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Covid-19 vaccine: बच्चों को कोवैक्सीन की जगह लगा दी कोवीशील्ड, एक्सपर्ट्स का दावा- 'कोई दिक्कत नहीं होगी'

बिहार के नालंदा में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही ( Negligence in Vaccination of Children in Nalanda) के कारण दो भाइयों को कोवैक्सीन की जगह कोविशिल्ड दे दिया गया. इस पर विशेषज्ञों का कहना है कि, अगर 24 घंटे तक कोई साइड इफेक्ट नहीं दिखा तो आगे भी कोई परेशानी नहीं होगी. पढ़ें पूरी खबर..

DR Manoj Kumar Sinha On Covishield To Children
DR Manoj Kumar Sinha On Covishield To Children
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Published : Jan 4, 2022, 7:36 PM IST

Updated : Jan 4, 2022, 8:04 PM IST

पटना: प्रदेश में सोमवार से 15 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों का कोरोना टीकाकरण अभियान शुरू हुआ है. जनवरी माह के अंत तक इस एज ग्रुप के प्रदेश के सभी 83 लाख 46 हजार बच्चों को सरकार ने पहले डोज से वैक्सीनेट करने का लक्ष्य रखा है. लेकिन पहले ही दिन टीकाकरण अभियान के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों की बड़ी लापरवाही सामने आई थी. इस पर चिकित्सकों (DR Manoj Kumar Sinha On Covishield To Children) ने जानकारी देते हुए कहा कि, इससे बच्चों को खतरा नहीं है.

यह भी पढ़ें- पहले दिन ही बच्चों के वैक्सीनेशन में गड़बड़ी: नालंदा में दो भाइयों को Covaxin की जगह दे दी Covishield

15 से 18 वर्ष के बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर सरकार का दिशा निर्देश है कि, बच्चों को सिर्फ कोवैक्सीन का ही वैक्सीन दिया जाना है. बच्चों के वैक्सीनेशन में कोवैक्सीन के साथ कोविशिल्ड वैक्सीन का डोज मिक्स ना हो, इस वजह से बच्चों और बड़ों का वैक्सीनेशन स्पॉट अलग-अलग बनाए जाने का सरकार का दिशा निर्देश है.

बच्चों को कोविशिल्ड देने पर विशेषज्ञ

इन सारी सावधानियों के बावजूद एक बड़ी चूक सामने आई. पहले दिन ही नालंदा में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई. नालंदा में दो भाइयों को कोवैक्सीन की जगह कोविशिल्ड का टीका लगा दिया गया.

कोवैक्सीन की जगह कोविशिल्ड का टीका पड़ने से बच्चों और उनके अभिभावकों के मन में डर बैठ गया कि, कहीं इसका साइड इफेक्ट ना हो शुरू हो जाए. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से नालंदा में बच्चों को सिविल सर्जन कार्यालय में लगभग 2 घंटे तक ऑब्जर्वेशन में भी रखा गया लेकिन, दोनों किशोर के स्वास्थ्य में कोई विशेष बदलाव नहीं आने पर दोनों को घर भेज दिया गया.

ये भी पढ़ें- कोरोना को लेकर आज क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक, CM नीतीश लेंगे बड़ा फैसला

बता दें कि, कोविशिल्ड वैक्सीन का बच्चों पर असर को लेकर अभी तक कोई स्टडी रिपोर्ट सामने नहीं आई है, जबकि कोवैक्सीन का बच्चों पर स्टडी रिपोर्ट आ चुका है. सरकार की तरफ से बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए सिर्फ कोवैक्सीन को ही अप्रूव किया गया है.

पटना के न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ मनोज कुमार सिन्हा ने नालंदा मामले पर कहा कि, जो घटना है वह स्वास्थ्य कर्मियों की बहुत बड़ी लापरवाही है. लेकिन यह एक मानवीय भूल है.

ये भी पढ़ें- ..कहीं सुपर स्प्रेडर ना बन जाए NMCH, तीन दिनों में 168 डॉक्टर और छात्र मिले कोरोना पॉजिटिव

"इसका कोई दुष्परिणाम सामने नहीं आया है. बच्चों के लिए कोविशिल्ड और कोवैक्सीन में फर्क यही है कि, कोवैक्सीन का बच्चों पर स्टडी रिपोर्ट आ चुका है और कोविशिल्ड का अब तक नहीं आया है. लेकिन यह भी प्रक्रिया के दौर में है. आने वाले कुछ दिनों में जल्द ही कोविशिल्ड को भी बच्चों के लिए अप्रूव कर दिया जाएगा. नालंदा के दो भाइयों को जिस तरह से कोविशिल्ड दे दिया गया, इस प्रकार की लापरवाही आगे नहीं होनी चाहिए."- डॉ मनोज कुमार सिन्हा, अधीक्षक, न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल पटना

चिकित्सकों का मानना है कि, इस तरह के मामलों में थोड़ी भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. बच्चों का वही वैक्सीनेशन हो जिसे सरकार की तरफ से अप्रूव किया जाता है. 24 घंटे के अंदर तक अगर बच्चों में कोविशिल्ड लिए जाने पर कोई साइड इफेक्ट नजर नहीं आया तो अच्छी बात है. आगे भी किसी प्रकार का कोई साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिलेगा.

