. लेकिन इसकी घातकता अधिक नहीं मिली है. कोई भी वायरस के बारे में कम समय में अधिक नहीं बताया जा सकता कि आने वाले समय में उसका क्या इफेक्ट होने जा रहा है.
'इसके बचाव का एकमात्र उपाय वो तीन मंत्र हैं, जिसका पालन हमें करना है. जो कोरोना से जुड़ी गाइडलाइन है. पहला यह कि चेहरे पर मास्क का प्रयोग करना है, दूसरा भीड़भाड़ वाली जगहों पर नहीं जाना है और सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन रखनी है. तीसरा ये कि हैंड हाइजीन पर ध्यान देना है'- डॉ मनोज कुमार सिन्हा,वरिष्ठ चिकित्सक
बता दें कि इस समय एनएमसीएच के 280 चिकित्सक पॉजिटिव हैं. वहीं, पीएमसीएच के 20 चिकित्सक पॉजिटिव है, पटना एम्स की बात करें तो एम्स के 36 डॉक्टर अभी के समय कोरोना पॉजिटिव हैं. आईजीआईएमएस के 15 पॉजिटिव हैं तो वहीं इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान के तीन चिकित्सक पॉजिटिव है.
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पटना के बड़े मेडिकल कॉलेजों के अलावे न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल, गुरु गोविंद सिंह हॉस्पिटल और अन्य अस्पतालों की भी लगभग 25 से अधिक चिकित्सक पॉजिटिव है. पॉजिटिव चिकित्सकों में से लगभग 80 फ़ीसदी चिकित्सक हाल ही में संपन्न हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय वार्षिक सम्मेलन में शामिल हुए थे, जिसमें देश भर से हजारों की संख्या में डॉक्टर पहुंचे थे.
पटना के अलावा अन्य जिलों की बात करें तो विभिन्न मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के 150 के करीब मेडिकल छात्र और चिकित्सक अभी के समय कोरोना पॉजिटिव है. प्रदेश में इतनी बड़ी तादाद में चिकित्सकों के संक्रमित होने से अस्पतालों में काम कर रहे चिकित्सकों पर वर्क लोड काफी बढ़ गया है. चिकित्सकों के संक्रमित होने से चिकित्सा व्यवस्था भी थोड़ी बहुत प्रभावित हुई है. एनएमसीएच जैसे अस्पताल में कई विभाग बंद हो गए हैं.
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