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पटना: प्रदेश में सोमवार से 15 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों का कोरोना टीकाकरण अभियान शुरू हुआ है. जनवरी माह के अंत तक इस एज ग्रुप के प्रदेश के सभी 83 लाख 46 हजार बच्चों को सरकार ने पहले डोज से वैक्सीनेट करने का लक्ष्य रखा है. लेकिन पहले ही दिन टीकाकरण अभियान के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों की बड़ी लापरवाही सामने आई थी. इस पर चिकित्सकों (DR Manoj Kumar Sinha On Covishield To Children) ने जानकारी देते हुए कहा कि, इससे बच्चों को खतरा नहीं है.

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15 से 18 वर्ष के बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर सरकार का दिशा निर्देश है कि, बच्चों को सिर्फ कोवैक्सीन का ही वैक्सीन दिया जाना है. बच्चों के वैक्सीनेशन में कोवैक्सीन के साथ कोविशिल्ड वैक्सीन का डोज मिक्स ना हो, इस वजह से बच्चों और बड़ों का वैक्सीनेशन स्पॉट अलग-अलग बनाए जाने का सरकार का दिशा निर्देश है.

बच्चों को कोविशिल्ड देने पर विशेषज्ञ

इन सारी सावधानियों के बावजूद एक बड़ी चूक सामने आई. पहले दिन ही नालंदा में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई. नालंदा में दो भाइयों को कोवैक्सीन की जगह कोविशिल्ड का टीका लगा दिया गया.

कोवैक्सीन की जगह कोविशिल्ड का टीका पड़ने से बच्चों और उनके अभिभावकों के मन में डर बैठ गया कि, कहीं इसका साइड इफेक्ट ना हो शुरू हो जाए. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से नालंदा में बच्चों को सिविल सर्जन कार्यालय में लगभग 2 घंटे तक ऑब्जर्वेशन में भी रखा गया लेकिन, दोनों किशोर के स्वास्थ्य में कोई विशेष बदलाव नहीं आने पर दोनों को घर भेज दिया गया.

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बता दें कि, कोविशिल्ड वैक्सीन का बच्चों पर असर को लेकर अभी तक कोई स्टडी रिपोर्ट सामने नहीं आई है, जबकि कोवैक्सीन का बच्चों पर स्टडी रिपोर्ट आ चुका है. सरकार की तरफ से बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए सिर्फ कोवैक्सीन को ही अप्रूव किया गया है.

पटना के न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ मनोज कुमार सिन्हा ने नालंदा मामले पर कहा कि, जो घटना है वह स्वास्थ्य कर्मियों की बहुत बड़ी लापरवाही है. लेकिन यह एक मानवीय भूल है.

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"इसका कोई दुष्परिणाम सामने नहीं आया है. बच्चों के लिए कोविशिल्ड और कोवैक्सीन में फर्क यही है कि, कोवैक्सीन का बच्चों पर स्टडी रिपोर्ट आ चुका है और कोविशिल्ड का अब तक नहीं आया है. लेकिन यह भी प्रक्रिया के दौर में है. आने वाले कुछ दिनों में जल्द ही कोविशिल्ड को भी बच्चों के लिए अप्रूव कर दिया जाएगा. नालंदा के दो भाइयों को जिस तरह से कोविशिल्ड दे दिया गया, इस प्रकार की लापरवाही आगे नहीं होनी चाहिए."- डॉ मनोज कुमार सिन्हा, अधीक्षक, न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल पटना

चिकित्सकों का मानना है कि, इस तरह के मामलों में थोड़ी भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. बच्चों का वही वैक्सीनेशन हो जिसे सरकार की तरफ से अप्रूव किया जाता है. 24 घंटे के अंदर तक अगर बच्चों में कोविशिल्ड लिए जाने पर कोई साइड इफेक्ट नजर नहीं आया तो अच्छी बात है. आगे भी किसी प्रकार का कोई साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिलेगा.

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Last Updated : Jan 4, 2022, 8:04 PM IST
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